महाराष्ट्र में मुआवजे पर सियासत: उद्धव बोले- किसानों के साथ सबसे क्रूर मजाक, एकनाथ शिंदे बोले- घड़ियाली आंसू..
महाराष्ट्र की राजनीति में किसानों के मुआवजे की राशि को लेकर आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गया है। एक तरफ जहां शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सरकार द्वारा किसानों के लिए घोषित राहत पैकेज को इतिहास का सबसे बड़ा मजाक बताया। वहीं दूसरी ओर डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने उद्धव के बयान को घड़ियाली आंसू बताया। आइए जानते है किसने क्या कहा?
विस्तार
महाराष्ट्र में हाल ही में आई भारी बारिश और बाढ़ के कारण किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा। ऐसे में अब राज्य सरकार द्वारा घोषित राहत पैकेज पर सियासत में गर्माहट सातवें आसमान पर पहुंच गई है। एक ओर जहां शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्य सरकार के मुआवजे को 'इतिहास का सबसे बड़ा मजाक' बताया है। तो वहीं दूसरी ओर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे पर पलटवार करते हुए उनकी संभाजीनगर में हुई रैली और बयान को घड़ियाली आंसुओं का तमाशा करार दिया।
मुआवजे की राशि इतिहास का सबसे बड़ा मजाक- ठाकरे
संभाजीनगर में एक रैली को संबोधित करते हुए शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख ने राज्य सरकार पर किसानों के मुआवजे को लेकर जमकर निशाना साधा। उन्होंने राज्य सरकार के मुआवजे को 'इतिहास का सबसे बड़ा मजाक' बताते हुए कहा कि अगर सरकार ने किसानों के लिए पूर्ण कर्जमाफी की घोषणा नहीं की, तो किसान सड़कों पर उतरेंगे।
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इस दौरान ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा। उन्होंने पीएम मोदी के हाल ही में किए गए महाराष्ट्र दौरे का जिक्र करते हुए कहा कि वे हाल ही में महाराष्ट्र आए लेकिन किसानों के मुद्दे पर एक शब्द नहीं बोले। उन्होंने सवाल उठाया कि जब किसानों की जिंदगी उजड़ गई है, तब सरकार में बैठे लोग चुप क्यों हैं।
एकनाथ शिंदे ने किया पलटवार
वहीं बयानबाजी का बाजार ज्यादा गर्म तब हो गया जब उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे उद्धव ठाकरे के संभाजीनगर रैली में दिए गए बयानों को लेकर आड़ेहाथ लिया। शिंदे ने उद्धव ठाकरे पर पलटवार करते हुए उनकी रैली को घड़ियाली आंसुओं का तमाशा करार दिया। शिंदे ने कहा कि ठाकरे सत्ता से बाहर होने के बाद किसानों के दर्द का दिखावा कर रहे हैं।
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शिंदे ने राहत पैकेज का किया जिक्र
शिंदे ने कहा कि जब खेत, घर और मवेशी सब बर्बाद हो गए, तब महायुति सरकार ने पूरे राज्य में दौरा किया और तय किया कि एनडीआरएफ के नियमों के बावजूद किसानों को तुरंत राहत दी जाएगी। इसके साथ ही शिंदे ने महाराष्ट्र सरकार की ओर से घोषित 31,628 करोड़ रुपये के राहत पैकेज का जिक्र करते हुए कहा कि किसानों के खातों में दिवाली से पहले 10,000 रुपये जमा कराए गए हैं।
उन्होंने कहा कि जिन किसानों की फसलें बर्बाद हुई हैं, उन्हें 48,000 रुपये प्रति हेक्टेयर तक और मनरेगा के तहत 3.47 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर तक की सहायता मिलेगी। शिंदे ने कहा कि महायुति सरकार नारे नहीं, समाधान देती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के समर्थन से राज्य और केंद्र मिलकर काम कर रहे हैं ताकि कोई भी किसान पीछे न छूटे।