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कौन होगा कर्नाटक का सीएम? खरगे ने दिया बयान
अमर उजाला डिजिटल डॉट कॉम Published by: आदर्श Updated Thu, 27 Nov 2025 02:12 PM IST
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कर्नाटक में सत्ता परिवर्तन की चर्चाएं एक बार फिर जोर पकड़ रही हैं। कांग्रेस सरकार ने 20 नवंबर को अपने पांच साल के कार्यकाल का आधा सफर पूरा कर लिया है और इसी के साथ राज्य में राजनीतिक हलचल भी बढ़ गई है। लंबे समय से यह संकेत मिलते रहे हैं कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच “ढाई-ढाई साल की सत्ता साझेदारी” की समझ बनी थी, हालांकि कांग्रेस ने इसे कभी औपचारिक रूप से स्वीकार नहीं किया। अब जब आधा कार्यकाल पूरा हो गया है, सवाल फिर वही है सीएम की कुर्सी किसे मिलेगी?
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बेंगलुरु में पत्रकारों से इस मुद्दे पर खुलकर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि वह सभी नेताओं को बुलाकर चर्चा करेंगे। इस बैठक में राहुल गांधी, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और अन्य वरिष्ठ नेता शामिल रहेंगे। खरगे ने साफ किया कि कांग्रेस का हाईकमान सामूहिक सहमति से निर्णय लेगा।
उनके इस बयान ने संकेत दे दिया है कि पार्टी शीर्ष स्तर पर इस मुद्दे पर गहराई से विचार कर रही है और आने वाले दिनों में कोई बड़ा फैसला सामने आ सकता है।
उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने गुरुवार को एक पोस्ट शेयर किया- “वचन की ताकत ही दुनिया की सबसे बड़ी ताकत है। जो कहा है, उस पर चलना चाहिए, चाहे वह जज हो, राष्ट्रपति हो या मैं खुद ही क्यों न रहूं।” उनका यह संदेश राजनीतिक गलियारों में सत्ता हस्तांतरण के संकेत के रूप में देखा जा रहा है। खास बात यह है कि शिवकुमार ने 29 नवंबर को सोनिया गांधी से मुलाकात का समय भी मांगा है, जिससे मौजूदा स्थिति और दिलचस्प हो गई है।
कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री केएन राजन्ना ने भी पार्टी की अंदरूनी कलह पर खुलकर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यदि पार्टी में नेतृत्व को लेकर विवाद है, तो बेहतर है कि विधानसभा भंग कर दोबारा चुनाव करा दिए जाएं।
राजन्ना ने यह भी कहा कि सिद्धारमैया को सीएम चुना गया था क्योंकि यह कांग्रेस विधायक दल (CLP) का निर्णय था, इसलिए अगला फैसला भी CLP को ही लेना चाहिए। हालांकि उन्होंने व्यक्तिगत तौर पर सिद्धारमैया को पूरा कार्यकाल देने का समर्थन किया और दूसरे विकल्प के रूप में गृह मंत्री डॉ. जी. परमेश्वर का नाम रखा।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने पूरी चर्चा को खारिज करते हुए कहा कि यह सब “अनावश्यक बहस” है। उधर, डीके शिवकुमार ने भी स्पष्ट किया कि उनके इस्तीफे की खबरें अफवाह हैं और वह कांग्रेस के साथ मजबूती से खड़े हैं।
सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस हाईकमान अगले कुछ दिनों में इस मुद्दे पर निर्णय ले सकता है। कर्नाटक सरकार की स्थिरता, पार्टी की आंतरिक एकता और आगामी चुनावी रणनीति को ध्यान में रखते हुए फैसला लिया जाएगा।
ऐसे में अब सबकी नजरें दिल्ली में होने वाली प्रस्तावित बैठक पर टिकी हैं, जहाँ कर्नाटक की सत्ता संतुलन पर अंतिम निर्णय किया जा सकता है।
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