{"_id":"6926a3c9e6bbebf80e0d8891","slug":"pm-modi-s-letter-to-the-countrymen-on-constitution-day-2025-11-26","type":"video","status":"publish","title_hn":"संविधान दिवस पर पीएम मोदी का देशवासियों को पत्र","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
संविधान दिवस पर पीएम मोदी का देशवासियों को पत्र
अमर उजाला डिजिटल डॉट कॉम Published by: आदर्श Updated Wed, 26 Nov 2025 12:22 PM IST
भारत आज संविधान दिवस मना रहा है, और इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को संबोधित करते हुए एक विस्तृत चिट्ठी लिखी है। प्रधानमंत्री ने नागरिकों से आग्रह किया कि वे अपने संवैधानिक कर्तव्यों को सर्वोपरि रखें, क्योंकि यही एक मजबूत और जीवंत लोकतंत्र की वास्तविक नींव हैं। उन्होंने पत्र में अपनी राजनीतिक यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि एक गरीब परिवार से आने वाले साधारण व्यक्ति का प्रधानमंत्री पद तक पहुंचना केवल भारत के संविधान की शक्ति का प्रमाण है।
पीएम मोदी ने लोकतंत्र की मजबूती में मताधिकार के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि मतदान केवल अधिकार नहीं बल्कि नागरिकों का महत्वपूर्ण कर्तव्य है। इसी संदर्भ में उन्होंने स्कूलों और कॉलेजों को सुझाव दिया कि हर वर्ष संविधान दिवस पर उन युवाओं का सम्मान किया जाए जो 18 वर्ष के होकर पहली बार मतदाता बने हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसा करने से युवाओं में लोकतंत्र के प्रति जिम्मेदारी और गर्व का भाव पैदा होगा, जो आगे चलकर राष्ट्र की मजबूती का आधार बनेगा।
मोदी ने अपनी चिट्ठी में महात्मा गांधी के उस विचार को भी याद किया कि अधिकार, कर्तव्यों के पालन से ही उत्पन्न होते हैं। उन्होंने कहा कि सामाजिक और आर्थिक प्रगति की नींव नागरिकों के कर्तव्यों के ईमानदार निर्वहन पर रखी जाती है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि आज लिए गए निर्णय और नीतियां आने वाली पीढ़ियों के जीवन को आकार देंगी, इसलिए नागरिकों को अपने कार्यों को कर्तव्यभाव से करना चाहिए।
अपनी चिट्ठी में प्रधानमंत्री मोदी ने संविधान सभा के सदस्यों, डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद, और संविधान निर्माण में ऐतिहासिक भूमिका निभाने वाले बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर को श्रद्धापूर्वक याद किया। उन्होंने संविधान सभा की महिला सदस्यों के योगदान की भी सराहना की, जिनके विचारों और दृष्टिकोण ने भारतीय संविधान को समृद्ध बनाया।
प्रधानमंत्री ने 2010 के अपने अनुभव का जिक्र भी किया, जब गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने संविधान के 60 वर्ष पूरे होने पर ‘संविधान गौरव यात्रा’ निकाली थी। इस यात्रा में संविधान की प्रतिकृति को एक हाथी पर रखकर पूरे राज्य में जागरूकता अभियान चलाया गया था।
उन्होंने बताया कि संविधान के 75 वर्ष पूरे होने पर केंद्र सरकार ने पूरे देश में जनभागीदारी आधारित विशेष जागरूकता अभियान चलाया, जिसे उन्होंने एक ऐतिहासिक क्षण बताया।
पीएम मोदी ने अपने पत्र में कहा कि इस वर्ष संविधान दिवस कई कारणों से विशेष है। यह वर्ष सरदार पटेल और भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती का है। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल के नेतृत्व ने भारत के राजनीतिक एकीकरण को संभव बनाया, और इसी प्रेरणा ने सरकार को जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने का साहस दिया। इसके बाद वहां पूरी तरह से भारतीय संविधान लागू हुआ और लोगों को सभी संवैधानिक अधिकार मिले।
उन्होंने वंदे मातरम के 150 वर्ष और गुरु तेग बहादुर की शहादत के 350 वर्ष पूरे होने को भी ऐतिहासिक महत्व का बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन महान व्यक्तित्वों का जीवन हमें कर्तव्य को सर्वोपरि रखने की प्रेरणा देता है वही कर्तव्य जिसे संविधान के आर्टिकल 51A में स्पष्ट रूप से उल्लिखित किया गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सदी के 25 वर्ष गुजर चुके हैं और अब देश महत्वपूर्ण मोड़ पर है। वर्ष 2047 में भारत आजादी के 100 वर्ष पूरे करेगा, और 2049 में संविधान निर्माण के 100 वर्ष। ऐसे समय में नीतियों और निर्णयों का असर आने वाली पीढ़ियों पर पड़ेगा। इसलिए नागरिकों को चाहिए कि वे कर्तव्यभाव से जीवन जिएं और हर कार्य में देशहित को प्राथमिकता दें।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हमारा हर कदम संविधान को मजबूत करने वाला होना चाहिए। हमारे संविधान निर्माताओं ने जो सपने देखे थे, उन्हें साकार करने का दायित्व हम सबका है। जब हम अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करते हैं, तो देश की सामाजिक और आर्थिक प्रगति कई गुना बढ़ जाती है।”
युवा मतदाताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मतदान का अधिकार लोकतंत्र की रीढ़ है, और नागरिकों का कर्तव्य है कि वे हर अवसर पर मतदान करें। उन्होंने अपील की कि 26 नवंबर को स्कूलों और कॉलेजों में नए मतदाताओं के सम्मान समारोह आयोजित किए जाएं, ताकि उन्हें यह महसूस हो कि वे अब राष्ट्र की नीति निर्धारण प्रक्रिया के सक्रिय सहभागी हैं।
अंत में प्रधानमंत्री मोदी ने सभी देशवासियों से आह्वान किया कि संविधान दिवस पर कर्तव्यों के पालन का संकल्प दोहराएं और विकसित भारत के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाएं।
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Next Article
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।