Cabinet: दुर्लभ धातुओं पर बड़ा कदम, कैबिनेट से 7000 करोड़ रुपये के प्रोत्साहन पैकेज को मंजूरी मिलने की संभावना
भारत ने अप्रैल में चीन द्वारा निर्यात नियंत्रण सख्त करने के बाद दुर्लभ पृथ्वी मैग्नेट सप्लाई चेन विकसित करने की गति तेज कर दी है। चीन और अमेरिका के बीच व्यापार तनाव के बीच, चीन ने इन 17 महत्वपूर्ण तत्वों को रणनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है। इस ने इस दिशा में क्या कदम उठाया है, आइए इस बारे में विस्तार से जानें।
विस्तार
केंद्रीय मंत्रिमंडल बुधवार को होने वाली बैठक में दुर्लभ पृथ्वी स्थायी मैग्नेट (Rare Earth Permanent Magnets) के लिए एक नई प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दे सकता है। सूत्रों के मुताबिक, इस योजना के लिए लगभग 7,000 करोड़ रुपये का आवंटन प्रस्तावित है, जो पहले के 2,500 करोड़ रुपये के अनुमानित पैकेज से लगभग तीन गुना अधिक है। यह कदम ऐसे समय उठाया जा रहा है जब चीन ने निर्यात नियंत्रण कड़े कर दिए हैं। चीन वैश्विक दुर्लभ पृथ्वी कच्चे माल का 60–70% और प्रोसेसिंग का 90% हिस्सा नियंत्रित करता है।
क्यों है यह योजना अहम?
दुर्लभ पृथ्वी तत्वों का उपयोग इलेक्ट्रिक वाहनों, नवीकरणीय ऊर्जा और रक्षा उत्पादन में होता है। भारत में इस क्षेत्र को अभी भी सीमित फंडिंग, तकनीकी विशेषज्ञता की कमी और लंबी परियोजना के लिए समयसीमा जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। बिना सरकारी समर्थन के वाणिज्यिक उत्पादन फिलहाल व्यावहारिक नहीं है। इसके अलावा, खनन से जुड़े पर्यावरणीय जोखिम इस क्षेत्र को और जटिल बनाते हैं।
चीन का दबाव और भारत की रणनीति
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने भारत में उपयोग के लिए दुर्लभ पृथ्वी मैग्नेट के निर्यात के शुरुआती लाइसेंस जारी किए हैं, लेकिन भारतीय कंपनियों को अब तक कोई लाइसेंस नहीं मिला है। भारत की वार्षिक मांग लगभग 2,000 टन ऑक्साइड की है, जिसे पूरा करने के लिए कई वैश्विक सप्लायर रुचि दिखा रहे हैं। सरकार सिंक्रोनस रिलक्टेंस मोटर्स पर अध्ययन को फंड कर रही है, ताकि भविष्य में दुर्लभ पृथ्वी पर निर्भरता कम की जा सके।
भारत रेयर अर्थ के लिए सप्लाई चेन विकसित करने पर कर रहा काम
भारत ने अप्रैल में चीन द्वारा निर्यात नियंत्रण सख्त करने के बाद दुर्लभ पृथ्वी मैग्नेट सप्लाई चेन विकसित करने की गति तेज कर दी है। चीन और अमेरिका के बीच व्यापार तनाव के बीच, चीन ने इन 17 महत्वपूर्ण तत्वों को रणनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जुलाई में चेतावनी दी थी कि महत्वपूर्ण खनिजों को हथियार नहीं बनाया जाना चाहिए और स्थिर, विविध आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित करनी चाहिए। वित्त वर्ष 2023-24 में भारत ने 2,270 टन दुर्लभ पृथ्वी धातु और यौगिक आयात किए, जो पिछले साल से लगभग 17% अधिक है। इनमें से 65% से ज्यादा आपूर्ति चीन से आई है।