SBI: 'RBI की दर कटौती के बाद भी एसबीआई का ब्याज मार्जिन रहेगा सुरक्षित', चेयरमैन सी एस शेट्टी ने जताया भरोसा
एसबीआई के चेयरमैन सी एस शेट्टी ने यह भरोसा जताया है कि मौद्रिक नीति में संभावित कटौती के बावजूद उसका 3 प्रतिशत शुद्ध ब्याज मार्जिन लक्ष्य सुरक्षित रहेगा। शेट्टी के मुताबिक, इतनी छोटी कटौती से बैंक की लाभप्रदता पर खास दबाव नहीं आएगा।
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भारतीय स्टेट बैंक को विश्वास है कि मौद्रिक नीति में संभावित कटौती के बावजूद उसका 3 प्रतिशत शुद्ध ब्याज मार्जिन (NIM) लक्ष्य सुरक्षित रहेगा। एसबीआई के चेयरमैन सी एस शेट्टी ने यह भरोसा जताया है।
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बैंक की मार्जिन स्थिति पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ेगा
उन्होंने बताया कि रिजर्व बैंक अगले सप्ताह रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की हल्की कटौती कर सकता है, लेकिन इसका बैंक की मार्जिन स्थिति पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ेगा। शेट्टी ने कहा कि आरबीआई का फैसला काफी करीबी होने वाला है, फिर भी एसबीआई की आंतरिक राय मामूली दर कटौती की ओर इशारा करती है। शेट्टी के मुताबिक, इतनी छोटी कटौती से बैंक की लाभप्रदता पर खास दबाव नहीं आएगा।
इस महीने की शुरुआत में, जब आधिकारिक आंकड़ों ने अक्तूबर में महंगाई दर 0.29% के रिकॉर्ड निचले स्तर पर आने की पुष्टि नहीं की थी, तब एसबीआई का अनुमान था कि आरबीआई दिसंबर में दरों को स्थिर रखेगा और फरवरी में कटौती करेगा।
आरबीआई के गवर्नर ने दिए कटौती के संकेत
इसी सप्ताह आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने भी संकेत दिया कि ब्याज दरों में कटौती की गुंजाइश मौजूद है और इसका उल्लेख अक्तूबर की पिछली द्विमासिक नीति में भी किया गया था। इन संकेतों और हालिया आर्थिक आंकड़ों ने बाजार में भारी उम्मीदें जगा दी हैं कि 5 दिसंबर की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में आरबीआई रेपो दर घटा सकता है।
विकास दर उच्च स्तर पर बनी हुई है
देश के सबसे बड़े ऋणदाता के अध्यक्ष शेट्टी ने कहा कि विकास दर उच्च स्तर पर बनी हुई है। बैंक को उम्मीद है कि दूसरी तिमाही में वास्तविक जीडीपी विस्तार 7.5 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2026 के लिए 7 प्रतिशत रहेगा। इसलिए आरबीआई को इस पर कड़ा रुख अपनाना होगा।
एसबीआई चेयरमैन ने कहा कि उच्च विकास दर आरबीआई के लिए एक तरह की पेश करती है। इसलिए जब विकास दर ऊंची होती है, तो ब्याज दरों में कटौती कैसे की जाती है, लेकिन मुद्रास्फीति में नरमी यह संकेत देती है कि ब्याज दरों में कटौती की गुंजाइश है।
बैंक की एनआईएम की मजबूती में कई कारक करेंगे मदद
शेट्टी के अनुसार, बैंक की एनआईएम को मजबूत बनाए रखने में कई कारक मदद करेंगे। सबसे बड़ा लाभ कैश रिजर्व रेशियो (CRR) में 1 प्रतिशत की कटौती से मिलेगा, जिससे बैंकों के पास कर्ज देने के लिए अधिक फंड उपलब्ध होंगे और ब्याज आय बढ़ेगी। इसके अलावा, पहले ऊंची दरों पर बुक किए गए फिक्स्ड डिपॉजिट के रीप्राइसिंग और बचत खातों पर 0.2% ब्याज दर कटौती के प्रभाव भी NIM को समर्थन देंगे।
फरवरी में दर कटौती से मिलेगा अधिक लाभ
उन्होंने यह भी बताया कि एसबीआई की केवल 30% परिसंपत्तियां ही रेपो-लिंक्ड हैं। ऐसे में आरबीआई द्वारा रेपो दर में कटौती होने पर बहुत छोटा हिस्सा ही तुरंत रीप्राइस होगा, जिससे मार्जिन पर दबाव सीमित रहेगा। हालांकि, उनका मानना है कि अगर दर कटौती फरवरी में होती, तो एनआईएम को और अधिक फायदा मिलता, क्योंकि तब तक बड़ी मात्रा में फिक्स्ड डिपॉजिट रीप्राइस हो चुके होंगे।
एनआईएम को लेकर एसबीआई का लक्ष्य
सितंबर तिमाही के नतीजों के बाद, जब एसबीआई का पूरे बैंक स्तर पर NIM मामूली बढ़कर 2.93% हुआ था, शेट्टी ने भरोसा जताया था कि बैंक मार्च 2026 तिमाही में एनआईएम को 3% से ऊपर ले जाने में सफल होगा। घरेलू NIM पहले ही लगातार 3% से अधिक बना हुआ है। एसबीआई चेयरमैन ने यह भी बताया कि सितंबर तिमाही में एनआईएम में हुई क्रमिक बढ़ोतरी मुख्य रूप से लायबिलिटी मैनेजमेंट की वजह से थी, जिसके चलते बैंक अपने फंड की लागत को कम करने में सफल रहा।