{"_id":"658d99b62a4707d7700fef83","slug":"maharashtra-shiv-sena-congress-seat-sharing-formula-reports-of-rift-2023-12-28","type":"story","status":"publish","title_hn":"Maharashtra: सीट बंटवारे पर कांग्रेस और उद्धव खेमे वाली शिवसेना आमने-सामने; 23 सीटों की मांग स्वीकार नहीं","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
Maharashtra: सीट बंटवारे पर कांग्रेस और उद्धव खेमे वाली शिवसेना आमने-सामने; 23 सीटों की मांग स्वीकार नहीं
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Published by: ज्योति भास्कर
Updated Thu, 28 Dec 2023 09:23 PM IST
सार
महाराष्ट्र में कांग्रेस और शिवसेना के बीच तनातनी की खबरें हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक कांग्रेस ने शिवसेना की 23 सीटों की मांग खारिज कर दी है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने कहा कि कांग्रेस की बैठक में अंतिम फैसला लिया जाएगा।
विज्ञापन
उद्धव ठाकरे और अशोक चव्हाण (फाइल)
- फोटो : ANI
विज्ञापन
विस्तार
लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के बीच टकराव की खबरें सामने आ रही हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक कांग्रेस ने शिवसेना की मांग खारिज कर दी है। शिवसेना ने 23 सीटों की मांग की है, लेकिन कांग्रेस को यह स्वीकार नहीं है। सीटों के बंटवारे का फॉर्मूला तय होने से पहले सीट बंटवारे की बातचीत से जुड़े वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने बताया कि दोनों दलों के बीच अंतिम सहमति नहीं बनी है। बता दें कि 2024 के चुनाव में 28 विपक्षी दलों के गठबंधन- INDIA में शामिल पार्टियों के बीच भी सीटों को लेकर तनातनी की खबरें सामने आई हैं।
महाविकास अघाड़ी का फॉर्मूला क्या होगा?
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने कहा कि पहले कांग्रेस पार्टी सीटों के बंटवारे पर आंतरिक मंथन करेगी। दिल्ली में महा विकास अघाड़ी के सीट बंटवारे फॉर्मूले से जुड़े एक सवाल पर चव्हाण ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के नेताओं और आलाकमान के साथ सीटों की संख्या को लेकर बात होने के बाद ही दूसरे दलों से चर्चा की जाएगी। बता दें कि महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी (MVA) की गठबंधन सरकार में कांग्रेस, शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की सरकार थी।
23 सीटों की मांग बहुत अधिक
राजनीतिक तालमेल और गठबंधन वाली राजनीति की शर्तों पर चव्हाण ने कहा, पार्टियों के बीच समायोजन जरूरी है। उन्होंने कहा, हर पार्टी सीटों की बड़ी हिस्सेदारी चाहती है। हालांकि, मौजूदा हालात और सियासी जनाधार के मद्देनजर शिवसेना की 23 सीटों की मांग बहुत अधिक है। एक अन्य कांग्रेस नेता निरुपम ने कहा कि नेताओं को जीतने की अधिक संभावना वाली सीटों पर विवाद से बचना चाहिए। उन्होंने कहा, शिवसेना 23 सीटों की मांग कर सकती है, लेकिन वे इतनी सीटों का क्या करेंगे? शिवसेना दो-फाड़ होने के कारण संकट पैदा हो गया है।
सीट-बंटवारे की बातचीत की जानकारी रखने वाले वरिष्ठ नेताओं के अनुसार, सीट बंटवारे पर मतभेद ऐसे समय में हुआ जब लोकसभा चुनाव 2024 के लिए महाराष्ट्र विकास अघाड़ी के सहयोगियों-शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और राकांपा के नेताओं के बीच सीट बंटवारे पर चर्चा हुई। इसमें दो गुटों में बंट चुकी शिवसेना के उद्धव खेमे ने महाराष्ट्र की 48 सीटों में से 23 सीटों पर दावा ठोक दिया। शिवसेना के अधिकांश सदस्य एकनाथ शिंदे के पक्ष में बताए जा रहे हैं।
कांग्रेस का वोट शेयर सबसे मजबूत
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने कहा कि शिवसेना के उद्धव ठाकरे के गुट को चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। पार्टी विभाजन के कारण उसके पास पर्याप्त उम्मीदवारों की कमी है। सीट बंटवारे पर चर्चा के लिए हुई बैठक में कांग्रेस प्रतिनिधियों ने स्पष्ट किया कि शिवसेना और शरद पवार की राकांपा में विभाजन हो चुका है। इसके बाद सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस ही राज्य में स्थिर वोट शेयर वाली एकमात्र पार्टी है।
शिवसेना और वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं की बातचीत
बता दें कि पिछले हफ्ते, शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने भी सीटों के बंटवारे के फॉर्मूले पर बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि उद्धव और आदित्य ठाकरे के साथ, हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, वरिष्ठ कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी की बैठक में भी सीटों के फॉर्मूले पर बात हुई थी। INDIA की बैठक के दौरान सभी नेता मिले थे। हालांकि, कांग्रेस और एनसीपी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेंगी, इस बारे में राउत ने कुछ नहीं कहा।
2019 के बाद कितनी बदली राजनीति
यह भी रोचक है कि 2019 में अविभाजित शिवसेना बीजेपी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) गठबंधन का हिस्सा थी। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना अब एमवीए का हिस्सा है। जून 2022 में, एकनाथ शिंदे और 40 अन्य विधायकों ने शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ बगावत की थी। इसके बाद पार्टी में विभाजन हो गया। इसके बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद बीजेपी के समर्थन से शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने।
Trending Videos
महाविकास अघाड़ी का फॉर्मूला क्या होगा?
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने कहा कि पहले कांग्रेस पार्टी सीटों के बंटवारे पर आंतरिक मंथन करेगी। दिल्ली में महा विकास अघाड़ी के सीट बंटवारे फॉर्मूले से जुड़े एक सवाल पर चव्हाण ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के नेताओं और आलाकमान के साथ सीटों की संख्या को लेकर बात होने के बाद ही दूसरे दलों से चर्चा की जाएगी। बता दें कि महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी (MVA) की गठबंधन सरकार में कांग्रेस, शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की सरकार थी।
विज्ञापन
विज्ञापन
23 सीटों की मांग बहुत अधिक
राजनीतिक तालमेल और गठबंधन वाली राजनीति की शर्तों पर चव्हाण ने कहा, पार्टियों के बीच समायोजन जरूरी है। उन्होंने कहा, हर पार्टी सीटों की बड़ी हिस्सेदारी चाहती है। हालांकि, मौजूदा हालात और सियासी जनाधार के मद्देनजर शिवसेना की 23 सीटों की मांग बहुत अधिक है। एक अन्य कांग्रेस नेता निरुपम ने कहा कि नेताओं को जीतने की अधिक संभावना वाली सीटों पर विवाद से बचना चाहिए। उन्होंने कहा, शिवसेना 23 सीटों की मांग कर सकती है, लेकिन वे इतनी सीटों का क्या करेंगे? शिवसेना दो-फाड़ होने के कारण संकट पैदा हो गया है।
48 सीटों में से 23 सीटों पर दावा ठोका#WATCH | Delhi: On seat sharing in Maha Vikas Aghadi (MVA) government, Congress leader Ashok Chavan says, "Tomorrow is the internal discussion of the party, after that, only we will have a conversation with other parties..." pic.twitter.com/bwo2HUVV8O
— ANI (@ANI) December 28, 2023
सीट-बंटवारे की बातचीत की जानकारी रखने वाले वरिष्ठ नेताओं के अनुसार, सीट बंटवारे पर मतभेद ऐसे समय में हुआ जब लोकसभा चुनाव 2024 के लिए महाराष्ट्र विकास अघाड़ी के सहयोगियों-शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और राकांपा के नेताओं के बीच सीट बंटवारे पर चर्चा हुई। इसमें दो गुटों में बंट चुकी शिवसेना के उद्धव खेमे ने महाराष्ट्र की 48 सीटों में से 23 सीटों पर दावा ठोक दिया। शिवसेना के अधिकांश सदस्य एकनाथ शिंदे के पक्ष में बताए जा रहे हैं।
कांग्रेस का वोट शेयर सबसे मजबूत
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने कहा कि शिवसेना के उद्धव ठाकरे के गुट को चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। पार्टी विभाजन के कारण उसके पास पर्याप्त उम्मीदवारों की कमी है। सीट बंटवारे पर चर्चा के लिए हुई बैठक में कांग्रेस प्रतिनिधियों ने स्पष्ट किया कि शिवसेना और शरद पवार की राकांपा में विभाजन हो चुका है। इसके बाद सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस ही राज्य में स्थिर वोट शेयर वाली एकमात्र पार्टी है।
शिवसेना और वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं की बातचीत
बता दें कि पिछले हफ्ते, शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने भी सीटों के बंटवारे के फॉर्मूले पर बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि उद्धव और आदित्य ठाकरे के साथ, हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, वरिष्ठ कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी की बैठक में भी सीटों के फॉर्मूले पर बात हुई थी। INDIA की बैठक के दौरान सभी नेता मिले थे। हालांकि, कांग्रेस और एनसीपी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेंगी, इस बारे में राउत ने कुछ नहीं कहा।
2019 के बाद कितनी बदली राजनीति
यह भी रोचक है कि 2019 में अविभाजित शिवसेना बीजेपी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) गठबंधन का हिस्सा थी। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना अब एमवीए का हिस्सा है। जून 2022 में, एकनाथ शिंदे और 40 अन्य विधायकों ने शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ बगावत की थी। इसके बाद पार्टी में विभाजन हो गया। इसके बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद बीजेपी के समर्थन से शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने।