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West Bengal SIR: ममता बनर्जी का ECI को पत्र, लगाया कुप्रबंधन का आरोप, कहा- 'अराजक और खतरनाक है एसआईआर'
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कोलकाता
Published by: देवेश त्रिपाठी
Updated Thu, 20 Nov 2025 04:16 PM IST
सार
ममता बनर्जी ने जलपाईगुड़ी में 48 वर्षीय बीएलओ शांति मुनि इक्का की आत्महत्या को असहनीय दबाव का नतीजा बताया। उन्होंने बुधवारा को दावा किया कि एसआईआर की वजह से राज्य में अब तक 28 लोगों की मौत हो चुकी है।
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ममता बनर्जी, मुख्यमंत्री, पश्चिम बंगाल
- फोटो : ANI
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विस्तार
पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले जारी मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान पर सियासी बवाल मचा हुआ है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को चुनाव आयोग को पत्र लिखकर कहा कि वर्तमान एसआईआर न केवल बिना योजना का, अराजक, बल्कि खतरनाक भी है। उन्होंने कहा कि यह चिंताजनक स्थिति में पहुंच गया है।
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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग को लिखे पत्र में कहा कि एसआईआर के 'कुप्रबंधन' की मानवीय कीमत अब असहनीय है। ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में जारी एसआईआर को रोकने की मांग पर जोर देते हुए हाल ही में एक बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) की आत्महत्या के मामले को उठाया।
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ममता बनर्जी ने एसआईआर प्रक्रिया में कथित कुप्रबंधन को लेकर चुनाव आयोग को लिखे पत्र में कहा कि मुझे तुरंत सुधारात्मक कार्रवाई की उम्मीद है। ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि बुनियादी तैयारियों, पर्याप्त योजना और स्पष्ट संचार के अभाव ने बंगाल में एसआईआर प्रक्रिया को पंगु बना दिया है।
पश्चिम बंगाल की सीएम ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल के सीईओ धमकी दे रहे हैं और एसआईआर में लगे बीएलओ को अनुचित कारण बताओ नोटिस जारी कर रहे हैं। अपने पत्र में उन्होंने लिखा कि प्रशिक्षण में गंभीर कमी और प्रक्रिया के लिए आवश्यक अनिवार्य दस्तावेजों के संबंध में स्पष्टता की कमी के कारण यह प्रक्रिया संरचनात्मक रूप से अस्थिर है।
ममता बनर्जी ने जलपाईगुड़ी में 48 वर्षीय बीएलओ शांति मुनि इक्का की आत्महत्या को असहनीय दबाव का नतीजा बताया। उन्होंने दावा किया कि एसआईआर की वजह से राज्य में अब तक 28 लोगों की मौत हो चुकी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शांति मुनि अपने घर के सामने दो पेड़ों के बीच एक बांस पर फांसी के फंदे से झूलती मिली थीं। शांति के पति ने दावा किया है कि एसआईआर प्रक्रिया की वजह से वह काफी मानसिक तनाव में था। उन्होंने कहा कि एसआईआर के फॉर्म बंगाली भाषा में थे, जिसे वह पढ़ नहीं सकती थी।