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Manipur: 'कांगपोकपी में 700 एकड़ जमीन पर हो रही अफीम की अवैध खेती', पूर्व सीएम बीरेन सिंह का बयान
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंफाल
Published by: नितिन गौतम
Updated Wed, 26 Nov 2025 01:42 PM IST
सार
पूर्व सीएम ने हालांकि कहा कि अभी भी चुनौतियां बरकरार हैं और अफीम की अवैध खेती का सफाया करने के लिए बड़ी संख्या में मानवबल, कई माह लंबे अभियान चलाने की जरूरत है, तभी अफीम की अवैध खेती से स्थायी तौर पर छुटकारा मिल सकेगा।
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एन बीरेन सिंह
- फोटो : पीटीआई
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विस्तार
मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने दावा किया कि राज्य में 700 एकड़ जमीन पर अफीम की अवैध खेती हो रही है। उन्होंने कहा कि एक हवाई सर्वे से इसका पता चला है। बीरेन सिंह ने कहा कि राज्य के वनों को तबाह किया जा रहा है और सांस्कृतिक विरासत पर भी खतरा मंडरा रहा है। उन्होंने इस मामले में तुरंत सघन कार्रवाई की मांग की है।
गोल्डन ट्रायंगल का विस्तार मणिपुर तक हो रहा
सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में बीरेन सिंह ने लिखा कि 'कई लोगों ने इस पर विश्वास नहीं किया था, जब हमारी सरकार ने चेतावनी दी थी कि एक खतरनाक ड्रग कॉरिडोर कथित गोल्डन ट्रायंगल का विस्तार मणिपुर के जरिए भारत तक हो रहा। इसके लिए बड़े पैमाने पर जंगलों को काटा जा रहा है और अफीम की अवैध खेती की जा रही है। इसके बावजूद चेतावनियों को अनदेखा किया गया।' सिंह ने कहा कि 'मौजूदा सरकार, साथ में सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ, एनसीबी और मणिपुर पुलिस के साथ अन्य संबंधित एजेंसियां अफीम की अवैध खेती के खिलाफ सराहनीय काम कर रही हैं और विभिन्न इलाकों में अफीम की अवैध खेती को तबाह कर रही हैं।'
ये भी पढ़ें- Karnataka: 'सीएम ही नहीं PM पद के भी दावेदार हैं मेरे पिता', कांग्रेस नेता प्रियांक खरगे ने क्यों कही ये बात?
'अफीम की खेती के खिलाफ लंबे अभियान की जरूरत'
पूर्व सीएम ने हालांकि कहा कि अभी भी चुनौतियां बरकरार हैं और अफीम की अवैध खेती का सफाया करने के लिए बड़ी संख्या में मानवबल, कई माह लंबे अभियान चलाने की जरूरत है, तभी अफीम की अवैध खेती से स्थायी तौर पर छुटकारा मिल सकेगा। सिंह ने कहा कि '24 नवंबर 2025 को एक हवाई सर्वे किया गया, जिसमें कांगपोकपी जिले में आरक्षित वन क्षेत्र में करीब 700 एकड़ जमीन पर अफीम की अवैध खेती का पता चला। यह माउंट खोबरु के नजदीक स्थित है, जो कई मूल निवासियों के लिए आस्था का केंद्र है।'
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गोल्डन ट्रायंगल का विस्तार मणिपुर तक हो रहा
सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में बीरेन सिंह ने लिखा कि 'कई लोगों ने इस पर विश्वास नहीं किया था, जब हमारी सरकार ने चेतावनी दी थी कि एक खतरनाक ड्रग कॉरिडोर कथित गोल्डन ट्रायंगल का विस्तार मणिपुर के जरिए भारत तक हो रहा। इसके लिए बड़े पैमाने पर जंगलों को काटा जा रहा है और अफीम की अवैध खेती की जा रही है। इसके बावजूद चेतावनियों को अनदेखा किया गया।' सिंह ने कहा कि 'मौजूदा सरकार, साथ में सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ, एनसीबी और मणिपुर पुलिस के साथ अन्य संबंधित एजेंसियां अफीम की अवैध खेती के खिलाफ सराहनीय काम कर रही हैं और विभिन्न इलाकों में अफीम की अवैध खेती को तबाह कर रही हैं।'
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'अफीम की खेती के खिलाफ लंबे अभियान की जरूरत'
पूर्व सीएम ने हालांकि कहा कि अभी भी चुनौतियां बरकरार हैं और अफीम की अवैध खेती का सफाया करने के लिए बड़ी संख्या में मानवबल, कई माह लंबे अभियान चलाने की जरूरत है, तभी अफीम की अवैध खेती से स्थायी तौर पर छुटकारा मिल सकेगा। सिंह ने कहा कि '24 नवंबर 2025 को एक हवाई सर्वे किया गया, जिसमें कांगपोकपी जिले में आरक्षित वन क्षेत्र में करीब 700 एकड़ जमीन पर अफीम की अवैध खेती का पता चला। यह माउंट खोबरु के नजदीक स्थित है, जो कई मूल निवासियों के लिए आस्था का केंद्र है।'
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