सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   India News ›   Mayawati's support Akhilesh yadav, will samajwadi party and bsp alliance again in 2024 loksabha election?

UP Politics: तीन साल बाद किसी मामले में अखिलेश को मिला मायावती का साथ, क्या 2024 में फिर साथ आएंगे सपा-बसपा?

रिसर्च डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: हिमांशु मिश्रा Updated Tue, 20 Sep 2022 03:49 PM IST
सार

बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती के एक ट्वीट ने सियासी हलचल पैदा कर दी है। इस ट्वीट के कई राजनैतिक मायने निकाले जा रहे हैंं। राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि क्या 2024 लोकसभा चुनाव में फिर से मायावती और अखिलेश यादव एक साथ आ सकते हैं। ऐसे में आइए समझते हैं कि मायावती के इस ट्वीट का क्या मतलब है?  इसके सियासी मायने क्या हैं? 

विज्ञापन
Mayawati's support Akhilesh yadav, will samajwadi party and bsp alliance again in 2024 loksabha election?
बसपा सुप्रीमो मायावती और अखिलेश यादव। (फाइल फोटो) - फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

उत्तर प्रदेश विधानसभा सत्र का आज दूसरा दिन है। समाजवादी पार्टी के विधायक सदन के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं। सोमवार को सपा प्रमुख अखिलेश यादव की अगुआई में पार्टी के विधायकों ने कानून व्यवस्था, महंगाई जैसे मुद्दों पर पैदल मार्च निकाला। हालांकि, पुलिस ने बैरिकेडिंग करके इस मार्च को रोक दिया। दूसरे दिन भी सदन के अंदर और बाहर सपा विधायकों का प्रदर्शन जारी रहा।  
Trending Videos


सदन में भी समाजवादी पार्टी के विधायक लगातार नारेबाजी करते रहे। इस बीच, बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती के एक ट्वीट ने सियासी हलचल पैदा कर दी है। इस ट्वीट के कई राजनैतिक मायने निकाले जा रहे हैंं। दरअसल, तीन साल पहले सपा-बसपा गठबंधन टूटने के बाद शायद पहली बार है जब मायावती ने किसी मुद्दे पर सपा का समर्थन किया है। इस ट्वीट के बाद राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि क्या 2024 लोकसभा चुनाव में फिर से मायावती और अखिलेश यादव एक साथ आ सकते हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन


ऐसे में आइए समझते हैं कि मायावती के इस ट्वीट का क्या मतलब है?  इसके सियासी मायने क्या हैं? 
 

Mayawati's support Akhilesh yadav, will samajwadi party and bsp alliance again in 2024 loksabha election?
बसपा सुप्रीमो मायावती। - फोटो : amar ujala
पहले जानिए मायावती ने लिखा क्या? 
बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने मंगलवार को एक के बाद एक तीन ट्वीट किए। इसमें उन्होंने भाजपा सरकार पर तीखा हमला किया तो सपा के लिए उनकी तल्खी कम दिखाई दी। मायावती ने विधानसभा के बाहर सपा के धरना प्रदर्शन के समर्थन में भी अपने ट्वीट में लिखा। हालांकि, उन्होंने अपने ट्वीट में सपा या अखिलेश के नाम का जिक्र अपने ट्वीट में नहीं किया। 

 मायावती ने लिखा, 'विपक्षी पार्टियों को सरकार की जनविरोधी नीतियों व उसकी निरंकुशता तथा जुल्म-ज्यादती आदि को लेकर धरना-प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं देना भाजपा सरकार की नई तानाशाही प्रवृति हो गई है। साथ ही, बात-बात पर मुकदमे व लोगों की गिरफ्तारी एवं विरोध को कुचलने की बनी सरकारी धारणा अति-घातक।'
 

मायावती का दूसरा ट्वीट इलाहाबाद विश्वविद्यालय में फीस वृद्धि के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन के पक्ष में था। इसमें उन्होंने लिखा, 'इलाहाबाद विश्वविद्यालय द्वारा फीस में एकमुश्त भारी वृद्धि करने के विरोध में छात्रों के आन्दोलन को जिस प्रकार कुचलने का प्रयास जारी है वह अनुचित व निंदनीय। यूपी सरकार अपनी निरंकुशता को त्याग कर छात्रों की वाजिब मांगों पर सहानुभतिपूर्वक विचार करे, बीएसपी की मांग है।' 

तीसरे ट्वीट में बसपा सुप्रीमो ने फिर से भाजपा सरकार पर हमला किया। उन्होंने लिखा, 'महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, बदहाल सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य व कानून व्यवस्था आदि के प्रति यूपी सरकार की लापरवाही के विरुद्ध धरना-प्रदर्शन नहीं करने देने व उनपर दमन चक्र के पहले भाजपा जरूर सोचे कि विधानभवन के सामने बात-बात पर सड़क जाम करके आमजनजीवन ठप करने का उनका क्रूर इतिहास है।' 
 

भाजपा और सपा ने क्या कहा? 
मायावती के ट्वीट पर एक टीवी चैनल पर भाजपा के राज्यसभा सांसद लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने बयान दिया। उन्होंने कहा, 'राजनीतिक क्षेत्र में हर पार्टी के नेता को अपना विचार रखना स्वभाविक प्रक्रिया है। इसलिए अगर मायावती जी ने कुछ बोला है तो भाजपा को उसपर कोई आपत्ति नहीं है। हम अपना काम कर रहे हैं। ये लोग केवल ट्विट के शेर हैं। ट्विट के अलावा ये कुछ नहीं करते हैं।'  

वहीं, समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया का भी बयान आया। उन्होंने मायावती के ट्वीट और सपा-बसपा गठबंधन के सवाल को टाल दिया। कहा कि मैं इस मसले पर नहीं पड़ना चाहता हूं। भदौरिया ने आगे कहा, 'समाजवादी लोग जनता की आवाज उठाते हैं। उनकी परेशानियों को सरकार तक पहुंचाने का काम करते हैं। अच्छी बात है कि समाजवादी पार्टी की आवाज में कोई (मायावती) अपनी आवाज उठा रहा है। हम शुरू से जनता की आवाज उठा रहे हैं।'
 

Mayawati's support Akhilesh yadav, will samajwadi party and bsp alliance again in 2024 loksabha election?
अखिलेश यादव और मायावती (फाइल फोटो) - फोटो : अमर उजाला
तो क्या सपा-बसपा फिर आएंगे साथ? 
हमने यही सवाल वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद कुमार सिंह से पूछा। उन्होंने कहा, 'ऐसा सवाल उठना स्वभाविक है। ऐसा इसलिए क्योंकि मायावती अभी तक सपा पर तीखे हमला करते आईं हैं। लेकिन, इस ट्वीट से ही सारे मतलब नहीं निकाले जा सकते हैं।'

प्रमोद आगे कहते हैं, 'यूं तो राजनीति में कभी भी कुछ भी हो सकता है। धुर विरोधी पार्टियां भी अचानक एक हो सकती हैं। बिहार में जेडीयू-आरजेडी और यूपी में सपा-बसपा इसके उदाहरण हैं। महाराष्ट्र में भी शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी का गठबंधन हुआ था। ऐसे में संभव है कि यूपी में फिर से सपा-बसपा साथ आ जाएं। हालांकि, अगर गठबंधन होगा भी तो ये केवल सपा और बसपा के बीच नहीं होगा, बल्कि एक मजबूत विपक्ष की रणनीति के अनुसार होगा। जिसमें सपा, बसपा, कांग्रेस, जेडीयू जैसी सभी पार्टियां शामिल हो सकती हैं। ये पार्टियां मिलकर 2024 लोकसभा चुनाव भाजपा के खिलाफ लड़ सकती हैं। मायावती का ट्वीट इस ओर पहला कदम हो सकता है।'

प्रमोद आगे कहते हैं, 'मायावती के पास अभी भी दलित काडर का वोटबैंक है। इस बार चुनाव में बसपा को 12.88% वोट मिले थे। ये कांग्रेस, अपना दल समेत कई दलों से अधिक है। ऐसे में अगर 2024 में विपक्षी गठबंधन बनता है तो बिना बसपा के ये मजबूत नहीं हो सकता है। विपक्ष को मजबूत बनाने के लिए बसपा का साथ लेना ही पड़ेगा।'
 

मायावती ने ऐसा ट्वीट क्यों किया? 
प्रमोद कहते हैं, 'पिछले कई ट्विट्स में मायावती सपा पर निशाना साध चुकी हैं। भाजपा के खिलाफ होने वाले ट्विट्स के शब्द काफी सॉफ्ट रहे हैं। मायावती अभी मुस्लिम वोटबैंक को अपने साथ करने की कोशिश में जुटी हैं। ऐसे में भाजपा के खिलाफ सॉफ्ट और सपा के खिलाफ हार्ड ट्विट्स से उन्हें नुकसान उठाना पड़ सकता है। आज के ट्विट्स से वह मुस्लिम व अपने अन्य वोटर्स को ये संदेश देना चाहती हैं कि वह भाजपा सरकार के खिलाफ हैं और जनता के मुद्दों को ही प्राथमिकता देती हैं।'
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed