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India China: 'सीमा विवाद पर बैठक के लिए 18 अगस्त को भारत आएंगे चीन के विदेश मंत्री', सरकार ने की पुष्टि
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नितिन गौतम
Updated Sat, 16 Aug 2025 03:16 PM IST
सार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के वार्षिक बैठक में भाग लेने के लिए चीन दौरे पर जाएंगे। चीन 31 अगस्त से 1 सितंबर तक तियानजिन में एससीओ शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा।
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एनएसए अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी (फाइल फोटो)
- फोटो : X / @MEAIndia
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विस्तार
भारत सरकार ने सीमा विवाद के मुद्दे पर चर्चा के लिए चीनी विदेश मंत्री के भारत दौरे की पुष्टि कर दी है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने आधिकारिक बयान में कहा कि 'राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के निमंत्रण पर चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के पोलित ब्यूरो के सदस्य और चीनी विदेश मंत्री वांग यी 18-19 अगस्त 2025 को भारत दौरे पर आएंगे। विदेश मंत्री एस जयशंकर भी वांग यी के साथ द्विपक्षीय मुलाकात करेंगे। वांग यी के भारत दौरे पर भारत-चीन सीमा के सवाल पर दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधियों के बीच 24वें दौर की बैठक होगी। इस बैठक में चीन की तरफ से विशेष प्रतिनिधि वांग यी और भारत की तरफ से एनएसए अजीत डोभाल शामिल होंगे।'
चीन की सरकार ने भी जारी किया बयान
चीन के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर वांग यी के भारत दौरे की जानकारी दी। चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि 'सीपीसी केंद्रीय समिति के राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य, विदेश मंत्री और चीन-भारत सीमा विवाद पर चीन के विशेष प्रतिनिधि वांग यी 18 से 20 अगस्त तक भारत का दौरा करेंगे। भारतीय पक्ष के निमंत्रण पर सीमा विवाद पर चीन और भारत के विशेष प्रतिनिधियों के बीच 24वें दौर की बैठक होगी।'
वांग यी के भारत दौरे का समय बेहद अहम
वांग यी का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब रूस से तेल खरीदने के लिए अमेरिका ने भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगा दिया है। भारत ने ट्रंप प्रशासन के इस फैसले की आलोचना की और भारी-भरकम टैरिफ को अन्यायपूर्ण बताया। अमेरिका के टैरिफ के एलान के तुरंत बाद भारतीय एनएसए अजीत डोभाल ने रूस का दौरा किया। इसके बाद डोभाल ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी को सीमा विवाद पर बातचीत के लिए भारत आने का निमंत्रण दिया, जिसे वांग यी ने स्वीकार कर लिया। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के वार्षिक बैठक में भाग लेने के लिए चीन दौरे पर जाएंगे। चीन 31 अगस्त से 1 सितंबर तक तियानजिन में एससीओ शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा।
ये भी पढ़ें- Trump: पुतिन के साथ बैठक के बाद ट्रंप ने यूक्रेनी राष्ट्रपति से की बात, सोमवार को दोनों नेताओं की होगी मुलाकात
गलवान में हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों के रिश्तों में आया था तनाव
प्रधानमंत्री मोदी पिछली बार जून 2018 में चीन दौरे पर गए थे। इसके बाद चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अक्टूबर 2019 में भारत का दौरा किया था। हालांकि, पूर्वी लद्दाख में सीमा पर गतिरोध के कारण दोनों देशों के बीच संबंधों तल्खी आ गई थी। हालांकि कई दौर की बातचीत के बाद सीमा पर तनाव कम हुआ। सीमा पर तनाव कम होने के बाद अक्टूबर, 2024 में रूस के कजान शहर में प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग के बीच बैठक हुई। इस बैठक में दोनों देशों के बीच के विभिन्न मुद्दों पर सहमति के लिए बातचीत को फिर से शुरू करने का निर्णय लिया गया।
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चीन की सरकार ने भी जारी किया बयान
चीन के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर वांग यी के भारत दौरे की जानकारी दी। चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि 'सीपीसी केंद्रीय समिति के राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य, विदेश मंत्री और चीन-भारत सीमा विवाद पर चीन के विशेष प्रतिनिधि वांग यी 18 से 20 अगस्त तक भारत का दौरा करेंगे। भारतीय पक्ष के निमंत्रण पर सीमा विवाद पर चीन और भारत के विशेष प्रतिनिधियों के बीच 24वें दौर की बैठक होगी।'
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वांग यी के भारत दौरे का समय बेहद अहम
वांग यी का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब रूस से तेल खरीदने के लिए अमेरिका ने भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगा दिया है। भारत ने ट्रंप प्रशासन के इस फैसले की आलोचना की और भारी-भरकम टैरिफ को अन्यायपूर्ण बताया। अमेरिका के टैरिफ के एलान के तुरंत बाद भारतीय एनएसए अजीत डोभाल ने रूस का दौरा किया। इसके बाद डोभाल ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी को सीमा विवाद पर बातचीत के लिए भारत आने का निमंत्रण दिया, जिसे वांग यी ने स्वीकार कर लिया। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के वार्षिक बैठक में भाग लेने के लिए चीन दौरे पर जाएंगे। चीन 31 अगस्त से 1 सितंबर तक तियानजिन में एससीओ शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा।
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गलवान में हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों के रिश्तों में आया था तनाव
प्रधानमंत्री मोदी पिछली बार जून 2018 में चीन दौरे पर गए थे। इसके बाद चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अक्टूबर 2019 में भारत का दौरा किया था। हालांकि, पूर्वी लद्दाख में सीमा पर गतिरोध के कारण दोनों देशों के बीच संबंधों तल्खी आ गई थी। हालांकि कई दौर की बातचीत के बाद सीमा पर तनाव कम हुआ। सीमा पर तनाव कम होने के बाद अक्टूबर, 2024 में रूस के कजान शहर में प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग के बीच बैठक हुई। इस बैठक में दोनों देशों के बीच के विभिन्न मुद्दों पर सहमति के लिए बातचीत को फिर से शुरू करने का निर्णय लिया गया।
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