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कांपेगा दुश्मन: सेना को मिलेंगे 118 अर्जुन टैंक, रक्षा मंत्रालय ने दिया सप्लाई का ऑर्डर
एएनआई, नई दिल्ली
Published by: Amit Mandal
Updated Thu, 23 Sep 2021 06:20 PM IST
सार
भारतीय सेना को नए 118 अर्जुन टैंक मिलेंगे जिकी कीमत 7,523 करोड़ रुपये होगी। रक्षा मंत्रालय के मुख्य प्रवक्ता भारत भूषण बाबू ने यह जानकारी दी।
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Arjun Tank
- फोटो : ANI
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विस्तार
मेक इन इंडिया कार्यक्रम को बढ़ावा देने के तहत रक्षा मंत्रालय ने आज हैवी व्हीकल फैक्टरी, अवडी को 118 मुख्य लड़ाकू टैंक अर्जुन एमके 1ए सप्लाई करने का ऑर्डर दिया है। भारतीय सेना को ये टैंक मिलेंगे और इसकी कीमत 7,523 करोड़ रुपये होगी। रक्षा मंत्रालय के मुख्य प्रवक्ता भारत भूषण बाबू ने यह जानकारी दी। मंत्रालय ने अर्जुन एमके-1-ए टैंकों के लिए हैवी व्हीकल फैक्ट्री (एचवीएफ), अवडी, चेन्नई को यह ऑर्डर दिया है। यह एमबीटी एमके-1ए अर्जुन टैंक का नया संस्करण है, जिसमें 72 नई विशेषताएं और एमके-1 संस्करण से अधिक स्वदेशी उपकरण हैं।
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मंत्रालय ने बयान में कहा कि 7,523 करोड़ रुपये के इस ऑर्डर से रक्षा क्षेत्र में 'मेक इन इंडिया' को बढ़ावा मिलेगा। इसी के साथ यह यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम है। मंत्रालय ने कहा कि टैंक दिन और रात के दौरान सटीकता के साथ लक्ष्य को साधने में सक्षम है। यही नहीं, यह टैंक सभी तरह के इलाकों में सहज गतिशीलता सुनिश्चित करेंगे।
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अर्जुन टैंक की खासियत
डीआरडीओ ने अर्जुन टैंक की फायर पावर क्षमता को काफी बढ़ाया है। अर्जुन टैंक में नई टेक्नोलॉजी का ट्रांसमिशन सिस्टम है। इससे अर्जुन टैंक आसानी से अपने लक्ष्य को ढूंढ लेता है। अर्जुन टैंक युद्ध के मैदान में बिछाई गई माइंस हटाकर आसानी से आगे बढ़ने में सक्षम है। अर्जुन टैंक में केमिकल अटैक से बचने के लिए स्पेशल सेंसर लगे हैं। इस टैंक की वजह से जमीन पर लड़ा जाने वाला युद्ध का स्वरूप ही बदल गया। इनका पहली बार बड़े पैमाने पर दूसरे विश्व युद्ध के दौरान उपयोग हुआ। भारत ने भी पाकिस्तान के साथ 1965 में टैंकों का उपयोग किया। उस समय भारत के पास सेंचुरियन टैंक थे और पाकिस्तान के पास पैटन टैंक थे। अर्जुन टैंक का फिन-स्टैब्लाइज्ड डिस्करिंग सबोट सिस्टम लड़ाई के दौरान दुश्मन टैंक की पहचान करता है और उसे नष्ट कर देता है।
2012 में मंजूरी, 2021 में मिलेगा पहला टैंक
118 उन्नत अर्जुन टैंक खरीदने को 2012 में मंजूरी दी गई थी और 2014 में रक्षा खरीद समिति ने इसके लिए 6600 करोड़ रुपये भी जारी कर दिए थे। लेकिन इसकी फायर क्षमता समेत कई पक्षों पर सेना ने सुधार की मांग की थी। इस बीच सेना ने 2015 में रूस से 14000 करोड़ रुपये में 464 मध्यम वजन के टी-90 टैंक की खरीद का सौदा कर लिया था। सेना की मांग के आधार पर उन्नत किए जाने के बाद अर्जुन टैंक मार्क-1ए को 2020 में हरी झंडी मिली थी।