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Moon: धरती पर लगे कोरोना लॉकडाउन ने कम किया चंद्रमा का ताप, दिन और रातें दोनों हुईं ठंडी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: राहुल कुमार
Updated Mon, 30 Sep 2024 11:00 PM IST
सार
हाल ही में सामने आए एक अध्ययन के मुताबिक, चंद्रमा के तापमान में अप्रैल-मई 2020 के दौरान असामान्य तौर पर गिरावट दर्ज की गई। यह अध्ययन मंथली नोटिसेज ऑफ द रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसायटी: लेटर्स' नामक वैज्ञानिक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
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शनि के चंद्रमा टाइटन पर मिला ऐसा महासागर
- फोटो : Istock
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विस्तार
कोरोना काल के उस भयावह मंजर को शायद ही कोई भूला होगा। धरती पर फैली इस महामारी ने लाखों लोगों के जीवन को छीन लिया। इंसानों के लिए भले ही कोरोना महामारी एक मुसीबत बनकर आई हो, लेकिन चंद्रमा के लिए यह वरदान साबित हुई। कोरोना काल के दौरान चंद्रमा के तापमान में भारी कमी देखी गई थी। इस समय के दौरान चंद्रमा की रातें और दिन ठंडे रहे।
हाल ही में सामने आए एक अध्ययन के मुताबिक, चंद्रमा के तापमान में अप्रैल-मई 2020 के दौरान असामान्य तौर पर गिरावट दर्ज की गई। यह अध्ययन मंथली नोटिसेज ऑफ द रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसायटी: लेटर्स' नामक वैज्ञानिक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। यह अध्ययन अहमदाबाद के भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला के शोधकर्ताओं के दुर्गा प्रसाद और जी एंबिली ने किया।
शोध पत्रिका में छपे इस अध्ययन के मुताबिक, लॉकडाउन के दौरान पृथ्वी के प्राकृतिक उपग्रह के अधिकतम तापमान में भारी कमी देखने को मिला। उसकी रातें लगभग 8-10 डिग्री सेल्सियस तक ठंडी पाई गईं। उनका कहना है कि चंद्रमा पृथ्वी पर जलवायु परिवर्तन का अध्ययन करने के लिए एक स्थिर जगह की तरह काम कर सकता है।
लॉकडाउन में रात में कम गई धरती से चंद्रमा पर गर्मी
कोविड-19 बीमारी को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन सबसे पहले मार्च 2020 में चीन और इटली में लगाया गया था। दुनिया के अन्य देशों ने भी इन उपायों को हाथों हाथ लिया और अगले महीने तक दुनिया की लगभग आधी आबादी किसी न किसी तरह के लॉकडाउन में थी। इसमें क्वारंटीन और घर पर रहने के आदेश शामिल थे। लॉकडाउन ने औद्योगिक प्रदूषण, परिवहन और जीवाश्म ईंधन जलाने जैसी मानवीय गतिविधियों को पर बड़े पैमाने पर असर डाला।
शोधकर्ताओं के मुताबिक, मानवीय गतिविधियों में कमी की वजह से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन और प्रदूषण स्तर में कमी आई है। इस वजह से रात के वक्त पृथ्वी की सतह से कम गर्मी निकली। इस गर्मी का एक हिस्सा रात के वक्त चंद्रमा के पृथ्वी की तरफ वाले हिस्से तक पहुंचता है और चंद्रमा की सतह को गर्म करता है।
छह साल तक वैज्ञानिकों ने रखी नजर
चंद्रमा पर लॉकडाउन के असर को देखने के लिए शोधकर्ताओं ने 2017-2023 तक चंद्रमा के पृथ्वी की तरफ पर वाले हिस्से की सतह पर रात के वक्त छह जगहों के तापमान का विश्लेषण किया। इसमें अप्रैल-मई 2020 के दौरान चंद्रमा तक पहुंचने वाली गर्मी में काफी कमी पाई गई। इसका श्रेय कोविड--19 लॉकडाउन को दिया गया। शोधकर्ताओं के मुताबिक, अप्रैल 2020 और मई 2020 की वैश्विक लॉकडाउन अवधि के दौरान सभी जगहों पर अधिकतम तापमान में कमी देखी गई। उन्होंने रात के वक्त चंद्रमा के तापमान में लगभग 8-10 केल्विन का बदलाव देखा। उन्होंने कहा कि चंद्रमा का रात का तापमान संभवतः जलवायु परिवर्तन के अध्ययन के लिए चल रही कोशिशों में सहायक हो सकता है। यह पृथ्वी के विकिरण के बारे में भी पता लगा सकता हैं।
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हाल ही में सामने आए एक अध्ययन के मुताबिक, चंद्रमा के तापमान में अप्रैल-मई 2020 के दौरान असामान्य तौर पर गिरावट दर्ज की गई। यह अध्ययन मंथली नोटिसेज ऑफ द रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसायटी: लेटर्स' नामक वैज्ञानिक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। यह अध्ययन अहमदाबाद के भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला के शोधकर्ताओं के दुर्गा प्रसाद और जी एंबिली ने किया।
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शोध पत्रिका में छपे इस अध्ययन के मुताबिक, लॉकडाउन के दौरान पृथ्वी के प्राकृतिक उपग्रह के अधिकतम तापमान में भारी कमी देखने को मिला। उसकी रातें लगभग 8-10 डिग्री सेल्सियस तक ठंडी पाई गईं। उनका कहना है कि चंद्रमा पृथ्वी पर जलवायु परिवर्तन का अध्ययन करने के लिए एक स्थिर जगह की तरह काम कर सकता है।
लॉकडाउन में रात में कम गई धरती से चंद्रमा पर गर्मी
कोविड-19 बीमारी को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन सबसे पहले मार्च 2020 में चीन और इटली में लगाया गया था। दुनिया के अन्य देशों ने भी इन उपायों को हाथों हाथ लिया और अगले महीने तक दुनिया की लगभग आधी आबादी किसी न किसी तरह के लॉकडाउन में थी। इसमें क्वारंटीन और घर पर रहने के आदेश शामिल थे। लॉकडाउन ने औद्योगिक प्रदूषण, परिवहन और जीवाश्म ईंधन जलाने जैसी मानवीय गतिविधियों को पर बड़े पैमाने पर असर डाला।
शोधकर्ताओं के मुताबिक, मानवीय गतिविधियों में कमी की वजह से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन और प्रदूषण स्तर में कमी आई है। इस वजह से रात के वक्त पृथ्वी की सतह से कम गर्मी निकली। इस गर्मी का एक हिस्सा रात के वक्त चंद्रमा के पृथ्वी की तरफ वाले हिस्से तक पहुंचता है और चंद्रमा की सतह को गर्म करता है।
छह साल तक वैज्ञानिकों ने रखी नजर
चंद्रमा पर लॉकडाउन के असर को देखने के लिए शोधकर्ताओं ने 2017-2023 तक चंद्रमा के पृथ्वी की तरफ पर वाले हिस्से की सतह पर रात के वक्त छह जगहों के तापमान का विश्लेषण किया। इसमें अप्रैल-मई 2020 के दौरान चंद्रमा तक पहुंचने वाली गर्मी में काफी कमी पाई गई। इसका श्रेय कोविड--19 लॉकडाउन को दिया गया। शोधकर्ताओं के मुताबिक, अप्रैल 2020 और मई 2020 की वैश्विक लॉकडाउन अवधि के दौरान सभी जगहों पर अधिकतम तापमान में कमी देखी गई। उन्होंने रात के वक्त चंद्रमा के तापमान में लगभग 8-10 केल्विन का बदलाव देखा। उन्होंने कहा कि चंद्रमा का रात का तापमान संभवतः जलवायु परिवर्तन के अध्ययन के लिए चल रही कोशिशों में सहायक हो सकता है। यह पृथ्वी के विकिरण के बारे में भी पता लगा सकता हैं।