Maharashtra: धनंजय मुंडे को नहीं मिली राहत; महिला को देना ही होगा गुजारा भत्ता; अदालत ने अपना आदेश रखा बरकरार
एनसीपी नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री धनंजय मुंडे को मुंबई की एक सत्र अदालत से झटका लगा है। जहां मजिस्ट्रेट अदालत के उस आदेश के खिलाफ दायर की थी, जिसमें उन्हें एक महिला को गुजारा भत्ता देने का निर्देश दिया गया था।


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मुंबई की एक सत्र अदालत ने महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और एनसीपी नेता धनंजय मुंडे को बड़ा झटका दिया है। इसके तहत कोर्ट ने मुंडे की अपील खारिज कर दी। यह अपील उन्होंने एक मजिस्ट्रेट अदालत के उस आदेश के खिलाफ दायर की थी, जिसमें उन्हें एक महिला को गुजारा भत्ता देने का निर्देश दिया गया था। बता दें कि महिला का दावा है कि वह उनकी पहली पत्नी हैं।
धनंजय मुंडे की अपील खारिज
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश शेख अकबर शेख जाफर ने धनंजय मुंडे की अपील को खारिज कर दिया, हालांकि इस मामले में विस्तृत आदेश अभी तक उपलब्ध नहीं हुआ है। जहां धनंजय मुंडे ने अपनी अपील में दावा किया था कि महिला करुणा मुंडे से उनकी कभी शादी नहीं हुई थी और मजिस्ट्रेट ने बिना उचित विचार के आदेश पारित किया।
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चार फरवरी को कोर्ट ने सुनाया था फैसला
मामले में बांद्रा मजिस्ट्रेट अदालत ने बीते 4 फरवरी को करुणा मुंडे की याचिका पर आंशिक रूप से फैसला दिया था। अदालत ने धनंजय मुंडे को अंतरिम भरण-पोषण के रूप में करुणा मुंडे को 1,25,000 रुपये प्रति माह और उनकी बेटी को 75,000 रुपये प्रति माह देने का आदेश दिया था।
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क्या है मामला, समझिए
गौरतलब है कि यह मामला 2020 से शुरू हुआ था, जब करुणा मुंडे ने धनंजय मुंडे के खिलाफ घरेलू हिंसा का मामला दर्ज कराया था। साथ ही भरण-पोषण की मांग की थी। मजिस्ट्रेट ने अभी मुख्य याचिका पर फैसला नहीं सुनाया है। ज्ञात हो कि धनंजय मुंडे को हाल ही में बीड जिले के एक सरपंच की हत्या के मामले में अपने सहयोगी की गिरफ्तारी को लेकर आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था, जिसके बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।