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National Herald Case: 'ईडी का केस बेहद ही अजीब है', कोर्ट में सोनिया गांधी की ओर से बोले अभिषेक मनु सिंघवी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: पवन पांडेय
Updated Fri, 04 Jul 2025 04:24 PM IST
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सार
National Herald Case: कांग्रेस नेताओं पर लगे नेशनल हेराल्ड मामले में आज अदालत में बहस हुई। सोनिया गांधी की ओर से कहा गया कि यह मामला कानूनी तौर पर कमजोर और असाधारण है। जबकि ईडी का दावा है कि गांधी परिवार ने धोखे से करोड़ों की संपत्ति पर कब्जा किया।

सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे के साथ पार्टी के तमाम नेता
- फोटो : PTI

विस्तार
नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने अदालत में दलील दी कि ईडी का यह मामला 'वास्तव में बेहद अजीब और अभूतपूर्व है। उन्होंने कहा, 'यह मामला सिर्फ अजीब नहीं, बल्कि बहुत ही अनोखा है। यह कथित मनी लॉन्ड्रिंग का मामला है, लेकिन इसमें न कोई संपत्ति है, न संपत्ति का उपयोग या प्रदर्शन शामिल है।'
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क्या है नेशनल हेराल्ड केस?
प्रवर्तन निदेशालय ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी, दिवंगत कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिस के अलावा सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और एक निजी कंपनी यंग इंडियन पर मनी लॉन्ड्रिंग और साजिश के आरोप लगाए हैं। ईडी का आरोप है कि इन लोगों ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजीएल) की 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों को धोखाधड़ी से हड़प लिया। यह वही कंपनी है जो नेशनल हेराल्ड अखबार प्रकाशित करती थी। आरोप है कि यंग इंडियन ने सिर्फ 90 करोड़ रुपये के ऋण के बदले एजीएल की पूरी संपत्ति अपने हाथ में ले ली।
एजीएल को कर्जमुक्त करने के लिए उठाया गया कदम
मामले की सुनवाई के दौरान सिंघवी ने कहा, 'हर कंपनी को कानून के तहत अपनी देनदारी हटाने की अनुमति होती है। हमने भी वही किया। हमने एजीएल का कर्ज यंग इंडियन को ट्रांसफर किया ताकि एजीएल कर्जमुक्त हो जाए।' उन्होंने बताया कि यंग इंडियन एक गैर-लाभकारी कंपनी है। इसका मतलब यह है कि कंपनी लाभ, बोनस, वेतन या लाभांश नहीं बांट सकती।
यह भी पढ़ें - मानहानि मामला: डीके शिवकुमार को बड़ी राहत, कर्नाटक हाईकोर्ट ने मुकदमे की कार्यवाही पर लगाई रोक
'ED ने वर्षों तक कुछ नहीं किया'
अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि ईडी ने वर्षों तक इस मामले में कुछ नहीं किया और अचानक एक निजी शिकायत के आधार पर कार्रवाई शुरू कर दी। उन्होंने कहा, 'ये लोग कांग्रेस से जुड़े हुए हैं। अगर नेशनल हेराल्ड किसी गैर-कांग्रेसी संस्था के पास चला जाए तो यह ऐसा होगा जैसे 'हैमलेट नाटक' हो लेकिन उसमें डेनमार्क का राजकुमार न हो।'
ईडी की तरफ से क्या दी गई दलील
ईडी की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस. वी. राजू ने 3 जुलाई को कहा कि गांधी परिवार यंग इंडियन कंपनी के लाभार्थी मालिक हैं और अन्य शेयरधारकों की मृत्यु के बाद उन्होंने पूरी कंपनी पर नियंत्रण कर लिया। ईडी ने गांधी परिवार समेत अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग कानून (पीएमएलए) की धारा 3 (मनी लॉन्ड्रिंग की परिभाषा) और धारा 4 (सजा से जुड़ी) के तहत चार्जशीट दाखिल की है। इस चार्जशीट में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सुमन दुबे, सैम पित्रोदा, सुनील भंडारी, यंग इंडियन और डोटेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड के नाम हैं। इस मामले में अगली सुनवाई की तारीख जल्द तय की जाएगी। कोर्ट को यह तय करना है कि चार्जशीट पर संज्ञान लिया जाए या नहीं।
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क्या है नेशनल हेराल्ड केस?
प्रवर्तन निदेशालय ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी, दिवंगत कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिस के अलावा सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और एक निजी कंपनी यंग इंडियन पर मनी लॉन्ड्रिंग और साजिश के आरोप लगाए हैं। ईडी का आरोप है कि इन लोगों ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजीएल) की 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों को धोखाधड़ी से हड़प लिया। यह वही कंपनी है जो नेशनल हेराल्ड अखबार प्रकाशित करती थी। आरोप है कि यंग इंडियन ने सिर्फ 90 करोड़ रुपये के ऋण के बदले एजीएल की पूरी संपत्ति अपने हाथ में ले ली।
एजीएल को कर्जमुक्त करने के लिए उठाया गया कदम
मामले की सुनवाई के दौरान सिंघवी ने कहा, 'हर कंपनी को कानून के तहत अपनी देनदारी हटाने की अनुमति होती है। हमने भी वही किया। हमने एजीएल का कर्ज यंग इंडियन को ट्रांसफर किया ताकि एजीएल कर्जमुक्त हो जाए।' उन्होंने बताया कि यंग इंडियन एक गैर-लाभकारी कंपनी है। इसका मतलब यह है कि कंपनी लाभ, बोनस, वेतन या लाभांश नहीं बांट सकती।
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'ED ने वर्षों तक कुछ नहीं किया'
अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि ईडी ने वर्षों तक इस मामले में कुछ नहीं किया और अचानक एक निजी शिकायत के आधार पर कार्रवाई शुरू कर दी। उन्होंने कहा, 'ये लोग कांग्रेस से जुड़े हुए हैं। अगर नेशनल हेराल्ड किसी गैर-कांग्रेसी संस्था के पास चला जाए तो यह ऐसा होगा जैसे 'हैमलेट नाटक' हो लेकिन उसमें डेनमार्क का राजकुमार न हो।'
ईडी की तरफ से क्या दी गई दलील
ईडी की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस. वी. राजू ने 3 जुलाई को कहा कि गांधी परिवार यंग इंडियन कंपनी के लाभार्थी मालिक हैं और अन्य शेयरधारकों की मृत्यु के बाद उन्होंने पूरी कंपनी पर नियंत्रण कर लिया। ईडी ने गांधी परिवार समेत अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग कानून (पीएमएलए) की धारा 3 (मनी लॉन्ड्रिंग की परिभाषा) और धारा 4 (सजा से जुड़ी) के तहत चार्जशीट दाखिल की है। इस चार्जशीट में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सुमन दुबे, सैम पित्रोदा, सुनील भंडारी, यंग इंडियन और डोटेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड के नाम हैं। इस मामले में अगली सुनवाई की तारीख जल्द तय की जाएगी। कोर्ट को यह तय करना है कि चार्जशीट पर संज्ञान लिया जाए या नहीं।
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