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Politics: नगालैंड में विधायकों के पार्टी छोड़ने पर अजित पवार की पहली प्रतिक्रिया- उनकी बात नहीं सुनी जा रही थी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पुणे
Published by: पवन पांडेय
Updated Sun, 01 Jun 2025 04:59 PM IST
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सार
नगालैंड एनसीपी के सात विधायकों के एनडीपीपी में शामिल होने से रियो सरकार और मजबूत हो गई है। इससे साफ है कि क्षेत्रीय राजनीति में विधायकों की नाराजगी और कामकाज को लेकर असंतोष बड़े फैसलों को जन्म दे सकता है।

अजित पवार, एनसीपी प्रमुख
- फोटो : PTI
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विस्तार
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने रविवार को बताया कि नगालैंड में नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के सात विधायकों ने वहां की सत्तारूढ़ पार्टी नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) में इसलिए शामिल होने का फैसला किया क्योंकि उन्हें 'काम नहीं हो पाने की वजह से असंतोष' था। शनिवार को नगालैंड की राजनीति में बड़ा बदलाव हुआ जब एनसीपी के सभी सात विधायक मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो की अगुवाई वाली एनडीपीपी में शामिल हो गए। इसके बाद 60 सदस्यीय नगालैंड विधानसभा में एनडीपीपी की ताकत बढ़कर 32 हो गई, जबकि पहले उनके पास 25 विधायक थे।
यह भी पढ़ें - Nagaland: नगालैंड में NCP के सभी सात विधायक NDPP में क्यों हुए शामिल; विधानसभा में अब किसके पास कितनी ताकत?
विधानसभा चुनाव का परिणाम और परिवर्तन
2023 के विधानसभा चुनावों में एनसीपी ने नगालैंड में अच्छा प्रदर्शन करते हुए तीसरे नंबर की पार्टी बनने में सफलता पाई थी। एनडीपीपी और उसकी सहयोगी पार्टी भारतीय जनता पार्टी पहले और दूसरे स्थान पर रही थीं। भाजपा ने उस चुनाव में 12 सीटें जीती थीं। वहीं जुलाई 2023 में जब अजित पवार महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हुए, तब एनसीपी में विभाजन हो गया। इसके बाद नगालैंड में पार्टी के सातों विधायकों ने अजित पवार का साथ चुना, ना कि एनसीपी के संस्थापक शरद पवार का।
विधायकों की नाराजगी पर अजित पवार की प्रतिक्रिया
पुणे में मीडिया से बातचीत करते हुए अजित पवार ने कहा, 'करीब दो महीने पहले सभी विधायक मुझसे मिलने आए थे। उन्होंने कहा कि वहां उनका कोई काम नहीं हो पा रहा है। यह बात सही है कि वे असंतोष में थे। उन्हें लग रहा था कि उनकी बात नहीं सुनी जा रही।'
कौन-कौन हैं ये सात विधायक:
नगालैंड विधानसभा का ताजा हाल:

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विधानसभा चुनाव का परिणाम और परिवर्तन
2023 के विधानसभा चुनावों में एनसीपी ने नगालैंड में अच्छा प्रदर्शन करते हुए तीसरे नंबर की पार्टी बनने में सफलता पाई थी। एनडीपीपी और उसकी सहयोगी पार्टी भारतीय जनता पार्टी पहले और दूसरे स्थान पर रही थीं। भाजपा ने उस चुनाव में 12 सीटें जीती थीं। वहीं जुलाई 2023 में जब अजित पवार महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हुए, तब एनसीपी में विभाजन हो गया। इसके बाद नगालैंड में पार्टी के सातों विधायकों ने अजित पवार का साथ चुना, ना कि एनसीपी के संस्थापक शरद पवार का।
विधायकों की नाराजगी पर अजित पवार की प्रतिक्रिया
पुणे में मीडिया से बातचीत करते हुए अजित पवार ने कहा, 'करीब दो महीने पहले सभी विधायक मुझसे मिलने आए थे। उन्होंने कहा कि वहां उनका कोई काम नहीं हो पा रहा है। यह बात सही है कि वे असंतोष में थे। उन्हें लग रहा था कि उनकी बात नहीं सुनी जा रही।'
कौन-कौन हैं ये सात विधायक:
- नमरी नचांग – टेनिंग
- पिक्टो शोहे – अतोइजु
- वाई. महोनबेमो हम्त्सोए – वोखा टाउन
- वाई. मानखाओ कोन्याक – मॉन टाउन
- ए. पोंगशी फोम – लॉन्गलेंग
- पी. लांगोन – नोकलक
- एस. टोइहो येप्थो – सुरहोटो
नगालैंड विधानसभा का ताजा हाल:
- एनडीपीपी: 32 विधायक
- भाजपा: 12 विधायक
- एनपीपी: 5 विधायक
- एलजेपी (रामविलास): 2 विधायक
- नागा पीपुल्स फ्रंट: 2 विधायक
- आरपीआई (अठावले): 2 विधायक
- जेडीयू: 1 विधायक
- निर्दलीय: 4 विधायक