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NIA: भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश, IED से आतंक फैलाने वालों पर दबिश; 8 राज्यों में छापेमारी
डिजिटल ब्यूरो, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: राहुल कुमार
Updated Tue, 16 Sep 2025 09:32 PM IST
सार
एनआईए ने आंध्र प्रदेश पुलिस के साथ मिलकर एक साथ तलाशी की योजना बनाई और आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, झारखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र और दिल्ली राज्यों में सावधानीपूर्वक छापेमारी की।
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एनआईए - फोटो : पीटीआई (फाइल फोटो)
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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विस्तार
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राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मंगलवार को विजयनगरम आईएसआईएस मामले में भारत भर के आठ राज्यों में कई जगहों पर छापेमारी की। यह मामला इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) के इस्तेमाल से आतंक फैलाने की साजिश से जुड़ा है। आरोपी, विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के ज़रिए कमजोर युवाओं की कट्टरपंथ के लिए भर्ती कर रहे थे। इनका मकसद, भारत सरकार के ख़िलाफ़ युद्ध छेड़ने की साजिश रचना था।
एनआईए द्वारा 16 स्थानों पर की गई व्यापक, समन्वित तलाशी के दौरान कई डिजिटल उपकरण, दस्तावेज, नकदी और आपत्तिजनक सामग्री जब्त की गई। एनआईए ने आंध्र प्रदेश पुलिस के साथ मिलकर एक साथ तलाशी की योजना बनाई और आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, झारखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र और दिल्ली राज्यों में सावधानीपूर्वक छापेमारी की।
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भारत में आतंकी नेटवर्क को ध्वस्त करने की दिशा में एनआईए द्वारा उठाए गए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में चिह्नित ये तलाशी अभियान, एनआईए द्वारा मामले आरसी 14/2025/एनआईए/डीएलआई में एक प्रमुख आरोपी की गिरफ्तारी के एक महीने से भी कम समय बाद शुरू हुए। आरिफ हुसैन उर्फ अबू तालिब को 27 अगस्त 2025 को उस समय गिरफ्तार किया गया था जब वह सऊदी अरब के रियाद भागने की कोशिश कर रहा था। जाँच से पता चला है कि उसने सह-आरोपियों के साथ मिलकर नेपाल सीमा के रास्ते हथियारों की आपूर्ति की व्यवस्था करने की साजिश रची थी।
एनआईए, जुलाई 2025 से इस मामले की जाँच कर रही है, जिसे शुरू में विजयनगरम पुलिस ने एक अन्य आरोपी सिराज-उर-रहमान की गिरफ्तारी के बाद दर्ज किया था। पुलिस ने सिराज को तब गिरफ्तार किया था जब उसके पास से ऐसे रासायनिक पदार्थ पाए गए थे जिनका इस्तेमाल आईईडी बनाने में होने का संदेह था। पूछताछ के दौरान, सिराज ने भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश का खुलासा किया, जिसके बाद एक अन्य आरोपी सैयद समीर को गिरफ्तार किया गया।
एनआईए की जाँच से पता चला कि सिराज और समीर दोनों इंस्टाग्राम, फेसबुक, टेलीग्राम, सिग्नल और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से युवाओं को भड़काने में सक्रिय रूप से शामिल थे। इस मामले में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, 1908 और यूए(पी) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत जाँच जारी है।