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Canada: निज्जर हत्याकांड फैसला कनाडा सरकार के लिए बड़ा झटका, पूर्व राजनयिक केपी फैबियन ने उठाया सवाल
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: पवन पांडेय
Updated Fri, 10 Jan 2025 10:29 PM IST
सार
ब्रिटिश कोलंबिया के न्याय विभाग के जारी दस्तावेज के मुताबिक, निज्जर की हत्या के मामले के चारों आरोपी करण बरार, अमनदीप सिंह, कमलप्रीत सिंह और करनप्रीत सिंह अब हिरासत में नहीं हैं। केस फाइलों में उनकी हिरासत स्थिति के तहत एन लिखा है। इसका मतलब है कि उन्हें रिहा कर दिया गया है।
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केपी फैबियन, पूर्व राजनयिक
- फोटो : ANI
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विस्तार
कनाडा की अदालत ने खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड केस में शामिल चारों भारतीय आरोपियों को जमानत मामले की अगली सुनवाई अब ब्रिटिश कोलंबिया सुप्रीम कोर्ट में 11 फरवरी को होगी। पूर्व भारतीय राजनयिक केपी फैबियन ने सवाल उठाया कि क्या कनाडा के न्याय विभाग के चारों भारतीय आरोपियों को हिरासत से रिहा करने का फैसला कनाडाई सरकार के लिए बड़ा झटका है।
ब्रिटिश कोलंबिया के न्याय विभाग के जारी दस्तावेज के मुताबिक, निज्जर की हत्या के मामले के चारों आरोपी करण बरार, अमनदीप सिंह, कमलप्रीत सिंह और करनप्रीत सिंह अब हिरासत में नहीं हैं। केस फाइलों में उनकी हिरासत स्थिति के तहत एन लिखा है। इसका मतलब है कि उन्हें रिहा कर दिया गया है। निज्जर को भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने आतंकवादी घोषित किया था।
आरोपियों को जमानत देने से कनाडाई सरकार की स्थिति कमजोर
फैबियन ने इस बात पर चिंता जताई कि रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (आरसीएमपी) ने जांच पूरी करने में इतना लंबा वक्त क्यों लिया। उन्होंने पूछा कि क्या आरोपियों को जमानत देने से कनाडाई सरकार की स्थिति कमजोर हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि यह बचाव पक्ष के वकीलों की जीत है, लेकिन मामला अभी भी ब्रिटिश कोलंबिया के सुप्रीम कोर्ट में सुना जाएगा। फैबियन ने यह भी बताया कि आरोपियों को मई 2024 में गिरफ्तार किया गया था, और जांच में इतना वक्त लगना हैरान करने वाला है।
बगैर सबूत के कनाडाई मीडिया लगाता रहा अटकलें
आरोपियों में करण बरार (22), करनप्रीत सिंह (28) और कमलप्रीत सिंह (22) शामिल हैं, जिन्हें 3 मई 2024 को एडमोंटन में गिरफ्तार किया गया था। चौथे आरोपी अमनदीप सिंह (22) को पहले से ही ओंटारियो में गैर-संबंधित हथियारों के आरोप में हिरासत में रखा गया था और उसे 11 मई 2024 को निज्जर की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया। ब्रिटिश कोलंबिया की एकीकृत हत्या जांच टीम (आईएचआईटी) ने चारों आरोपियों पर हत्या और साजिश का आरोप लगाया है। हालांकि, पुलिस को इस अपराध के भारत से जुड़े होने का कोई सबूत नहीं मिला है, जबकि कनाडाई मीडिया में इस पर अटकलें लगाई जा रही थीं।
भारत दोहराता रहा पीएम ट्रूडो के आरोप बेतुका और प्रेरित
कथित गिरफ्तारी की गिरफ्तारी के वक्त भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि कनाडा ने हरदीप सिंह निज्जर हत्या मामले में भारत के खिलाफ कोई ठोस सबूत या आधिकारिक जानकारी नहीं दी है। मंत्रालय ने यह भी कहा था कि तीन भारतीयों की कथित संलिप्तता को लेकर कोई विशिष्ट जानकारी साझा नहीं की गई और न ही भारत से कोई औपचारिक बात की। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के भारतीय सरकारी एजेंटों पर निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोपों के बाद से ही भारत और कनाडा के बीच संबंध तनावपूर्ण हैं। भारत ने इन आरोपों को बेतुका और प्रेरित बताते हुए सख्ती से खारिज कर चुका है। भारत ने निज्जर को 2020 में आतंकवादी घोषित किया था। निज्जर की जून 2023 में कनाडा के सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस हत्या का एक वीडियो मार्च 2024 में सामने आया था। इसमें उसके हथियारबंद लोगों को उसे मारते देखा गया था। इसे ठेका हत्या कहा गया था।
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ब्रिटिश कोलंबिया के न्याय विभाग के जारी दस्तावेज के मुताबिक, निज्जर की हत्या के मामले के चारों आरोपी करण बरार, अमनदीप सिंह, कमलप्रीत सिंह और करनप्रीत सिंह अब हिरासत में नहीं हैं। केस फाइलों में उनकी हिरासत स्थिति के तहत एन लिखा है। इसका मतलब है कि उन्हें रिहा कर दिया गया है। निज्जर को भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने आतंकवादी घोषित किया था।
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आरोपियों को जमानत देने से कनाडाई सरकार की स्थिति कमजोर
फैबियन ने इस बात पर चिंता जताई कि रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (आरसीएमपी) ने जांच पूरी करने में इतना लंबा वक्त क्यों लिया। उन्होंने पूछा कि क्या आरोपियों को जमानत देने से कनाडाई सरकार की स्थिति कमजोर हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि यह बचाव पक्ष के वकीलों की जीत है, लेकिन मामला अभी भी ब्रिटिश कोलंबिया के सुप्रीम कोर्ट में सुना जाएगा। फैबियन ने यह भी बताया कि आरोपियों को मई 2024 में गिरफ्तार किया गया था, और जांच में इतना वक्त लगना हैरान करने वाला है।
बगैर सबूत के कनाडाई मीडिया लगाता रहा अटकलें
आरोपियों में करण बरार (22), करनप्रीत सिंह (28) और कमलप्रीत सिंह (22) शामिल हैं, जिन्हें 3 मई 2024 को एडमोंटन में गिरफ्तार किया गया था। चौथे आरोपी अमनदीप सिंह (22) को पहले से ही ओंटारियो में गैर-संबंधित हथियारों के आरोप में हिरासत में रखा गया था और उसे 11 मई 2024 को निज्जर की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया। ब्रिटिश कोलंबिया की एकीकृत हत्या जांच टीम (आईएचआईटी) ने चारों आरोपियों पर हत्या और साजिश का आरोप लगाया है। हालांकि, पुलिस को इस अपराध के भारत से जुड़े होने का कोई सबूत नहीं मिला है, जबकि कनाडाई मीडिया में इस पर अटकलें लगाई जा रही थीं।
भारत दोहराता रहा पीएम ट्रूडो के आरोप बेतुका और प्रेरित
कथित गिरफ्तारी की गिरफ्तारी के वक्त भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि कनाडा ने हरदीप सिंह निज्जर हत्या मामले में भारत के खिलाफ कोई ठोस सबूत या आधिकारिक जानकारी नहीं दी है। मंत्रालय ने यह भी कहा था कि तीन भारतीयों की कथित संलिप्तता को लेकर कोई विशिष्ट जानकारी साझा नहीं की गई और न ही भारत से कोई औपचारिक बात की। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के भारतीय सरकारी एजेंटों पर निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोपों के बाद से ही भारत और कनाडा के बीच संबंध तनावपूर्ण हैं। भारत ने इन आरोपों को बेतुका और प्रेरित बताते हुए सख्ती से खारिज कर चुका है। भारत ने निज्जर को 2020 में आतंकवादी घोषित किया था। निज्जर की जून 2023 में कनाडा के सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस हत्या का एक वीडियो मार्च 2024 में सामने आया था। इसमें उसके हथियारबंद लोगों को उसे मारते देखा गया था। इसे ठेका हत्या कहा गया था।