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Bihar: कोई मुसलमान नहीं... क्या हिंदुत्व के एजेंडे पर ही बिहार चुनाव लड़ेगी भाजपा, योगी बदलेंगे चुनावी हवा?
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सार
भाजपा ने बिहार में अपने खाते की सभी 101 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। इसमें एक भी मुस्लिम प्रत्याशी नहीं है। यहां तक कि पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन तक को भी टिकट नहीं दिया गया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। संवाद
- फोटो : राम नरेश त्रिपाठी सभागार परिसर में आयोजित स्वदेशी मेले को संबोधित करते व्यापारी नेता।
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विस्तार
भाजपा ने बिहार में अपने खाते की सभी 101 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। इसमें एक भी मुस्लिम प्रत्याशी नहीं है। यहां तक कि पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन तक को भी टिकट नहीं दिया गया है। जबकि इसके पहले अनुमान लगाया जा रहा था कि पार्टी शाहनवाज हुसैन को चुनाव मैदान में उतार सकती है। भाजपा की इस रणनीति का असर केवल उसी तक सीमित नहीं है। उसके सहयोगी दलों ने भी इस बार मुसलमानों को टिकट देने में संकोच किया है। लोजपा (आर), हम और उपेंद्र कुशवाहा ने अब तक किसी मुस्लिम प्रत्याशी को टिकट नहीं दिया है तो नीतीश कुमार ने भी इस बार मुसलमानों को टिकट देने में संकोच किया है। जदयू ने इस बार केवल चार मुस्लिम प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है। इसके पहले नीतीश कुमार मुसलमानों को बेहतर भागीदारी देते आए हैं। तो क्या यह इस बात का संकेत है कि एनडीए इस बार 'हिंदुत्व के कार्ड' पर ही चुनाव लड़ेगा? योगी आदित्यनाथ बिहार के चुनाव प्रचार में उतर चुके हैं। उनके भाषण भाजपा की इस पिच को मजबूत करते हुए दिखाई दे सकते हैं।
भाजपा की यह चुनावी रणनीति उसी समय से दिखाई देने लगी थी जब उसके नेताओं ने बिहार में बाबा बागेश्वर धीरेंंद्र शास्त्री की धार्मिक सभाएं कराना शुरु कर दिया था। इन धार्मिक सभाओं में बाबा बागेश्वर लोगों से जात-पात छोड़कर अपने को केवल हिंदू बताने का अनुरोध करते देखे गए थे। बाबा बागेश्वर के दरबार में भाजपा नेता मनोज तिवारी और रविशंकर प्रसाद जिस तरह सक्रिय रहते थे, उसे देखते हुए यही माना गया था कि भाजपा बिहार में भी हिंदुत्व की पिच मजबूत कर अपने बूते सत्ता में आने का रास्ता तलाश रही है।
गृह मंत्री अमित शाह ने अगस्त महीने में बिहार के सीतामढ़ी जिले के पुनौरा धाम में माता सीता के मंदिर के निर्माण की आधारशिला रखी थी। सीता से सीतामढ़ी के आसपास के इलाकों में लोगों का भावनात्मक जुड़ाव है। अमित शाह ने इस दौरे में लोगों की इसी नब्ज पर हाथ रखने की कोशिश की। अमित शाह ने कहा कि जिस तरह अयोध्या की पहचान भगवान राम से होती है, उसी तरह सीतामढ़ी की पहचान माता सीता से होती है। ऐसे में माता सीता का भव्य मंदिर पूरे बिहार का गौरव बढ़ाएगा। शाह के बयान को भी भाजपा की चुनावी राजनीति से जोड़कर देखा गया और माना गया कि भाजपा अपने हिंदुत्व एजेंडे को मजबूत करने की कोशिश कर रही है और लोगों को हिंदुत्व की पहचान से जोड़ने का काम कर रही है।
भाजपा के चुनाव कार्यालय में भी दिख रहा प्लान
इस समय पटना में भाजपा का जो चुनाव कार्यालय बना है, वह भी इस बात की गवाही दे रहा है कि भाजपा बिहार में हिंदुत्व की पिच पर जमकर बैटिंग करने जा रही है। चुनाव कार्यालय में भगवान राम के भव्य मंदिर, पुनौराधाम में बन रहे माता जानकी के प्रस्तावित मंदिर की बड़ी-बड़ी तस्वीरें लगाई गई हैं। ये तस्वीरें भाजपा के चुनाव प्रपत्रों पर भी प्रमुखता से दिखाई दे रही हैं। सूत्रों के अनुसार, भाजपा के घोषणा पत्र, जिसे पार्टी संकल्प पत्र कहती है, में भी माता जानकी के भव्य मंदिर निर्माण सहित हिंदू जनता को लुभाने वाली कई बातें शामिल की जा सकती हैं।
घुसपैठिया विवाद से भी बनी हवा
चुनाव आयोग ने जब बिहार में विशेष मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रम (एसआईआर) चलाया, तब विपक्ष ने यही आरोप लगाया था कि इसके निशाने पर गरीब और मुसलमान हैं। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि भाजपा के इशारे पर गरीबों और मुसलमानों के वोट काटे जा रहे हैं। जबकि प्रधानमंत्री ने यह कहते हुए सीधा हमला किया कि विपक्ष घुसपैठियों के वोट बचाने की कोशिश कर रहा है। मोदी ने कहा कि वे बिहार के लोगों का हक घुसपैठियों को नहीं लेने देंगे। उन्होंने कहा कि घुसपैठिये बिहार के लोगों का हक मार रहे हैं और वे ऐसा होने नहीं देंगे। पीएम के इन बयानों से भी भाजपा की हिंदुत्व पिच मजबूत हुई।
योगी बनाएंगे हवा
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिहार में आज से चुनावी सभाओं को संबोधित करना शुरू कर दिया है। आज उन्होंने दानापुर और सहरसा में दो जनसभाओं को संबोधित किया। अनुमान है कि वे 25 रैलियों को संबोधित कर भाजपा के पक्ष में जोरदार प्रचार कर सकते हैं। उनकी विशेष हिंदूवादी नेता की छवि और अपराध पर कड़ी कार्रवाई करने की प्रशासनिक क्षमता भाजपा के इस एजेंडे को मजबूत करने का काम करेगी।
आंकड़ों की बात
बिहार में मुसलमानों की आबादी लगभग 17.70 प्रतिशत है। यादवों की आबादी लगभग 14 प्रतिशत है। पारंपरिक रूप से माना जाता है कि इस वोट बैंक का बड़ा हिस्सा महागठबंधन राजद, कांग्रेस और वामपंथी दलों के पास जाता है। लेकिन भाजपा यादवों का एक हिस्सा अपने साथ लाने में कामयाब रही है। लेकिन यह न भी हो तो भाजपा 67-68 प्रतिशत वोट बैंक को साधकर चल रही है। इस वोट बैंक में ब्राह्मण, राजपूत, भूमिहार, कोईरी और कुर्मी सहित दलित-महादलित जातियां शामिल हैं।
इन जातियों के बड़े नेता नीतीश कुमार, उपेंद्र कुशवाहा, जीतन राम मांझी और चिराग पासवान इस समय भाजपा के खेमे में हैं। भाजपा का अनुमान है कि यह वर्ग उसे वोट कर सकता है और 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में वह बेहतर जीत हासिल कर सकती है। मोदी सरकार ने जनधन योजना, किसानों के कल्याण की योजना, करीब 18 जातियों को विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत रोजगार करने के लिए विशेष कर्ज देने की जो योजनाएं चलाई हैं, उसका सबसे बड़ा लाभ इन्हीं जातियों के लोगों को मिला है। भाजपा का मानना है कि इन समीकरणों के सहारे वह बिहार चुनाव में बेहतर बढ़त हासिल कर सकती है।
केवल हिंदुत्व नहीं, विकास भी हमारा सबसे बड़ा मुद्दा- भाजपा
भाजपा प्रवक्ता एसएन सिंह ने अमर उजाला से कहा कि उनकी पार्टी सबके विकास की बात करती है। यह नहीं कहा जा सकता कि भाजपा केवल हिंदुओं की राजनीति कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने नेतृत्व में प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्जवला योजना, विश्वकर्मा योजना, पीएम जनधन योजना, किसान सम्मान राशि योजना सहित तमाम योजनाएं चलाई हैं। आंकड़े बताते हैं कि इन योजनाओं का लाभ हिंदुओं से अधिक मुसलमानों को हुआ है। ऐसे में यह आरोप सही नहीं है कि भाजपा केवल हिंदुओं की राजनीति करती है। उन्होंने कहा कि चुनाव में टिकट जीतने की संभावना के आधार पर दिए जाते हैं और पार्टी बहुत सारे समीकरणों को ध्यान में रखते हुए टिकट देती है। लेकिन चुनाव जीतने पर पार्टी सभी वर्गों का समान रूप से ध्यान देती है।
'योगी हमारे सुपरस्टार नेता, उनका MY समीकरण दिलाएगा जीत'
एसएन सिंह ने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने अपने शासन से यह दिखा दिया है कि उनके शासन में शांति पसंद हर व्यक्ति को सम्मान और सुरक्षा प्राप्त है। लोगों को रोजगार और व्यवासाय करने की पूरी आजादी है। लेकिन कोई भी व्यक्ति शांतिभंग करने का प्रयास करेगा तो उसके साथ सख्ती से निपटा जाएगा। उन्होंने कहा कि योगी सरकार की इसी नीति का परिणाम है कि आज की हर महिला और युवा योगी आदित्यनाथ को पसंद करते हैं। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ का यही एमवाई (महिला-युवा) समीकरण पार्टी को जीत दिलाएगा।

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भाजपा की यह चुनावी रणनीति उसी समय से दिखाई देने लगी थी जब उसके नेताओं ने बिहार में बाबा बागेश्वर धीरेंंद्र शास्त्री की धार्मिक सभाएं कराना शुरु कर दिया था। इन धार्मिक सभाओं में बाबा बागेश्वर लोगों से जात-पात छोड़कर अपने को केवल हिंदू बताने का अनुरोध करते देखे गए थे। बाबा बागेश्वर के दरबार में भाजपा नेता मनोज तिवारी और रविशंकर प्रसाद जिस तरह सक्रिय रहते थे, उसे देखते हुए यही माना गया था कि भाजपा बिहार में भी हिंदुत्व की पिच मजबूत कर अपने बूते सत्ता में आने का रास्ता तलाश रही है।
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गृह मंत्री अमित शाह ने अगस्त महीने में बिहार के सीतामढ़ी जिले के पुनौरा धाम में माता सीता के मंदिर के निर्माण की आधारशिला रखी थी। सीता से सीतामढ़ी के आसपास के इलाकों में लोगों का भावनात्मक जुड़ाव है। अमित शाह ने इस दौरे में लोगों की इसी नब्ज पर हाथ रखने की कोशिश की। अमित शाह ने कहा कि जिस तरह अयोध्या की पहचान भगवान राम से होती है, उसी तरह सीतामढ़ी की पहचान माता सीता से होती है। ऐसे में माता सीता का भव्य मंदिर पूरे बिहार का गौरव बढ़ाएगा। शाह के बयान को भी भाजपा की चुनावी राजनीति से जोड़कर देखा गया और माना गया कि भाजपा अपने हिंदुत्व एजेंडे को मजबूत करने की कोशिश कर रही है और लोगों को हिंदुत्व की पहचान से जोड़ने का काम कर रही है।
भाजपा के चुनाव कार्यालय में भी दिख रहा प्लान
इस समय पटना में भाजपा का जो चुनाव कार्यालय बना है, वह भी इस बात की गवाही दे रहा है कि भाजपा बिहार में हिंदुत्व की पिच पर जमकर बैटिंग करने जा रही है। चुनाव कार्यालय में भगवान राम के भव्य मंदिर, पुनौराधाम में बन रहे माता जानकी के प्रस्तावित मंदिर की बड़ी-बड़ी तस्वीरें लगाई गई हैं। ये तस्वीरें भाजपा के चुनाव प्रपत्रों पर भी प्रमुखता से दिखाई दे रही हैं। सूत्रों के अनुसार, भाजपा के घोषणा पत्र, जिसे पार्टी संकल्प पत्र कहती है, में भी माता जानकी के भव्य मंदिर निर्माण सहित हिंदू जनता को लुभाने वाली कई बातें शामिल की जा सकती हैं।
घुसपैठिया विवाद से भी बनी हवा
चुनाव आयोग ने जब बिहार में विशेष मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रम (एसआईआर) चलाया, तब विपक्ष ने यही आरोप लगाया था कि इसके निशाने पर गरीब और मुसलमान हैं। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि भाजपा के इशारे पर गरीबों और मुसलमानों के वोट काटे जा रहे हैं। जबकि प्रधानमंत्री ने यह कहते हुए सीधा हमला किया कि विपक्ष घुसपैठियों के वोट बचाने की कोशिश कर रहा है। मोदी ने कहा कि वे बिहार के लोगों का हक घुसपैठियों को नहीं लेने देंगे। उन्होंने कहा कि घुसपैठिये बिहार के लोगों का हक मार रहे हैं और वे ऐसा होने नहीं देंगे। पीएम के इन बयानों से भी भाजपा की हिंदुत्व पिच मजबूत हुई।
योगी बनाएंगे हवा
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिहार में आज से चुनावी सभाओं को संबोधित करना शुरू कर दिया है। आज उन्होंने दानापुर और सहरसा में दो जनसभाओं को संबोधित किया। अनुमान है कि वे 25 रैलियों को संबोधित कर भाजपा के पक्ष में जोरदार प्रचार कर सकते हैं। उनकी विशेष हिंदूवादी नेता की छवि और अपराध पर कड़ी कार्रवाई करने की प्रशासनिक क्षमता भाजपा के इस एजेंडे को मजबूत करने का काम करेगी।
आंकड़ों की बात
बिहार में मुसलमानों की आबादी लगभग 17.70 प्रतिशत है। यादवों की आबादी लगभग 14 प्रतिशत है। पारंपरिक रूप से माना जाता है कि इस वोट बैंक का बड़ा हिस्सा महागठबंधन राजद, कांग्रेस और वामपंथी दलों के पास जाता है। लेकिन भाजपा यादवों का एक हिस्सा अपने साथ लाने में कामयाब रही है। लेकिन यह न भी हो तो भाजपा 67-68 प्रतिशत वोट बैंक को साधकर चल रही है। इस वोट बैंक में ब्राह्मण, राजपूत, भूमिहार, कोईरी और कुर्मी सहित दलित-महादलित जातियां शामिल हैं।
इन जातियों के बड़े नेता नीतीश कुमार, उपेंद्र कुशवाहा, जीतन राम मांझी और चिराग पासवान इस समय भाजपा के खेमे में हैं। भाजपा का अनुमान है कि यह वर्ग उसे वोट कर सकता है और 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में वह बेहतर जीत हासिल कर सकती है। मोदी सरकार ने जनधन योजना, किसानों के कल्याण की योजना, करीब 18 जातियों को विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत रोजगार करने के लिए विशेष कर्ज देने की जो योजनाएं चलाई हैं, उसका सबसे बड़ा लाभ इन्हीं जातियों के लोगों को मिला है। भाजपा का मानना है कि इन समीकरणों के सहारे वह बिहार चुनाव में बेहतर बढ़त हासिल कर सकती है।
केवल हिंदुत्व नहीं, विकास भी हमारा सबसे बड़ा मुद्दा- भाजपा
भाजपा प्रवक्ता एसएन सिंह ने अमर उजाला से कहा कि उनकी पार्टी सबके विकास की बात करती है। यह नहीं कहा जा सकता कि भाजपा केवल हिंदुओं की राजनीति कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने नेतृत्व में प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्जवला योजना, विश्वकर्मा योजना, पीएम जनधन योजना, किसान सम्मान राशि योजना सहित तमाम योजनाएं चलाई हैं। आंकड़े बताते हैं कि इन योजनाओं का लाभ हिंदुओं से अधिक मुसलमानों को हुआ है। ऐसे में यह आरोप सही नहीं है कि भाजपा केवल हिंदुओं की राजनीति करती है। उन्होंने कहा कि चुनाव में टिकट जीतने की संभावना के आधार पर दिए जाते हैं और पार्टी बहुत सारे समीकरणों को ध्यान में रखते हुए टिकट देती है। लेकिन चुनाव जीतने पर पार्टी सभी वर्गों का समान रूप से ध्यान देती है।
'योगी हमारे सुपरस्टार नेता, उनका MY समीकरण दिलाएगा जीत'
एसएन सिंह ने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने अपने शासन से यह दिखा दिया है कि उनके शासन में शांति पसंद हर व्यक्ति को सम्मान और सुरक्षा प्राप्त है। लोगों को रोजगार और व्यवासाय करने की पूरी आजादी है। लेकिन कोई भी व्यक्ति शांतिभंग करने का प्रयास करेगा तो उसके साथ सख्ती से निपटा जाएगा। उन्होंने कहा कि योगी सरकार की इसी नीति का परिणाम है कि आज की हर महिला और युवा योगी आदित्यनाथ को पसंद करते हैं। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ का यही एमवाई (महिला-युवा) समीकरण पार्टी को जीत दिलाएगा।