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Modi-Trump Talk: 'PM मोदी और ट्रंप के बीच हुई बातचीत की जानकारी नहीं', अमेरिकी राष्ट्रपति के बयान पर बोला MEA
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: राहुल कुमार
Updated Thu, 16 Oct 2025 05:27 PM IST
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सार
MEA On Modi-Trump Talk: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान पर, जिसमें उन्होंने भारत की तरफ से रूस से तेल खरीदने का जिक्र किया था, विदेश मंत्रालय ने जवाब दिया है। गुरुवार को विदेश मंत्रालय ने कहा कि, उन्हें इस बात कोई जानकारी नहीं है कि पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच फोन पर बात हुई थी।

रणधीर जायसवाल, प्रवक्ता, विदेश मंत्रालय
- फोटो : ANI
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विस्तार
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान पर, जिसमें उन्होंने भारत की तरफ से रूस से तेल खरीदने का जिक्र किया था, विदेश मंत्रालय ने जवाब दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्र्रंप के बीच कल किसी बातचीत या फोन कॉल की जानकारी मेरे पास नहीं है।' इस बयान से मंत्रालय ने साफ किया है कि भारत और अमेरिका के बीच कल इस मुद्दे पर कोई औपचारिक बातचीत नहीं हुई।

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'हमारी आयात नीति राष्ट्रहित पर निर्भर है'
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से रूसी कच्चे तेल की खरीद में कटौती का आश्वासन दिए जाने वाले बयान पर भारत ने दो टूक कहा कि उसकी आयात नीति राष्ट्रहित पर निर्भर है। विदेश मंत्रालय ने ट्रंप के दावे के कुछ घंटे भीतर ही जवाब में कहा, भारत बाजार की परिस्थितियों के अनुरूप पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति के स्रोत को व्यापक और विविध बना रहा है।
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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, अस्थिर ऊर्जा परिदृश्य में भारतीय उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना सरकार की निरंतर प्राथमिकता रही है। हमारी आयात नीतियां पूरी तरह इसी उद्देश्य से निर्देशित हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि भारत अमेरिका के साथ ऊर्जा संबंधों को बढ़ाने पर भी विचार कर रहा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे पर सवालों का जवाब देते हुए रणधीर जायसवाल ने कहा, स्थिर ऊर्जा मूल्य और सुरक्षित आपूर्ति सुनिश्चित करना हमारी ऊर्जा नीति के दोहरे लक्ष्य रहे हैं। इसमें हमारी ऊर्जा आपूर्ति के स्रोत का आधार व्यापक बनाना और बाजार की परिस्थितियों के अनुरूप इसमें विविधता लाना शामिल है। पश्चिमी प्रतिबंधों के बावजूद भारत की ओर से रूस से पेट्रोलियम उत्पादों की निरंतर खरीद एक बड़ा मुद्दा बन गया है, जिसके परिणामस्वरूप नई दिल्ली और वाशिंगटन के बीच संबंधों में भारी गिरावट आई है।
डोनाल्ड ट्रंप ने क्या कहा था?
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था, अमेरिका इस बात से खुश नहीं है कि भारत रूस से कच्चा तेल खरीद रहा है। ऐसी खरीदारी से राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के युद्ध के वित्तपोषण में मदद मिलती है। ट्रंप ने कहा, वह (मोदी) मेरे दोस्त हैं, हमारे बीच बहुत अच्छे संबंध हैं। हम उनके रूस से तेल खरीदने से खुश नहीं थे। मोदी ने आज मुझे आश्वासन दिया कि वे रूस से तेल नहीं खरीदेंगे। यह एक बड़ा कदम है। अब हमें चीन से भी यही करवाना होगा। ट्रंप ने कहा, भारत खरीद में तुरंत कटौती नहीं कर पाएगा, लेकिन प्रक्रिया शुरू हो गई है और जल्द ही यह पूरी हो जाएगी। ट्रंप ने इसे यूक्रेन पर आक्रमण को लेकर मास्को पर दबाव बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम बताया। उन्होंने कहा कि अमेरिका चाहता है कि भारत रूसी कच्चे तेल की खरीद बंद कर दे, ताकि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर वित्तीय दबाव बनाया जा सके और यूक्रेन में युद्ध समाप्त हो सके।
ब्रिटिश प्रतिबंधों पर भारत की दो टूक
रणधीर जायसवाल ने कहा, हमने ब्रिटेन की तरफ से घोषित नवीनतम प्रतिबंधों पर गौर किया है... हम किसी भी एकतरफा प्रतिबंध का समर्थन नहीं करते हैं। भारत सरकार अपने नागरिकों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए ऊर्जा सुरक्षा के प्रावधान को सर्वोच्च महत्व की जिम्मेदारी मानती है... हम इस बात पर जोर देंगे कि दोहरे मापदंड नहीं होने चाहिए, खासकर जब ऊर्जा व्यापार की बात हो।
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भारत अफगान संबंधों से पाकिस्तान को दिक्कत
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच जारी तनाव पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, तीन बातें स्पष्ट हैं। पहली, पाकिस्तान आतंकवादी संगठनों को पनाह देता है और आतंकवादी गतिविधियों को प्रायोजित करता है। दूसरी, अपनी आंतरिक विफलताओं के लिए अपने पड़ोसियों को दोष देना पाकिस्तान की पुरानी आदत है। तीसरी, पाकिस्तान इस बात से नाराज है कि अफगानिस्तान अपने क्षेत्रों पर संप्रभुता का प्रयोग कर रहा है। भारत अफगानिस्तान की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और स्वतंत्रता के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।