सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   India News ›   Obesity-reducing drugs are causing suicidal thoughts, these drugs are being sold in India

चिंताजनक: मोटापा घटाने वाली दवाओं से लोगों को आ रहे आत्महत्या के विचार, भारत में धड़ल्ले से बिक रहीं ये दवाएं

एजेंसी Published by: लव गौर Updated Wed, 03 Dec 2025 04:01 AM IST
सार

मोटापा घटाने वाली दवाओं से लोगों को आत्महत्या के विचार आ रहे हैं। ऑस्ट्रेलियाई दवा नियामक ने ओजेम्पिक, मौंजारो जैसी दवाओं के उपयोग को लेकर चेतावनी जारी की है।

विज्ञापन
Obesity-reducing drugs are causing suicidal thoughts, these drugs are being sold in India
दवाओं की सांकेतिक तस्वीर - फोटो : Freepik.com
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

ऑस्ट्रेलियाई दवा नियामक ने डायबिटीज और वजन घटाने में मददगार ओजेम्पिक, मौंजारो जैसी दवाओं के इस्तेमाल को लेकर चेतावनी जारी की है। थेराप्यूटिक गुड्स एडमिनिस्ट्रेशन (टीजीए) का कहना है कि इन दवाओं से मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो सकताहै। यहां तक, लोगों को आत्महत्या के विचार भी आ सकते हैं।
Trending Videos


ऑस्ट्रेलियाई नियामक की चेतावनी भारत के लिए भी गंभीर चिंता का विषय है क्योंकि ये दवाएं यहां पर धड़ल्ले से बिक रही हैं। एक अनुमान के मुताबिक, अक्तूबर में भारत में इन दवाओं की बिक्री करीब 100 करोड़ रुपये तक पहुंच गई थी। ऑस्ट्रेलियाई दवा नियामक का कहना है कि जीएलपी-1 दवाएं यानी रक्त में शर्करा स्तर को नियंत्रित करने वाले प्राकृतिक हार्मोन की नकल पर आधारित दवाएं मानसिक स्वास्थ्य के लिहाज से हानिकारक हो सकती हैं। ओजेम्पिक, मौंजारो के अलावा वेगोवी, सैक्सेंडा, ट्रुलिसिटी आदि दवाएं वजन घटाने और डायबिटीज को नियंत्रित करने में तो मददगार हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन


इसके साथ ही इनके इस्तेमाल से मूड अचानक बदलने और गंभीर मानसिक समस्याएं उत्पन्न होने की बात सामने आई है। इन दवाओं का दुनिया के कई देशों में काफी इस्तेमाल होता है। टीजीए का कहना है कि हालांकि वैज्ञानिक स्तर पर इसका कोई प्रामाणिक साक्ष्य सामने नहीं आया है। फिर भी इस्तेमाल में सावधानी बरतने की जरूरत है। 

नियमित निगरानी की जरूरत
गार्जियन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया दवा नियामक ने अपने आंकड़ों के विश्लेषण के आधार पर पाया कि सितंबर तक 72 ऐसे मामले सामने आए जिसमें दवा इस्तेमाल करने वालों को आत्महत्या का विचार आया। छह लोगों के आत्महत्या करने, चार के आत्महत्या की कोशिश करने और दो मामलों में खुद को चोट पहुंचाने को इन दवाओं के इस्तेमाल से जोड़कर देखा जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि चूंकि इन बड़ी संख्या में डॉक्टर इन्हें प्रिस्क्राइब कर रहे हैं, इसलिए नियमित निगरानी की जरूरत है।

ये भी पढ़ें: चिंताजनक: देश में तेजी से बढ़ रहीं न्यूरोलॉजिकल बीमारियां, हर तीसरा परिवार किसी न किसी मस्तिष्क रोग का शिकार

डब्ल्यूएचओ भी कर चुका है सतर्क
दुनिया में करीब एक अरब से ज्यादा लोग मोटापे के शिकार हैं और 2024 में इसकी वजह से 37 लाख से अधिक मौतें होने का अनुमान है। डब्ल्यूएचओ ने इस समस्या को देखते हुए जीपीएल-1 दवाओं को एक बड़ी सफलता माना था। लेकिन साथ ही पूर्व में जारी अपने दिशा-निर्देशों में कुछ सावधानी बरतने की सलाह भी दी थी। डब्ल्यूएचओ ने इन्हें पूरी सावधानी के साथ इस्तेमाल करने की सलाह दी थी। साथ ही कहा था कि गर्भवती महिलाओं को इससे दूर रहना चाहिए।
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed