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Operation Sagar Bandhu: भारत करेगा श्रीलंका की मदद, 450 मिलियन डॉलर चक्रवात राहत पैकेज देने का प्रस्ताव

न्यूज डेस्क, अमर उजाला Published by: संध्या Updated Tue, 23 Dec 2025 03:20 PM IST
सार

श्रीलंका चक्रवात दितवाहा से जूझ रहा है। इस दौरान भारत श्रीलंका के साथ खड़ा है। इस दौरन भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने श्रीलंका को 450 मिलियन अमेरिकी डॉलर की सहायता देने का एलान किया है। 

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Operation Sagar Bandhu India to assist Sri Lanka, proposes a $450 million cyclone relief package
भारत करेगा श्रीलंका की मदद - फोटो : अमर उजाला
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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि भारत चक्रवात दितवाहा के दौरान श्रीलंका के साथ खड़ा है और उसने 450 मिलियन अमेरिकी डॉलर के सहायता पैकेज का प्रस्ताव दिया है। जयशंकर इस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशेष दूत के तौर पर श्रीलंका में हैं। उन्होंने श्रीलंका के विदेश मंत्री विजिता हेरथ के साथ बातचीत में यह बात कही। उन्होंने राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके को मोदी का एक पत्र भी सौंपा।

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एस जयशंकर ने X पर पोस्ट किया, "चक्रवात दितवाह के दौरान श्रीलंका के साथ खड़े होने पर भारत को गर्व है।"

 450 मिलियन अमेरिकी डॉलर का सहायता पैकेज का प्रस्ताव

वह दो दिन की श्रीलंका यात्रा पर हैं। इस दौरान उन्होंने कहा "जैसे ही श्रीलंका 2022 के आर्थिक संकट से उबर रहा था, इस प्राकृतिक आपदा ने नई मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने निर्देश दिया कि हम अब श्रीलंकाई सरकार के साथ मिलकर उनकी प्राथमिकताओं पर काम करें। इस संबंध में, हमने 450 मिलियन अमेरिकी डॉलर का सहायता पैकेज प्रस्तावित किया है।"
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दो चरणों में होगी श्रीलंका की सहायता

उन्होंने कहा, "इस पैकेज में 350 मिलियन अमेरिकी डॉलर की रियायती क्रेडिट लाइन और 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर का अनुदान शामिल होगा।"

"इस पैकेज को श्रीलंका सरकार के साथ मिलकर अंतिम रूप दिया जा रहा है। हमारी सहायता में चक्रवात से सबसे ज़्यादा प्रभावित क्षेत्रों को शामिल किया जाएगा, जिसमें पहला, सड़क, रेलवे और पुल कनेक्टिविटी का पुनर्वास और बहाली शामिल है।"

"दूसरा, पूरी तरह से नष्ट हुए और आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त घरों के निर्माण के लिए सहायता। तीसरा, स्वास्थ्य और शिक्षा प्रणालियों के लिए सहायता, विशेष रूप से वे जो चक्रवात से क्षतिग्रस्त हुई हैं। चौथा, कृषि, जिसमें अल्प और मध्यम अवधि में संभावित कमी को दूर करना शामिल है। और पांचवां, बेहतर आपदा प्रतिक्रिया और तैयारी की दिशा में काम करना।"

चक्रवात के पहले दिन से ऑपरेशन सागर बंधु सक्रिय

जयशंकर ने कहा कि नुकसान के पैमाने को देखते हुए, यह स्वाभाविक था कि भारत श्रीलंका की मदद के लिए आगे आया। उन्होंने कहा कि भारत का ऑपरेशन सागर बंधु दितवाह के पहले ही दिन शुरू हो गया था। उन्होंने कहा, "हमारा विमानवाहक पोत INS विक्रांत और INS उदयगिरि कोलंबो में मौजूद थे और उन्होंने राहत सामग्री पहुंचाई, जिसके बाद हेलीकॉप्टर तैनात किए गए।"

ऑपरेशन सागर बंधु ने 1,100 टन से अधिक राहत सामग्री पहुंचाई, जिसमें सूखा राशन, टेंट, तिरपाल, स्वच्छता किट, ज़रूरी कपड़े और पानी शुद्धिकरण किट शामिल हैं। लगभग 14.5 टन दवाएं और चिकित्सा उपकरण भी प्रदान किए गए, जबकि राहत कार्यों में सहायता के लिए 60 टन उपकरण श्रीलंका लाए गए। बड़ी संख्या में सेना के इंजीनियरों ने किलिनोची में C-17 विमान द्वारा लाए गए बेली ब्रिज का निर्माण किया। 

श्रीलंका में टूरिज्म बढ़ाने में मदद करगे भारत 

श्रीलंका की मदद करने के दूसरे तरीकों के बारे में जयशंकर ने कहा कि भारत श्रीलंका में भारतीय टूरिज्म को बढ़ावा देगा क्योंकि यह द्वीप देश एक महत्वपूर्ण टूरिज्म इकोनॉमी है। "इसी तरह, भारत से फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट में बढ़ोतरी इस मुश्किल समय में आपकी इकोनॉमी को बढ़ावा दे सकती है। हमने पहले भी श्रीलंका का मजबूत इरादा और लचीलापन देखा है। भारत पहले से कहीं ज़्यादा मजबूती से श्रीलंका के साथ खड़ा है," विदेश मंत्री ने कहा।

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