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बंगाल: हंसखाली नाबालिग सामूहिक दुष्कर्म मामले में तीन दोषियों उम्रकैद, नाबालिग को किया रिहा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कोलकाता।
Published by: राहुल कुमार
Updated Tue, 23 Dec 2025 04:34 PM IST
सार
पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के हंसखाली कांड में अदालत ने 2022 में नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म और उसकी मौत के मामले में तीन दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई। कोर्ट ने उन्हें दुष्कर्म, साजिश और सबूत नष्ट करने का दोषी माना है।
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कोर्ट
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
पश्चिम बंगाल की एक अदालत ने मंगलवार को नादिया जिले के हंसखाली में 2022 में नाबालिग लड़की के सामूहिक दुष्कर्म मामले में दोषी करार नौ लोगों में तीन को उम्रकैद की सजा सुनाई है। रानाघाट अतिरिक्त जिला न्यायाधीश (एडीजे) की अदालत ने सोमवार को नौ लोगों को दोषी ठहराया था। आज अदालत ने सजा का एलान किया है।
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तीन को उम्रकैद
राणाघाट अतिरिक्त जिला न्यायाधीश अदालत ने ब्रजगोपाल गोआली, प्रभाकर पोद्दार और रंजीत मल्लिक को 14 साल की लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म, आपराधिक साजिश और भारतीय दंड संहिता और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम के तहत सबूत नष्ट करने का दोषी पाए जाने के बाद उम्रकैद की सजा सुनाई। मुख्य आरोपी ब्रजगोपाल के पिता समरेंद्र गोआली को पांच साल जेल की सजा सुनाई गई।
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बचाव पक्ष के वकील ने बताया कि दोषियों में से एक, जो घटना के समय नाबालिग था, उसको 50,000 रुपये के बॉन्ड पर एक साल तक अच्छे आचरण की शर्त पर रिहा कर दिया गया। उन्होंने कहा कि इस आदेश को ऊपरी अदालत में चुनौती दी जाएगी। उन्होंने बताया कि बाकी दोषियों को आपराधिक साजिश, सबूत नष्ट करने और आपराधिक धमकी जैसे अपराधों में जेल की सजा सुनाई गई है।
क्या है मामला?
सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता की बाद में चोटों की वजह से मौत हो गई थी। कलकत्ता हाई कोर्ट ने इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपी थी। 14 साल की लड़की के साथ चार अप्रैल 2022 को सत्ताधारी पार्टी के पंचायत नेता के बेटे की जन्मदिन की पार्टी के दौरान सामूहिक दुष्कर्म हुआ। पीड़िता की बाद में मौत हो गई। आरोपियों के दबाव में उसके शव का जल्दबाजी में अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस वारदात के बाद लोगों का गुस्सा भड़क उठा। राजनीतिक हलकों में भी यह मामला खासा सुर्खियों में रहा।
पंचायत नेता के बेटे ब्रजगोपाल गोआली, प्रभाकर पोद्दार और रंजीत मल्लिक पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 डीए के तहत सामूहिक दुष्कर्म और पॉक्सो के तहत आरोप लगाए गए थे। बाकी छह आरोपियों पर आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए थे। वकील अनिंद्य दास ने सत्ताधारी पार्टी के नेता के बेटे की मामले में संलिप्तता के मद्देनजर कलकत्ता हाई कोर्ट में याचिका दायर कर जांच को राज्य पुलिस से सीबीआई को देने की मांग की थी।
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