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संसद में विपक्षी नेताओं की बैठक, चुनाव आयोग भी पहुंचे

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: आसिम खान Updated Mon, 04 Feb 2019 07:35 PM IST
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Opposition leaders meeting in Parliament, mallikarjun kharge and ghulam nabi azad in meeting
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संसद में विपक्षी नेताओं की मीटिंग हो रही है। इस मीटिंग में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और गुलाम नबी आजाद सहित कई बड़े नेता मौजूद रहे। इसके बाद सभी नेताओं ने ईवीएम के मुद्दे पर चुनाव आयोग से मुलाकात की। ये नेता 19 जनवरी को कोलकाता में हुई विपक्ष की रैली में भी शामिल हुए थे। 

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विपक्षी दलों के नेताओं ने आगामी लोकसभा चुनाव में ईवीएम की विश्वसनीयता का हवाला देते हुये मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा से ईवीएम मशीनों के मतों का 50 प्रतिशत वीवीपैट मशीनों की पर्ची से मिलान कराने की मांग की है। कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे और अहमद पटेल सहित अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने सोमवार को अरोड़ा से मुलाकात कर उन्हें इस आशय का एक ज्ञापन सौंपा। 
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इस पर लोकसभा और राज्यसभा में 23 विपक्षी दलों के नेताओं ने हस्ताक्षर कर आयोग से 50 प्रतिशत वीवीपैट की पर्चियों का ईवीएम के मतों से मिलान करने की साझा मांग की है। बैठक के बाद आजाद ने संवाददाताओं को बताया आयोग ने हमें विश्वास दिलाया है कि इस मुद्दे पर एक समिति गठित की है और इसकी रिपोर्ट आम चुनाव से पहले आयेगी जिसे प्रकाशित किया जायेगा।


उन्होंने कहा कि सभी दलों की सहमति से आयोग के समक्ष ईवीएम की विश्वसनीयता को बरकरार रखने के लिये प्रत्येक राज्य में आधे मतदान केन्द्रों पर ईवीएम के मतों का वीवीपैट की पर्चियों से मिलान करने का सुझाव पेश किया है। आजाद ने बताया कि आयोग से यह व्यवस्था लोकसभा और विधानसभा चुनाव सहित सभी चुनाव में लागू करने का अनुरोध किया है। 

प्रतिनिधिमंडल में आजाद, खड़गे और पटेल के अलावा तेदेपा के चंद्रबाबू नायडू, राकांपा के माजिद मेमन, सपा के रामगोपाल यादव, बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा, राजद के मनोज झा, माकपा के मोहम्मद सलीम, भाकपा के डी राजा, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन और आप के संजय सिंह सहित अन्य दलों के नेता शामिल थे।

आजाद ने बताया कि तमाम दलों ने पहले मतपत्र से चुनाव कराने की मांग की थी। लेकिन अगले लोकसभा चुनाव में कम समय होने के कारण सभी दलों ने आयोग के समक्ष यह मांग पेश नहीं करने पर सहमति जताते हुये ईवीएम में ही हरसंभव पारदर्शिता कायम करने की मांग पेश की है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के सभी नेताओं को पूरा विश्वास है कि चुनाव आयोग लोकतंत्र को जिंदा रखने के लिये मतदाताओं का मत उनकी मर्जी के उम्मीदवार को ही मिले, यह व्यवस्था कायम रखेगा।

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