G RAM G Bill: विपक्ष का संसद परिसर में विरोध मार्च, खरगे बोले- इस बिल के खिलाफ हम संसद से लेकर सड़क तक लड़ेंगे
विपक्षी सांसदों ने गुरुवार को संसद भवन परिसर के अंदर जी-राम जी विधेयक के खिलाफ विरोध मार्च निकाला। इस विरोध में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे एआईसीसी महासचिव केसी वेणुगोपाल, समेत कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने भी भाग लिया।
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विपक्षी सांसदों ने गुरुवार को संसद भवन परिसर के अंदर जी-राम जी विधेयक के खिलाफ विरोध मार्च निकाला। इसे वापस लेने की मांग की।'महात्मा गांधी एनआरईजीए' के विशाल बैनर के पीछे, वह प्रेरणा स्थल पर गांधी प्रतिमा से मकर द्वार तक मार्च करते हुए सरकार के खिलाफ नारे लगा रहे थे। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने संसद और सड़कों पर सरकार के इस कदम का विरोध करने का संकल्प लिया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे एआईसीसी महासचिव केसी वेणुगोपाल, डीएमके की के कन्हीमोझी, टीआर बल्लू, ए राजा, आईयूएमएल के ईटी मोहम्मद बशीर, शिवसेना (यूबीटी) के अरविंद सावंत और आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन सहित अन्य लोगों ने विरोध प्रदर्शन में भाग लिया।
मोदी सरकार महात्मा गांधी का अपमान कर रही - खरगे
विरोध प्रदर्शन के बाद खरगे ने एक्स पर पोस्ट कहा, "मोदी सरकार ने न केवल राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का अपमान किया है, बल्कि काम करने के अधिकार को भी कुचल दिया है, जो भारत के गांवों में सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था।" इसके साथ ही खरगे ने कहा, "सत्ताधारी तानाशाही सरकार के इस अत्याचार के खिलाफ हम संसद से लेकर सड़कों तक लड़ेंगे।" वहीं, कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी भी विरोध प्रदर्शन कर रहे सांसदों के साथ मकर द्वार पर हुए प्रदर्शनों में शामिल हुईं।
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आज संसद में लोकतंत्र की हत्या हो गई - वेणुगोपाल
पत्रकारों से बात करते हुए वेणुगोपाल ने कहा, "आज संसद में लोकतंत्र की हत्या हो रही है। एनआरईजीए से महात्मा गांधी का नाम हटाकर वे लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ-साथ राष्ट्रपिता की विचारधारा को भी खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं।" यूपीए सरकार के शासनकाल के एमजीएनआरईजीए की जगह लेने के लिए विकसित भारत गारंटी रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) (वीबी-जी आरएएम जी) विधेयक पर संसद में बहस चल रही है। विपक्ष इस विधेयक का कड़ा विरोध कर रहा है और सरकार पर महात्मा गांधी का अपमान करने और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम 2005 के प्रावधानों को कमजोर करने का आरोप लगा रहा है।
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इस विधेयक के अनुसार, यह प्रत्येक ग्रामीण परिवार को एक वित्तीय वर्ष में 125 दिनों के वेतनभोगी रोजगार की वैधानिक गारंटी प्रदान करेगा, जिसके वयस्क सदस्य अकुशल शारीरिक श्रम करने के लिए स्वेच्छा से आगे आते हैं। वीबी-जी रैम जी अधिनियम के लागू होने की तारीख से छह महीने के भीतर, राज्यों को नए कानून के प्रावधानों के अनुरूप एक योजना बनानी होगी।