सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   India News ›   Oral Cancer Alarm in India: Tobacco and Alcohol Behind 62% Cases, Study Reveals

चिंताजनक: मुंह के कैंसर की बड़ी वजह शराब-तंबाकू, 62% मामलों के पीछे खैनी; संयुक्त सेवन बढ़ा देता है जोखिम

अमर उजाला नेटवर्क, नई दिल्ली Published by: शिवम गर्ग Updated Mon, 29 Dec 2025 07:13 AM IST
सार

भारत में मुंह का कैंसर तेजी से बढ़ रहा है। नए अध्ययन में खुलासा हुआ है कि 62% मामलों के पीछे खैनी, तंबाकू और शराब जिम्मेदार हैं। जानिए जोखिम, आंकड़े और बचाव के उपाय...

विज्ञापन
Oral Cancer Alarm in India: Tobacco and Alcohol Behind 62% Cases, Study Reveals
ओरल कैंसर, मुंह - फोटो : Freepik.com
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

भारत में मुंह का कैंसर एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट बन चुका है। भारतीय वैज्ञानिकों के एक नए और व्यापक अध्ययन से यह साफ हुआ है कि खैनी, जर्दा, तंबाकू और शराब, खासकर देसी शराब मिलकर देश में मुंह के कैंसर के 62 फीसदी मामलों के लिए जिम्मेदार हैं। हैरानी की बात यह है कि रोजाना महज नौ ग्राम शराब, यानी एक स्टैंडर्ड ड्रिंक भी इस जानलेवा बीमारी का खतरा 50 फीसदी तक बढ़ा सकती है। शराब और तंबाकू का संयुक्त सेवन इस जोखिम को चार गुना तक बढ़ा देता है।

Trending Videos


अध्ययन के अनुसार भारत में मुंह का कैंसर दूसरा सबसे आम कैंसर है। हर साल इसके करीब 1.44 लाख नए मामले सामने आते हैं और लगभग 80 हजार लोगों की मौत इस बीमारी के कारण हो जाती है। यह कैंसर मुख्य रूप से गाल और होंठों की अंदरूनी नरम परत, जिसे बक्कल म्यूकोसा कहा जाता है, को प्रभावित करता है। स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इससे पीड़ित लोगों में से केवल करीब 43 फीसदी ही पांच साल तक जीवित रह पाते हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन


शोधकर्ताओं के मुताबिक भारतीय पुरुषों में इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, और इसकी दर अब लगभग 15 प्रति एक लाख तक पहुंच चुकी है। महाराष्ट्र स्थित सेंटर फॉर कैंसर एपिडेमियोलॉजी और होमी भाभा नेशनल इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए इस अध्ययन में पाया गया कि शराब की कोई भी मात्रा सुरक्षित नहीं है। रोजाना सिर्फ नौ ग्राम शराब जो एक सामान्य पैग के बराबर है,मुंह के कैंसर के खतरे को 50 फीसदी तक बढ़ा देती है। यहां तक कि दो ग्राम से भी कम बीयर रोज पीने पर जोखिम बढ़ता हुआ पाया गया। सीशोध में सामने आया है कि ब्रांडेड शराब की तुलना में देसी शराब का खतरा कहीं ज्यादा है।

मेघालय,असम में 14 फीसदी मामले
ब्रिटिश मेडिकल जर्नल (बीएमजे) ग्लोबल हेल्थ में प्रकाशित इस अध्ययन के मुताबिक शराब और तंबाकू का साथ-साथ सेवन मुंह के कैंसर के खतरे को चार गुना से भी ज्यादा बढ़ा देता है। शोध के अनुसार, भारत में मुंह के कैंसर के हर दस में से छह यानी 62 फीसदी मामले इसी संयुक्त प्रभाव से जुड़े हैं। अनुमान है कि अकेले शराब से ही बक्कल म्यूकोसा कैंसर के करीब 11.5 फीसदी मामले जुड़े हैं, जबकि मेघालय, असम और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में यह आंकड़ा 14 फीसदी तक हो सकता है।

कैसे किया गया अध्ययन
शोधकर्ताओं ने 2010 से 2021 के बीच देश के पांच अलग-अलग केंद्रों पर 1,803 कैंसर मरीजों और 1,903 स्वस्थ लोगों की तुलना की। प्रतिभागियों में अधिकांश की उम्र 35 से 54 वर्ष के बीच थी, जबकि करीब 46 फीसदी मरीज 25 से 45 वर्ष के थे, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह बीमारी युवाओं को भी तेजी से चपेट में ले रही है। अध्ययन में शराब और तंबाकू के सेवन की अवधि, मात्रा और प्रकार से जुड़ी विस्तृत जानकारी ली गई।

अन्य वीडियो:-

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed