पहलगाम हमला: 'जिस दिन उसके बच्चों की किसी हमले में....', असीम मुनीर पर फूटा विनय नरवाल के पिता का गुस्सा
पहलगाम आतंकी हमले में जान गंवाने वाले 26 लोगों में एक लेफ्टिनेंट विनय नरवाल भी थे, जिनकी शादी को एक सप्ताह भी नहीं बीता था। उनके शव के साथ उनकी पत्नी हिमांशी नरवाल की तस्वीर ने देश को हिलाकर रख दिया था। अब उनके पिता ने अपना दर्द साझा किया है।
विस्तार
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रखा दिया था। इस हमले की एक तस्वीर को देखकर हर किसी की आंखें नम हो गई थीं। तस्वीर थी हमले में मारे गए लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी नरवाल की। जो शादी के एक सप्ताह बाद अपने पति के साथ हनीमून मानने के लिए पहलगाम गई थी। जहां उन्हें आतंकी हमले में अपनी सुहाग खोना पड़ा, इसके बाद पति के शव के पास बैठीं नवविवाहित हिमांशी की तस्वीर कलेजे को चीर देने वाली थी।
पाकिस्तानी आर्मी चीफ पर बरसे विनय नरवाल के पिता
बेटे को खोने के कई महीनों बाद लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के पिता राजेश नरवाल अपनी पीड़ा जाहिर की है। उन्होंने पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल असीम मुनीर पर निशाना साधा है। राजेश नरवाल ने कहा कि वह उनके दुख को तभी समझ पाएंगे, जब वह भी अपने बेटे या बेटी को को इसी तरह से खोएंगे। एनडीटीवी की खबर के मुताबिक, राजेश नरवाल ने कहा, उसे (जनरल आसिम मुनीर) मेरी तकलीफ उस दिन समझ में आएगी, जब कोई उसके बेटे या बेटी को नुकसान पहुंचाएगा। जिस दिन उसे यह पता चलेगा कि उसके बेटे या बेटी की किसी आतंकी हमले में जान चली गई, तभी वह इस दर्द को समझ पाएगा। अगर मुझे जैसे एक आम इंसान को बंदूक दी जाए और मैं उसके बेटे या बेटी को गोली मार दूं, तब जाकर उसे इस दर्द का एहसास होगा।
मैंने खुद को जैसे-तैसे संभाला- राजेश नरवाल
टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में राजेश नरवाल ने कहा, मैं अपने परिवार के सामने रो भी नहीं सकता हूं। मेरी पत्नी, मेरे माता-पिता सब टूट चुके हैं। लेकिन मुझे खुद को संयमित रखना पड़ता है ताकि उन्हें लगे कि मैं मजबूत हूं। मन को अशांत है। इतने दिन हो गए, लेकिन हम सो नहीं पा रहे हैं। दिमाग बिल्कुल सुन्न हो गया है। कोई भी दो-तीन घंटे से अधिक नहीं सो पाता। जब हम मनोचिकित्सक के पास जाते हैं, तो वे दवाएं देते हैं। लेकिन इसका कोई इलाज नहीं है। उल्टा और बीमारियां लग जाती हैं। यही हमारी हालत है।
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शादी के बाद पहलगाम गए थे विनय और हिमांशी
16 अप्रैल को विनय और हिमांशी की शादी हुई थी और इसके तीन दिन बाद दोनों का रिसेप्शन हुआ। इसके बाद ये कपल हनीमून मनाने के लिए कश्मीर चला गया था। इसी दौरान 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकी हमला हुआ और आतंकवादियों ने विनय नरवाल के सिर में गोली मार दी। मेधावी छात्र रहे विनय नरवाल सेवा चयन बोर्ड के माध्यम से नौसेना में भर्ती हुए थे और दो साल के भीतर लेफ्टिनेंट के पद तक पहुंच गए। विनय बचपन से ही सेना की ओर आकर्षित थे।
हर वक्त मेरे जहन में रहता है विनय- राजेश नरवाल
राजेश नरवाल ने बताया कि उसे सैनिकों को देखने का बहुत शौक था। वह मुझे सड़क किनारे खींच ले जाता था ताकि काफिलों को देख सके। उसमें नेतृत्व की क्षमता, साहस, अनुशासन का जज्बा था। मेरी पत्नी, माता-पिता और मैंने उसे तीस वर्षों में मिलकर गढ़ा था। हमने उसे सच बोलना और ईमानदारी से जीना सिखाया था। वह निडर होकर जीता था और उसी तरह गया। वह मेरा हीरो था और हमेशा रहेगा। विनय हर वक्त मेरे जहन में रहता है। जब सुबह उठता हूं, तो सबसे पहले वही मेरी आंखों के सामने होता है।
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