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Pahalgam Attack: पहलगाम हमले का पाकिस्तानी लिंक 144, क्या था पड़ोसी मुल्क के आर्मी चीफ मुनीर का सिग्नल?

Jitendra Bhardwaj जितेंद्र भारद्वाज
Updated Tue, 22 Apr 2025 08:06 PM IST
सार

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आज हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई है, कई लोग घायल बताए जा रहे हैं। जम्मू कश्मीर के सुरक्षा से जुड़े मामलों के विशेषज्ञ इस हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ होने की बात कर रहे हैं। क्योंकि कुछ दिन पहले ही पाकिस्तानी सेना के प्रमुख असीम मुनीर ने हिंदुओं को लेकर जहर उगला था।

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Pahalgam Terror attack's Pakistani link 144, army chief of pakistan Asim Munir statement, jammu kashmir
पहलगाम हमले का पाकिस्तानी लिंक - फोटो : ANI
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विस्तार
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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 26 लोग मारे गए हैं, जबकि मृतकों की संख्या बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी जम्मू-कश्मीर पहुंच गए हैं। वहीं जम्मू कश्मीर के सुरक्षा से जुड़े मामलों के विशेषज्ञ कैप्टन अनिल गौर (रिटायर्ड) कहते हैं, इस कायराना हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ तो है ही। 
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मुनीर के बयान को गंभीरता से लेना चाहिए था- अनिल गौर
पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर का वह बयान, जो उन्होंने 16 अप्रैल को दिया था, उस पर गौर करने की जरूरत है। क्या हमने उस बयान को हल्के में लिया है। ऐसे कई सवाल उठना लाजिमी है। जनरल मुनीर ने 144 घंटे पहले इस्लामाबाद में आयोजित ओवरसीज पाकिस्तानी कन्वेंशन 2025 में कहा था, 'कश्मीर पर हमारा (पाकिस्तानी सेना) और सरकार का रुख बिल्कुल स्पष्ट है। हम इसे नहीं भूलेंगे। हम भारत के कब्जे के खिलाफ संघर्ष करने वाले अपने कश्मीरी भाइयों को नहीं छोड़ेंगे। बतौर सुरक्षा विशेष गौर, यह सामान्य बयान नहीं था। इसकी गंभीरता को समझना चाहिए था।

जम्मू कश्मीर में बढ़ानी चाहिए थी सुरक्षा- अनिल गौर
कैप्टन (रिटायर्ड) अनिल गौर ने कहा, मुनीर के बयान के बाद जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बढ़ा देनी चाहिए थी। हालांकि खुफिया एजेंसियों ने अपने स्तर पर कुछ न कुछ किया ही होगा। पाकिस्तानी सेना के चीफ मुनीर ने जो कुछ कहा था, उसका असर पहलगाम के आतंकी हमले के तौर पर दिख रहा है। मुनीर ने बयान से स्पष्ट था कि कश्मीर में हमारे बंदे हैं। पहलगाम में आतंकियों ने टारगेट भी हिंदुओं को किया है। गोली मारने से पहले लोगों का धर्म पूछा गया था। अनिल गौर बताते हैं, जम्मू और कश्मीर में पर्यटन के लिए आने वाले अधिकांश लोगों में तो हिंदू ही होते हैं।

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आतंकी संगठन चाहते हैं जम्मू-कश्मीर में न आएं पर्यटक
यह हमला, कुछ अन्य बातों की तरफ भी इशारा करता है। जैसे आतंकियों को अब पहले के मुकाबले लोकल सपोर्ट नहीं मिल पा रही है। दूसरा, आतंकियों की नई भर्ती अब तकरीबन बंद हो चुकी है। उन्हें अब लोकल सपोर्ट भी नहीं मिल रही है। वे पहाड़ों पर छिपे हैं। इस हमले का मकसद वहां आने वाले हिंदुओं में दहशत फैलाना है। आतंकी संगठन चाहते हैं कि जम्मू और कश्मीर में पर्यटक न आएं। अगर पर्यटक नहीं आएंगे तो बिजनेस प्रभावित होगा। जब बिजनेस प्रभावित होगा तो सरकार की विकास नीति भी पटरी से उतर सकती है। आतंकी यह संदेश भी देना चाह है कि उन्हें लोकल सपोर्ट नहीं मिलेगी तो ऐसे हमले आगे भी देखने को मिल सकते हैं।

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