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‘एंजल’ कर की चिंता खत्म, अब काम पर फोकस करें स्टार्टअप : पीसी मोदी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Avdhesh Kumar
Updated Sun, 07 Jul 2019 06:21 AM IST
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CBDT Chairman
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केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के प्रमुख पीसी मोदी ने शनिवार को कहा कि स्टार्टअप मामले में ‘एंजल’ कर से संबंधित सभी चिंताओं का समाधान हो गया है और अब उन्हें कर अधिकारी या आयकर नोटिस की परवाह किए बिना अपने काम पर फोकस करना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप से जुड़े सभी पुराने मुद्दों का बातचीत की प्रक्रिया से तथा विभाग व बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों की कड़ी निगरानी में समाधान निकाल लिया जाएगा।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने पहले बजट भाषण में स्टार्टअप पर ‘एंजल’ कर, प्रमाणन और निवेशकों के वेरिफिकेशन से जुड़ी चिंताओं को दूर करने के लिए कई प्रस्ताव का एलान किया। मोदी ने कहा कि उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) से जुड़े सभी मुद्दों का निपटारा कर लिया गया है। ये मुद्दे स्टार्टअप की परिभाषा, शेयरों के मूल्य निर्धारण और कोष के स्रोतों से जुड़े हैं।
उन्होंने कहा कि वह स्टार्टअप को यह पूरी तरह से आश्वस्त कर सकते हैं कि उनके लिए शिकायत या अविश्वास का कोई मौका नहीं होगा। वे अपने कारोबार पर बेफिक्र होकर ध्यान दे सकते हैं। स्टार्टअप को लेकर बजट घोषणाओं पर प्रशासनिक व्यवस्था संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री का बयान विरासत में मिले मुद्दों को लेकर था।
उन्होंने कहा कि कुछ मामलों में जहां स्टार्टअप की जांच शुरू हो चुकी है या नोटिस भेजे गए हैं, उन मामलों में हमने जांच के लिए अलग अधिकारी की बात की है और यह काम निरीक्षण अधिकारी पूर्व मंजूरी लेकर होगा। इसीलिए जब वरिष्ठ अधिकारी मामले में जुड़े होंगे और परामर्श से काम होगा तो लगता नहीं कि कोई मामला बचेगा जिससे स्टार्टअप को कोई दिक्कत हो।
स्टार्टअप पिछले करीब एक साल से आयकर नोटिस मिलने को लेकर शिकायत कर रहे थे। उनका दावा था कि कर अधिकारियों के रवैये के कारण उनका काम करना मुश्किल हो रहा है। अब तक डीपीआईआईटी ने 19,665 स्टार्टअप को मान्यता दी है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अधीन आने वाला डीपीआईआईटी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और स्टार्टअप से जुड़े मसलों को देखता है।
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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने पहले बजट भाषण में स्टार्टअप पर ‘एंजल’ कर, प्रमाणन और निवेशकों के वेरिफिकेशन से जुड़ी चिंताओं को दूर करने के लिए कई प्रस्ताव का एलान किया। मोदी ने कहा कि उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) से जुड़े सभी मुद्दों का निपटारा कर लिया गया है। ये मुद्दे स्टार्टअप की परिभाषा, शेयरों के मूल्य निर्धारण और कोष के स्रोतों से जुड़े हैं।
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उन्होंने कहा कि वह स्टार्टअप को यह पूरी तरह से आश्वस्त कर सकते हैं कि उनके लिए शिकायत या अविश्वास का कोई मौका नहीं होगा। वे अपने कारोबार पर बेफिक्र होकर ध्यान दे सकते हैं। स्टार्टअप को लेकर बजट घोषणाओं पर प्रशासनिक व्यवस्था संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री का बयान विरासत में मिले मुद्दों को लेकर था।
उन्होंने कहा कि कुछ मामलों में जहां स्टार्टअप की जांच शुरू हो चुकी है या नोटिस भेजे गए हैं, उन मामलों में हमने जांच के लिए अलग अधिकारी की बात की है और यह काम निरीक्षण अधिकारी पूर्व मंजूरी लेकर होगा। इसीलिए जब वरिष्ठ अधिकारी मामले में जुड़े होंगे और परामर्श से काम होगा तो लगता नहीं कि कोई मामला बचेगा जिससे स्टार्टअप को कोई दिक्कत हो।
स्टार्टअप पिछले करीब एक साल से आयकर नोटिस मिलने को लेकर शिकायत कर रहे थे। उनका दावा था कि कर अधिकारियों के रवैये के कारण उनका काम करना मुश्किल हो रहा है। अब तक डीपीआईआईटी ने 19,665 स्टार्टअप को मान्यता दी है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अधीन आने वाला डीपीआईआईटी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और स्टार्टअप से जुड़े मसलों को देखता है।