Subhash Chandra Bose: पीएम मोदी ने 1943 में पोर्ट ब्लेयर में तिरंगा फहराने के लिए नेताजी को किया याद
1943 में सुभाष चंद्र बोस ने आज ही के दिन पोर्ट ब्लेयर में तिरंगा फहराया था। पीएम मोदी ने आज एक्स पर पोस्ट करके उनके इस काम को साह से भरा हुआ बताया है।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस की तारीफ़ की, जिन्होंने 1943 में इसी दिन पोर्ट ब्लेयर में तिरंगा फहराया था। पीएम मोदी ने उनके इस काम को साहस से भरा हुआ बताया। प्रधानमंत्री ने एक्स पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की तारीफ करते हुए संस्कृत में एक श्लोक भी पोस्ट किया है। मोदी ने कहा कि यह पल सभी को याद दिलाता है कि आजादी सिर्फ़ इच्छा से नहीं, बल्कि काबिलियत, कड़ी मेहनत और एक संगठित संकल्प से मिलती है।
आज़ाद हिंद फ़ौज या इंडियन नेशनल आर्मी के मुखिया सुभाष चंद्र बोस ने 30 दिसंबर, 1943 को पोर्ट ब्लेयर में पहली बार भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराया था। सुभाष चंद्र बोस के इसी साहस को आज पीएम मोदी से याद किया है।
आज ही के दिन 30 दिसंबर, 1943 को नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने पोर्ट ब्लेयर में साहस और पराक्रम के साथ तिरंगा फहराया था। वह क्षण हमें याद दिलाता है कि स्वतंत्रता केवल आकांक्षा से नहीं, बल्कि सामर्थ्य, परिश्रम, न्याय और संगठित संकल्प से आकार लेती है। आज का सुभाषित इसी भाव को अभिव्यक्त… pic.twitter.com/vYRNygE2Gv
— Narendra Modi (@narendramodi) December 30, 2025
पीएम मोदी ने X पर एक पोस्ट में कहा, "आज ही के दिन, 30 दिसंबर, 1943 को नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने बहुत हिम्मत और बहादुरी के साथ पोर्ट ब्लेयर में तिरंगा फहराया था। वह पल हमें याद दिलाता है कि आज़ादी सिर्फ़ इच्छा से नहीं, बल्कि काबिलियत, कड़ी मेहनत, न्याय और एक संगठित संकल्प से मिलती है।"
इसके साथ उन्होंने एक संस्कृत वाक्य को भी लिखा, सामर्थ्यमूलं स्वातन्त्र्यं श्रममूलं च वैभवम्। न्यायमूलं सुराज्यं स्यात् सङ्घमूलं महाबलम् ॥ इसका आर्थ है शक्ति को स्वतन्त्रता का और मेहनत को सम्पत्ति का आधार कहा गया है। इसी तरह न्याय को सुराज्य का और संगठन को महाशक्ति का मूल समझना चाहिए।