Mann Ki Baat: मन की बात में पीएम मोदी ने दी छठ की शुभकामनाएं, बोले- यह महापर्व गहरी एकता का प्रतिबिंब
अंबिकापुर-बंगलूरू में बदलाव की पहलों का किया जिक्र
पीएम मोदी ने इस दौरान छत्तीसगढ़ और कर्नाटक का जिक्र किया। पीएम ने छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर शहर की प्लास्टिक कचरा साफ करने की पहल गारबेज कैफे के बारे में बताया। उन्होंने कहा, "ये ऐसे कैफे हैं, जहां प्लास्टिक का कचरा लेकर जाने पर भरपेट खाना खिलाया जाता है। अगर कोई व्यक्ति एक किलो प्लास्टिक लेकर जाए तो उसे दोपहर या रात का खाना मिलता है और कोई आधा किलो प्लास्टिक ले जाए तो नाश्ता मिल जाता है। ये कैफे अंबिकापुर नगरपालिका चलाता है।"
मैनग्रोव के जरिए पर्यावरण संरक्षण का दिया मंत्र
सरदार पटेल की जयंती पर रन फॉर यूनिटी में शामिल होने की अपील की
प्रमुख के रूप में उनका कार्यकाल भी ऐतिहासिक रहा था। उन्होंने स्वच्छता और सुशासन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। उप-प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के रूप में उनके योगदान के लिए हम सभी सदैव उनके ऋणी रहेंगे।
पीएम मोदी ने कहा, "सरदार पटेल ने भारत के नौकरशाही के ढांचे की एक मजबूत नींव भी रखी। देश की एकता और अखंडता के लिए उन्होंने अद्वितीय प्रयास किए। मेरा आप सबसे आग्रह है, 31 अक्तूबर को सरदार साहब की जयंती पर देशभर में होने वाली रन फॉर यूनिटी में आप भी जरूर शामिल हों।
कोरापुट कॉफी का भी जिक्र किया
मोदी ने आगे कहा, "दुनिया-भर में भारत की कॉफी बहुत लोकप्रिय हो रही है। चाहे कर्नाटका में चिकमंगलुरु, कुर्ग और हासन हो। तमिलनाडु में पुलनी, शेवरॉय, नीलगिरी और अन्नामलाई के इलाके हों, कर्नाटक-तमिलनाडु सीमा पर बिलिगिरि क्षेत्र हो या फिर केरला में वायनाड, त्रावणकोर और मालाबार के इलाके। भारत की कॉफी की डायवर्सिटी देखते ही बनती है। हमारा पूर्वोत्तर भी कॉफी की उपज में आगे बढ़ रहा है।"
इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने भारत के राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ के 150वें वर्ष और इसके महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ‘वंदे मातरम’ मातृभूमि के प्रति हमारे कर्तव्यों और देशभक्ति की भावना जगाता है। उन्होंने देशवासियों से इस अवसर को यादगार बनाने के लिए सुझाव भेजने का अनुरोध किया।
साथ ही, उन्होंने संस्कृत भाषा और युवा पीढ़ी द्वारा संस्कृत में किए जा रहे रोचक कार्यों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भाषा किसी सभ्यता के मूल्यों और परंपराओं का वाहक होती है और युवा इसे पुनर्जीवित कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने आदिवासी नायकों, कोमराम भीम और भगवान बिरसा मुंडा के योगदान को याद करते हुए युवा पीढ़ी से उनसे सीख लेने और उनके जीवन और कार्यों को जानने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘मन की बात’ के माध्यम से देशवासियों को अपने आस-पास के प्रेरक व्यक्तियों और समूहों के बारे में बताने का मौका मिलता है। उन्होंने सभी से ऐसे संदेश भेजने का अनुरोध किया और अगले महीने फिर नए विषयों के साथ ‘मन की बात’ में मिलने का वादा किया।