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Politics: देश के बंटवारे पर NCERT के मॉड्यूल पर बहस तेज, कांग्रेस और BJP आईं आमने-सामने; जानें किसने क्या कहा

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: हिमांशु चंदेल Updated Sat, 16 Aug 2025 06:04 PM IST
सार

एनसीईआरटी ने कक्षा 6 से 12 के लिए भारत-पाकिस्तान बंटवारे पर नया मॉड्यूल जारी किया है, जिसमें जिन्ना, कांग्रेस और माउंटबेटन को जिम्मेदार ठहराया गया है। कांग्रेस ने इसे पक्षपातपूर्ण कहा, जबकि भाजपा नेताओं ने पलटवार करते हुए कहा कि बच्चों को बंटवारे की सच्चाई जाननी चाहिए। इतिहासकारों ने भी इसे स्वतंत्रता के बाद की सबसे बड़ी त्रासदी बताया, जिसमें लाखों लोग मारे गए और करोड़ों विस्थापित हुए।

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Politics Debate on NCERT module partition of india pakistan intensifies Congress BJP leaders statement
NCERT - फोटो : NCERT (https://ncert.nic.in/)
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विस्तार
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एनसीईआरटी (NCERT) ने कक्षा 6 से 12 तक के लिए भारत-पाकिस्तान बंटवारे पर दो विशेष मॉड्यूल जारी किए हैं। इसमें जिम्मेदारी मोहम्मद अली जिन्ना, कांग्रेस और लॉर्ड माउंटबेटन पर डाली गई है। इसमें बंटवारे को अभूतपूर्व मानवीय त्रासदी बताया गया है, जिसमें करीब 1.5 करोड़ लोग विस्थापित हुए और 12-15 लाख लोगों की हत्या हुई। मॉड्यूल जारी होते ही कांग्रेस और भाजपा के बीच तीखी सियासी बहस शुरू हो गई है।
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कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने मॉड्यूल पर आपत्ति जताई और कहा कि यह इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश करने की कोशिश है। इस पर भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि बंटवारा एक कड़वा सच है, जिसमें लाखों लोग मारे गए और घर तबाह हो गए। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने बंटवारे को स्वीकार कर देश को जलाया। शाहनवाज ने कहा कि आजादी की बात होती है लेकिन बंटवारे की जिम्मेदारी कोई नहीं लेता। बच्चों को यह जानने का हक है कि उस दौर में क्या हुआ।
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कांग्रेस हमेशा सवाल खड़े करती है- संजय सेठ
कांग्रेस की आलोचना पर केंद्रीय मंत्री संजय सेठ ने भी तीखा बयान दिया। उन्होंने कहा कि अगली पीढ़ी को इतिहास की सच्चाई जानने का अधिकार है। पवन खेड़ा को इतिहास पढ़ना चाहिए कि बंटवारे का जिम्मेदार कौन था। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वतंत्रता दिवस भाषण का जिक्र करते हुए कहा कि "वोकल फॉर लोकल" से भारत आत्मनिर्भर बनेगा, लेकिन कांग्रेस हर विकास कार्य पर सवाल खड़ा करती है। यही वजह है कि जनता ने कांग्रेस को लगातार तीसरी बार किनारे कर दिया।
 

 इतिहासकारों का दृष्टिकोण
भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद (ICHR) के निदेशक (अनुसंधान व प्रशासन) डॉ. ओम जी उपाध्याय ने कहा कि बंटवारा सामान्य घटना नहीं थी, बल्कि इतिहास की सबसे बड़ी त्रासदियों में से एक थी। 1.5 करोड़ लोग सीमा पार करने पर मजबूर हुए और लाखों की जान गई। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों ने कभी नहीं सोचा था कि ऐसा होगा। डॉ. उपाध्याय ने कहा कि नई पीढ़ी को सच जानना जरूरी है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
 

मॉड्यूल का विवरण और विवाद की जड़
एनसीईआरटी के मुताबिक, ये मॉड्यूल सामान्य पाठ्यपुस्तक से अलग हैं और इन्हें कक्षा 6-8 और 9-12 के लिए तैयार किया गया है। इसमें साफ लिखा गया है कि भारत के बंटवारे के पीछे तीन तत्व जिम्मेदार थे। जिन्ना, जिन्होंने इसकी मांग की; कांग्रेस, जिसने इसे स्वीकार किया; और माउंटबेटन, जिन्होंने इसे लागू किया। मॉड्यूल में यह भी बताया गया कि बंटवारे से केवल विस्थापन और हत्याएं ही नहीं हुईं, बल्कि कश्मीर विवाद जैसे दीर्घकालिक मुद्दे भी पैदा हुए। कांग्रेस नेताओं ने इस सामग्री को पक्षपातपूर्ण बताते हुए विरोध किया है, जबकि भाजपा और इतिहासकारों का कहना है कि अगली पीढ़ी को सच्चाई जानना जरूरी है।





 
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