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राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड के विनिवेश के विरोध में जंतर-मंतर पर प्रदर्शन
डिजिटल ब्यूरो, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Harendra Chaudhary
Updated Mon, 02 Aug 2021 07:27 PM IST
सार
आंध्र प्रदेश की जगनमोहन सरकार ने केंद्र सरकार के इस निर्णय को आंध्र प्रदेश के लोगों के सम्मान के विरूद्ध बताया है। साथ ही प्रस्ताव दिया है कि अगर केंद्र सरकार चाहे तो वह साझीदारी के तौर पर राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड को चलाने के लिए तैयार है...
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राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड
- फोटो : Agency (File Photo)
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विस्तार
राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड (RINL) के विनिवेश का विरोध दिल्ली तक पहुंच गया है। सोमवार को राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड के सैकड़ों कर्मचारियों ने जंतर-मंतर पर एकत्र होकर कंपनी के विनिवेश के विरोध में प्रदर्शन और नारेबाजी की। कर्मचारियों का कहना है कि कंपनी को पहले जानबूझकर घाटे में लाया गया और अब इसका विनिवेश कर हजारों कर्मचारियों के पेट पर लात मारने की तैयारी की जा रही है। कर्मचारियों ने केंद्र सरकार से राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड के विनिवेश के निर्णय को वापस लेने की मांग की। इस प्रदर्शन में वायएसआरसीपी के नेताओं ने भी भाग लिया।
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राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड में इस समय सौ फीसदी केंद्र सरकार की हिस्सेदारी है। देश की नवरत्न कंपनियों में शामिल राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड हर साल 63 लाख टन इस्पात का उत्पादन करता है। केंद्र सरकार इसके आंशिक हिस्से को निजी हाथों में सौंपकर धन अर्जित करने की कोशिश कर रही है, लेकिन कंपनी के कर्मचारी इस निर्णय का विरोध कर रहे हैं।
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आंध्र प्रदेश की जगनमोहन सरकार ने केंद्र सरकार के इस निर्णय को आंध्र प्रदेश के लोगों के सम्मान के विरूद्ध बताया है। राज्य ने विधानसभा में इस निर्णय की आलोचना की और केंद्र सरकार को पत्र लिखकर इस निर्णय को वापस लेने की मांग की। आंध्र सरकार ने यहां तक प्रस्ताव दिया है कि अगर केंद्र सरकार चाहे तो वह साझीदारी के तौर पर राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड को चलाने के लिए तैयार है। लेकिन अभी तक इस पर कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं आई है।