BJP: 'भारत में बांग्लादेश-नेपाल जैसे हालात पैदा करना चाहते हैं राहुल', अनुराग ठाकुर का कांग्रेस नेता पर पलटवार
राहुल गांधी की वोट चोरी के नए आरोपों पर भाजपा ने पलटवार किया। भाजपा ने कहा कि राहुल को नियमों के बारे में कुछ नहीं पता है। इसके अलावा चुनाव आयोग ने भी राहुल के उन आरोपों को गलत और निराधार बताया, जिनमें कहा गया कि मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार वोट चोरों को बचा रहे हैं।

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भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए पलटवार किया। अनुराग ठाकुर ने केंद्र और चुनाव आयोग के खिलाफ राहुल गांधी के 'वोट चोरी' आरोप की आलोचना करते हुए कहा कि राहुल गांधी भारत में बांग्लादेश और नेपाल जैसी स्थिति पैदा करना चाहते हैं। अनुराग ठाकुर ने कहा, 'भारत का चुनाव आयोग बिना किसी पूर्वाग्रह के काम कर रहा है। राहुल गांधी लोकतंत्र को कमजोर करने, नागरिकों को गुमराह करने और बांग्लादेश और नेपाल जैसी स्थिति पैदा करने की कोशिश में व्यस्त हैं।'

पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि 'घुसपैठिए की राजनीति पहले' ही राहुल गांधी का एकमात्र एजेंडा है। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस के अवैध मतदाताओं को संरक्षण देने के कथित एजेंडे को अनुमति दी गई तो अनुसूचित जातियों, जनजातियों और अन्य पिछड़ा वर्गों के हितों को सबसे ज्यादा नुकसान होगा। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार की बार-बार आलोचना किए जाने के बाद चुनाव आयोग का बचाव करते हुए भाजपा नेता ने पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्तों एमएस गिल, जो यूपीए सरकार में मंत्री बने थे और टीएन शेषन, जिन्होंने कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा था, जैसे पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्तों के संबंधों का हवाला देते हुए पलटवार किया।
'टूलकिट की मदद से संवैधानिक संस्थाओं पर सवाल उठाते हैं'
उन्होंने कहा कि 2023 में अलंद विधानसभा क्षेत्र से नाम हटाने की असफल कोशिश की गई थी। चुनाव आयोग ने खुद इस संबंध में एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया था। चुनाव आयोग पहले ही मोबाइल नंबर और आईपी एड्रेस उपलब्ध करा चुका है। इतना सब होने के बाद कांग्रेस शासित कर्नाटक की सीआईडी ने अब तक क्या किया है? रिकॉर्ड के अनुसार, अलंद विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार ही जीता था। तो क्या कांग्रेस वोट चुराकर जीती? राहुल गांधी ने खुद अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्वीकार किया कि वह यहां लोकतंत्र बचाने नहीं आए हैं। अगर इसे बचाना नहीं है, तो क्या उनका लक्ष्य इसे नष्ट करना है? टूलकिट की मदद से वह लगातार हमारी संवैधानिक संस्थाओं पर सवाल उठाते हैं और उन्हें कमजोर करते हैं।
'राहुल के नेतृत्व में कांग्रेस 90 चुनाव हार चुकी है'
उन्होंने राहुल पर अपना हमला तेज करते हुए कहा कि वह इस बात से निराश हैं कि उनके नेतृत्व में कांग्रेस 90 चुनाव हार चुकी है। इसलिए वे अब निराधार और गलत आरोप लगा रहे हैं। आज की प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल को 'हाइड्रोजन बम' गिराना था, लेकिन वह केवल पटाखे लेकर आए।

'बेबुनियाद आरोप लगाना उनकी आदत'
अनुराग ठाकुर ने कहा, 'एक ऐसा नेता जो चुनाव दर चुनाव हारता है और जनता की ओर से बार-बार नकारा जाता है, जिसके नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी लगभग 90 चुनाव हार चुकी है। उसकी हताशा और निराशा लगातार बढ़ती जा रही है। राहुल गांधी ने आरोपों की राजनीति को अपना आभूषण बना लिया है। जब उनसे अपने आरोपों की पुष्टि करने के लिए कहा जाता है, तो वे मुंह मोड़ लेते हैं और भाग जाते हैं। जब हलफनामा देने के लिए कहा जाता है, तो वे मुकर जाते हैं। बेबुनियाद आरोप लगाना उनकी आदत बन गई है।'
'किसी भी वोट को ऑनलाइन डिलीट नहीं कर सकता'
उन्होंने कहा, 'चाहे राफेल हो या चौकीदार चोर, गलत और बेबुनियाद आरोप लगाना राहुल की आदत बन गई है। वे बार-बार झूठे दावे करते हैं और फिर माफी मांग लेते हैं। राहुल गांधी आज की प्रेस कॉन्फ्रेंस में हाइड्रोजन बम गिराने वाले थे, लेकिन उन्हें फुलझड़ी से ही काम चलाना पड़ा, जो भी बुझ गई। चुनाव आयोग ने कहा है कि जनता या कोई भी आम आदमी किसी भी वोट को ऑनलाइन डिलीट नहीं कर सकता और प्रभावित व्यक्ति को सुनवाई का मौका दिए बिना कोई भी वोट डिलीट नहीं किया जा सकता।'

राहुल ने क्या आरोप लगाए थे?
- इससे पहले राहुल ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर वोट चोरों और लोकतंत्र को नष्ट करने वाले लोगों को बचाने का आरोप लगाया था। उन्होंने कर्नाटक विधानसभा क्षेत्र के आंकड़ों का हवाला देते हुए दावा किया कि चुनाव से पहले कांग्रेस समर्थकों के वोट व्यवस्थित रूप से हटाए जा रहे थे।
- राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत यह कहकर की थी कि किसी ने कर्नाटक की अलंद सीट पर 6,018 वोटों को राज्य के बाहर के सॉफ्टवेयर और फोन नंबरों का इस्तेमाल करके डिलीट करने की कोशिश की थी। उन्होंने वे मोबाइल नंबर भी दिखाए, जिनका इस्तेमाल कथित तौर पर वोटरों के नाम मिटाने के लिए किया गया था।