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Railways: दिल्ली हादसे के बाद अनरिजर्व टिकट को लेकर दिख सकता है ये बदलाव, जनरल कोच में सफर भी होगा आसान
डिजिटल ब्यूरो, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: राहुल कुमार
Updated Wed, 19 Feb 2025 04:01 PM IST
सार
भारतीय रेल से सालना सात करोड़ से अधिक यात्री सफर करते हैं। इनमें से करीब 20 फीसदी एसी कोच से सफर करते हैं। जबकि 80 फीसदी के करीब नॉन एसी यानी स्लीपर और जनरल क्लास से सफर कर रहे हैं।
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नई दिल्ली रेलवे स्टेशन
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
भारतीय रेलवे ने नई दिल्ली स्टेशन पर हुई भगदड़ के बाद घटना की जांच के लिए हाई लेवल कमेटी गठित कर दी है। भविष्य में ऐसी घटना न हो इसके लिए कमेटी ने मंथन करना करना शुरू कर दिया है।
भारतीय रेल से सालना सात करोड़ से अधिक यात्री सफर करते हैं। इनमें से करीब 20 फीसदी एसी कोच से सफर करते हैं। जबकि 80 फीसदी के करीब नॉन एसी यानी स्लीपर और जनरल क्लास से सफर कर रहे हैं। इनमें स्लीपर के मुकाबले जनरल क्लास से सफर करने वाले यात्रियों की संख्या ज्यादा है। नई दिल्ली में हादसे वाले दिन जनरल टिकट सामान्य दिनों के मुकाबले डेढ़ गुना ज्यादा बिके थे। रोजाना करीब 5000 जनरल टिकट बिकते थे, 15 फरवरी को 2600 टिकट अधिक बिके थे।
रेलवे के सूत्रों का कहना है कि, होली-दिवाली और छठ के दिनों में कई बार ये देखने में आता है कि जनरल टिकट टिकटों की बिक्री ट्रेनों की क्षमता के मुकाबले अधिक की जाती है। इससे ट्रेनों में न केवल भीड़ बढ़ जाती है बल्कि यात्रियों को भी परेशानी होती हैं। कई बार ये यात्री जनरल क्लास का टिकट लेकर एसी और स्लीपर कोच में चढ़ जाते है। इससे दूसरे यात्रियों को बहुत परेशानी होती है। ऐसे में अगर अगर कोचों की क्षमता के अनुसार ही जनरल टिकट बेचें जाएं तो इस तरह की परेशानी से बचा जा सकता है और हादसे की संभावना नहीं होगी। रेलवे इस पर भी विचार विमर्श कर रहा है।
इसके अलावा भीड़ वाले दिनों में जनरल टिकट पर ट्रेन का नंबर प्रिंट करने पर भी विचार किया जा रहा है। इससे पता रहेगा कि किस ट्रेन में कितने जनरल टिकट वाले सफर करेंगे। हालांकि रेलवे का कहना है कि इन सभी बातों पर अभी विचार चल रहा है। इन सुझावों को कैसे अमल में लाया जा सकता है। क्योंकि कोच की क्षमता फुल होने के बाद जनरल टिकट बंद करना कोई समाधान नहीं होगा।
ट्रेनों में चार चार जनरल कोच
भारतीय रेलवे ने पिछले दिनों ट्रेनों में जनरल कोचों को लेकर बढ़ा फैसला लिया है। जनरल कोचों की संख्या तय कर दी है। रेलवे ने प्रत्येक नियमित ट्रेन में चार-चार कोच लगाए जाएंगे। अभी तक-मेल एक्सप्रेस में जनरल कोचों की संख्या तय नहीं थी। किसी में एक, किसी में दो, किसी में तीन तो किसी में चार लगते थे। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पिछले दिनों यह जानकारी दी थी कि मौजूदा समय जनरल कोचों का निर्माण तेजी से किया जा रहा है। अभी तक 1200 कोचों का निर्माण किया जा चुका है। संभावना है कि मार्च तक 200 कोच और तैयार हो जाएंगे। इस तरह 1400 जनरल कोच ट्रेनों में लगाए जाएंगे।
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भारतीय रेल से सालना सात करोड़ से अधिक यात्री सफर करते हैं। इनमें से करीब 20 फीसदी एसी कोच से सफर करते हैं। जबकि 80 फीसदी के करीब नॉन एसी यानी स्लीपर और जनरल क्लास से सफर कर रहे हैं। इनमें स्लीपर के मुकाबले जनरल क्लास से सफर करने वाले यात्रियों की संख्या ज्यादा है। नई दिल्ली में हादसे वाले दिन जनरल टिकट सामान्य दिनों के मुकाबले डेढ़ गुना ज्यादा बिके थे। रोजाना करीब 5000 जनरल टिकट बिकते थे, 15 फरवरी को 2600 टिकट अधिक बिके थे।
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रेलवे के सूत्रों का कहना है कि, होली-दिवाली और छठ के दिनों में कई बार ये देखने में आता है कि जनरल टिकट टिकटों की बिक्री ट्रेनों की क्षमता के मुकाबले अधिक की जाती है। इससे ट्रेनों में न केवल भीड़ बढ़ जाती है बल्कि यात्रियों को भी परेशानी होती हैं। कई बार ये यात्री जनरल क्लास का टिकट लेकर एसी और स्लीपर कोच में चढ़ जाते है। इससे दूसरे यात्रियों को बहुत परेशानी होती है। ऐसे में अगर अगर कोचों की क्षमता के अनुसार ही जनरल टिकट बेचें जाएं तो इस तरह की परेशानी से बचा जा सकता है और हादसे की संभावना नहीं होगी। रेलवे इस पर भी विचार विमर्श कर रहा है।
इसके अलावा भीड़ वाले दिनों में जनरल टिकट पर ट्रेन का नंबर प्रिंट करने पर भी विचार किया जा रहा है। इससे पता रहेगा कि किस ट्रेन में कितने जनरल टिकट वाले सफर करेंगे। हालांकि रेलवे का कहना है कि इन सभी बातों पर अभी विचार चल रहा है। इन सुझावों को कैसे अमल में लाया जा सकता है। क्योंकि कोच की क्षमता फुल होने के बाद जनरल टिकट बंद करना कोई समाधान नहीं होगा।
ट्रेनों में चार चार जनरल कोच
भारतीय रेलवे ने पिछले दिनों ट्रेनों में जनरल कोचों को लेकर बढ़ा फैसला लिया है। जनरल कोचों की संख्या तय कर दी है। रेलवे ने प्रत्येक नियमित ट्रेन में चार-चार कोच लगाए जाएंगे। अभी तक-मेल एक्सप्रेस में जनरल कोचों की संख्या तय नहीं थी। किसी में एक, किसी में दो, किसी में तीन तो किसी में चार लगते थे। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पिछले दिनों यह जानकारी दी थी कि मौजूदा समय जनरल कोचों का निर्माण तेजी से किया जा रहा है। अभी तक 1200 कोचों का निर्माण किया जा चुका है। संभावना है कि मार्च तक 200 कोच और तैयार हो जाएंगे। इस तरह 1400 जनरल कोच ट्रेनों में लगाए जाएंगे।