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Rajasthan: जयपुर में हुआ देश का पहला सिक्योरिटी सिनर्जी सेमिनार, भविष्य के युद्धों पर हुई गहन चर्चा

डिजिटल ब्यूरो, अमर उजाला, जयपुर / नई दिल्ली। Published by: ज्योति भास्कर Updated Thu, 13 Nov 2025 03:09 AM IST
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Rajasthan Defence Experts Army first Security Synergy Seminar in Jaipur in-depth discussions on future wars
राजस्थान में हुआ देश का पहला सिक्योरिटी सिनर्जी सेमिनार - फोटो : अमर उजाला / एजेंसी
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जे ए आई - जॉइंटनेस, आत्मनिर्भरता और इनोवेशन से प्रेरणा लेते हुए तथा राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए केवल सशस्त्र बलों के बीच ही नहीं बल्कि सभी स्टेकहोल्डर्स जैसे राजनीतिक, उद्योग, शिक्षा जगत, नागरिक प्रशासन और नागरिकों के बीच भी समन्वय की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए  सप्त शक्ति कमान के तत्वावधान में सेंटर फॉर लैंड वॉरफेयर स्टडीज, नई दिल्ली के सहयोग से 10-11 नवंबर 2025 को जयपुर सैन्य स्टेशन में ए होल ऑफ नेशन अप्रोच टू काउंटर फ्यूचर कॉन्फ्लिक्ट्स विषय पर देश का पहला सिक्योरिटी सिनर्जी सेमिनार आयोजित किया गया।

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अपने उद्घाटन संबोधन में सप्त शक्ति कमान के आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल मंजिंदर सिंह ने वर्तमान वैश्विक परिदृश्य की अस्थिरता, अनिश्चितता और शक्ति संतुलन में परिवर्तन को रेखांकित किया। उन्होंने रूस-यूक्रेन तथा इज़राइल-हमास संघर्षों के उदाहरण देते हुए कहा कि भविष्य के संघर्षों में केवल सैन्य बल ही नहीं बल्कि आर्थिक, सिविल  इंफ्रास्ट्रक्चर, सूचना और साइबर डोमेन, यहाँ तक कि नागरिक भी लक्ष्य बनेंगे। उन्होंने कहा कि आधुनिक युद्ध पारंपरिक सीमाओं से आगे बढ़ चुका है और अब यह कई आयामों में लड़ा जा रहा है, जिसमें राष्ट्रीय शक्ति के सभी घटकों जैसे कूटनीतिक, सूचना, मिलिट्री और इकॉनमी का प्रौद्योगिकी के माध्यम से एकीकृत होना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि सच्ची राष्ट्रीय दृढ़ता शासन, उद्योग और नागरिकों के सामूहिक प्रयासों से ही उत्पन्न होती है। उन्होंने आगे कहा कि इस समकालीन विश्व में ‘राष्ट्र की सुरक्षा’ एक ‘आदत और ‘राष्ट्र की आत्मा’ बन जानी चाहिए।
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इस सेमिनार में प्रख्यात सैन्य रणनीतिकारों, वरिष्ठ पूर्व सैनिक, डिप्लोमेट्स, ब्यूरोक्रेट्स, उद्योगजगत, नवाचार विशेषज्ञों, राज्य प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों, प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों तथा जयपुर की विभिन्न विश्वविद्यालयों के 150 से अधिक छात्रों ने सहभागिता की।

चार सत्रों में विभाजित इस सेमिनार में विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई, जिसमें ‘व्होल ऑफ नेशन अप्रोच’ के रणनीतिक महत्व, उभरते खतरे, तथा राज्य स्तर तक इस ढाँचे के क्रियान्वयन पर गहन विमर्श किया गया। पहले दिन, भविष्य के बहु-आयामी युद्धों की प्रकृति और 'वोना' की वैचारिक रूपरेखा पर चर्चा हुई, जबकि दूसरे दिन सूचना युद्ध, साइबर एवं इन्फ्लुएंस ऑपरेशन्स पर राष्ट्रीय स्तर के ढांचे की आवश्यकता और चुनौतियों पर विचार हुआ। अंतिम सत्र में राजस्थान को मॉडल के रूप में लेकर राज्य स्तर पर इस दृष्टिकोण के व्यावहारिक अनुप्रयोग पर चर्चा की गई।

सेमिनार के प्रमुख निष्कर्षों में कमियों की पहचान, सूचना के महत्व, क्षमता विकास, तथा राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए होल ऑफ नेशन अप्रोच को प्राप्त करने हेतु एक कार्ययोजना का प्रस्ताव शामिल था। इसमें अंतर-एजेंसी समन्वय को संस्थापन करना, राष्ट्रीय स्तर पर संज्ञानात्मक रक्षा ढांचे को सुदृढ़ करने, तथा सूचना क्षेत्र में मौजूद कमजोरियों का सामना करने के लिए स्वदेशी क्षमताओं के निर्माण की सिफारिश की गई। इस सेमिनार ने यह भी उजागर किया कि प्रभावी संचालन एवं दुष्प्रचार अभियानों का मुकाबला करने के लिए तकनीक और मानसिक दृढ़ता के समन्वय की आवश्यकता है।

राजस्थान संबंधी सत्र में इस बात पर सहमति बनी कि राज्य से लेकर तहसील स्तर तक सैन्य-नागरिक समन्वय को और मजबूत करने, संस्थागत ढाँचे एवं प्रक्रियाओं को सुधारना करने की आवश्यकता है, जो शांति और संघर्ष दोनों अवस्थाओं में उपयोगी सिद्ध होगी। इस सत्र में राज्य स्तर पर लागू किए जा सकने वाले होल ऑफ नेशन अप्रोच मॉडल पर भी चर्चा की गई। इस बात पर भी सहमति बनी की एक राज्य स्तरीय होल ऑफ नेशन अप्रोच का मॉडल डेवेलोप किया जायेगा जो अन्य राज्यों द्वारा भी अपनाया जा सके।

यह सिक्योरिटी सिनर्जी सेमिनार आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत 2047 के राष्ट्रीय विकास लक्ष्यों के अनुरूप सैन्य तैयारियों को जोड़ने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच साबित हुआ। सेमिनार ने न केवल एक एकीकृत राष्ट्रीय ढांचे के शुभारंभ हेतु आधार प्रदान किया, बल्कि भारत की सुरक्षा, दृढ़ता और आत्मनिर्भरता को सुदृढ़ करने के लिए एक ठोस एवं व्यावहारिक मार्ग भी सुझाया, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि वर्तमान समय में ‘व्होल ऑफ नेशन एंड गवर्नमेंट अप्रोच’ को अपनाना अत्यंत आवश्यक है।

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