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सीएए-एनआरसी की वापसी: केंद्रीय मंत्री ने मांग करने वालों को सुनाई खरी-खरी, कहा- गलतफहमी में न रहें
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: सुरेंद्र जोशी
Updated Sat, 20 Nov 2021 04:44 PM IST
सार
केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य राज्यमंत्री कौशल किशोर ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कृषि कानूनों को वापस लेने के बाद विपक्ष के पास अब कोई मुद्दा नहीं रह गया है। अब वह सीएए व एनआरसी वापसी की मांग को हवा दे रहा है।
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केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य राज्यमंत्री कौशल किशोर
- फोटो : ANI
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विस्तार
केंद्र ने विवादित कृषि कानून क्या वापस लिए दो अन्य विवादित कानूनों- सीएए और एनआरसी की वापसी की मांग करने वालों को भी उम्मीद जाग गई है। इन दोनों कानूनों के खिलाफ भी देश के विभिन्न हिस्सों में लंबे समय तक आंदोलन चले थे। हालांकि शनिवार को केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर ने सीएए व एनआरसी वापसी की मांग करने वालों को खरी-खरी सुना दी।
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केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य राज्यमंत्री कौशल किशोर ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कृषि कानूनों को वापस लेने के बाद विपक्ष के पास अब कोई मुद्दा नहीं रह गया है। अब वह सीएए व एनआरसी वापसी की मांग को हवा दे रहा है। उन्होंने कहा कि जो लोग इन दोनों कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं, वे गलतफहमी के शिकार हैं।
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विपक्ष को इस फ़ैसले का स्वागत करना चाहिए। तीनों कृषि क़ानून वापस लेने के बाद विपक्ष के पास अब कोई मुद्दा नहीं है। विपक्ष सोच रहा है कि कृषि क़ानून वापस हो गए तो CAA-NRC भी वापस हो जाएगा। CAA-NRC वापस करने की मांग जो कर रहे हैं, वे गलतफहमी के शिकार हैं: केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर pic.twitter.com/7uVkJknZ2Q
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 20, 2021
जमीयत उलेमा ए हिंद ने की मांग
अग्रणी मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने पीएम मोदी द्वारा केंद्रीय कृषि कानूनों का वापस लेने की घोषणा के बाद मांग की है कि अब केंद्र सरकार को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को भी निरस्त कर देना चाहिए। इसी तरह बसपा के सांसद कुंवर दानिश अली ने भी कहा कि प्रधानमंत्री को अब सीएए को निरस्त करने पर भी तत्काल विचार करना चाहिए। जमीयत के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि हम किसानों को बधाई देते हैं। मदनी ने कहा कि प्रधानमंत्री सही कहते हैं कि हमारे देश का ढांचा लोकतांत्रिक है। ऐसे में अब उन्हें उन कानूनों की ओर भी ध्यान देना चाहिए, जो मुसलमानों से जुड़े हैं। कृषि कानूनों की तरह सीएए को भी वापस लिया जाए।
पीएम मोदी ने गुरु पर्व पर किया था एलान
पीएम मोदी ने शुक्रवार को गुरु पर्व के अवसर पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में केंद्र के तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने की अचानक घोषणा की थी। पीएम ने इन कानूनों के लाभ किसानों को नहीं समझा पाने के लिए उनसे माफी भी मांगी। पीएम ने कहा था कि ये कानून किसानों के फायदे के लिए थे, लेकिन हमारे सर्वश्रेष्ठ प्रयासों के बावजूद हम किसानों के एक वर्ग को मना नहीं पाए, हमारी तपस्या में कमी रह गई। तीनों कृषि कानूनों का लक्ष्य किसानों, खासकर छोटे किसानों को मजबूत बनाना था।