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India-Russia: रूस के राजदूत ने उठाई भारत और चीन के बीच संबंधों की बात, कही ये बात

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: Jeet Kumar Updated Fri, 01 Sep 2023 11:08 PM IST
सार

भारत में रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने कहा कि हमारे बीच एक त्रिपक्षीय तंत्र है- रूस, भारत और चीन... यह 2020 से पहले काफी सक्रिय था। लेकिन घटना के बाद, भारत और चीन के बीच बातचीत बहुत जटिल हो गई। 

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Russian Ambassador Denis Alipov talk about Russia, India and China trilateral mechanism
भारत में रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव। - फोटो : ANI
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विस्तार
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भारत और चीन के बीच सीमा विवाद अभी हल नहीं हुआ है। पीएम मोदी और शी जिनपिंग भी इसको लेकर मुलाकात कर चुके हैं। वहीं, भारत में रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने कहा कि हमारे बीच एक त्रिपक्षीय तंत्र है- रूस, भारत और चीन... यह 2020 से पहले काफी सक्रिय था। लेकिन घटना के बाद, भारत और चीन के बीच बातचीत बहुत जटिल हो गई। 

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आगे कहा कि लेकिन हमें उम्मीद है और यह त्रिपक्षीय तंत्र फिर से ठीक होगा और इसे जारी रखने के लिए बहुत उत्सुक हैं। हमारी राय में, भारत और चीन के बीच संबंधों में सुधार के लिए आधार बनाने में बहुत मददगार है, देर-सबेर ऐसा अवश्य होगा।

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यूक्रेन मुद्दे पर आम सहमति नहीं है।
रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव ने शुक्रवार को कहा कि यूक्रेन युद्ध के अलावा सभी मुद्दों पर जी20 देशों के बीच आम सहमति है और इस विवादास्पद विषय को नेताओं के बयान के मसौदे से हटा दिया जाना चाहिए ताकि अगले सप्ताह समूह के शिखर सम्मेलन में इसके जारी होने का मार्ग प्रशस्त हो सके। उन्होंने कहा कि रूस जी20 की भारतीय अध्यक्षता के तहत उसकी प्राथमिकताओं का खुले तौर पर समर्थन कर रहा है। इसके साथ ही उम्मीद जताई कि शिखर सम्मेलन भारत और पूरे विश्व के लिए बड़ी कामयाबी होगी। अलीपोव ने कहा कि स्पष्ट है यूक्रेन मुद्दे पर आम सहमति नहीं है।

बाली घोषणा में रूस और चीन दोनों यूक्रेन संघर्ष पर दो पैराग्राफ पर सहमत हो गए थे, लेकिन इस साल वे इससे पीछे हट गए, जिससे भारत के लिए इस जटिल मुद्दे पर आम सहमति बनाने में परेशानी हो रही है।  ऐसी आशंका है कि यूक्रेन संघर्ष के जिक्र के संबंध में आम सहमति नहीं बनती है तो नेताओं की घोषणा के बिना ही शिखर सम्मेलन समाप्त हो सकता है। 

अलीपोव ने पूछा कि अगर सिर्फ एक विषय पर आम सहमति नहीं है और अन्य सभी मुद्दों पर आम सहमति है, तो ऐसी स्थिति में हम क्या करेंगे। अलीपोव ने सुझाव दिया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद जैसे निकाय हैं जिन्हें यूक्रेन संघर्ष पर विचार-विमर्श करना चाहिए और रूस चर्चा के लिए तैयार है।
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