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India-China Relations: 13 जुलाई से चीन के तीन दिवसीय दौरे पर जाएंगे जयशंकर, SCO शिखर सम्मेलन में होंगे शामिल

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: शुभम कुमार Updated Fri, 04 Jul 2025 05:14 PM IST
सार

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, एनएसए अजीत डोभाल के बाद अब विदेश मंत्री एस जयशंकर भी 13 जुलाई से तीन दिवसीय चीन दौरे पर जाएंगे। जहां वे एससीओ बैठक में भी भाग लेंगे। जयशंकर का ये दौरा इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि गलवां संघर्ष के बाद पहली बार है जब वे चीन की यात्रा पर जा रहे हैं। ऐसे में विदेश मंत्री के इस दौरे को भारत और चीन के बीच के रिश्ते में एक नई शुरुआत के तौर पर देखा जा रहा है।

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S Jaishankar will visit China from July 13, will participate in SCO meeting News In Hindi
विदेश मंत्री एस जयशंकर - फोटो : ANI
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विस्तार
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विदेश मंत्री एस जयशंकर 13 जुलाई से तीन दिवसीय चीन दौरे पर जाएंगे। यह जानकारी शुक्रवार को विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने दी। यह यात्रा बीजिंग से शुरू होगी, जिसके बाद वह तिआनजिन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होंगे। इस समय एससीओ की अध्यक्षता चीन के पास है। 

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जयशंकर का यह दौरा इसलिए अहम माना जा रहा है क्योंकि जून 2020 में एलएसी पर गलवां घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद भारत और चीन के रिश्तों में भारी तनाव आ गया था। इस बीच जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष की कुछ मुलाकाती अंतरराष्ट्रीय बैठकों के दौरान जरूर हुईं, लेकिन यह पहली बार होगा जब वह तनाव के बाद सीधे चीन की यात्रा पर जा रहे हैं।
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भारत-चीन के रिश्ते में नई शुरुआत की उम्मीद
बता दें कि एस. जयशंकर की यह यात्रा दोनों देशों के रिश्तों में एक नई शुरुआत की संभावना लेकर आ रही है। कारण है कि जयशंकर के इस दौरे से एससीओ बैठक के साथ-साथ भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय संबंधों में स्थिरता और विश्वास बहाली के लिए यह यात्रा एक अहम कदम मानी जा रही है।

पीएम मोदी-शी जिनपिंग की मुलाकात बनी थी 'ब्रेकथ्रू'
पिछले साल अक्तूबर में रूस के कजान में ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच महत्वपूर्ण बैठक हुई थी। यह पांच साल में दोनों नेताओं की पहली औपचारिक बातचीत थी। पीएम मोदी ने साफ कहा था कि भारत-चीन संबंध आपसी विश्वास, सम्मान और संवेदनशीलता पर आधारित होने चाहिए।

राजनाथ सिंह डोभाल कर चुके हैं चीन का दौरा
प्रधानमंत्री की उस बैठक के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने भी चीन का दौरा किया और कई अहम मुद्दों पर चर्चा की। बीजिंग में हुई एससीओ सुरक्षा सलाहकारों की बैठक में डोभाल ने पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के खतरे को गंभीरता से उठाया था।

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सिंह ने की थी भारत-चीन सीमा पर शांति की बात

अपने चीन दौरे के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी अपने चीनी समकक्ष एडमिरल डोंग जून से मुलाकात की थी। उन्होंने भारत-चीन सीमा पर शांति बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया। साथ ही स्थायी समाधान के लिए बातचीत का रास्ता अपनाने की बात कही। उन्होंने कैलाश मानसरोवर यात्रा के फिर से शुरू होने को भी एक सकारात्मक संकेत बताया और दोनों देशों के बीच 75 वर्षों के राजनयिक संबंधों को एक महत्वपूर्ण पड़ाव बताया।

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