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Sagarika Ghose: 'इनका बंगाल विरोधी चेहरा फिर उजागर', टीएमसी नेता सागरिका घोष ने अब इस मुद्दे पर भाजपा को घेरा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पश्चिम बंगाल
Published by: हिमांशु चंदेल
Updated Wed, 05 Nov 2025 03:37 PM IST
सार
टीएमसी सांसद सागरिका घोष ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि पार्टी के किसी बंगाल सांसद ने संसद में देशबंधु चित्तरंजन दास को श्रद्धांजलि नहीं दी, जिससे उसका ‘बंगाल विरोधी’ चेहरा सामने आया।
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सागरिका घोष
- फोटो : एएनआई (फाइल)
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विस्तार
तृणमूल कांग्रेस ने बुधवार को भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए उसे ‘बंगाल विरोधी’ पार्टी कहा। इतना ही नहीं, टीएमसी सांसद सागरिका घोष ने आगे कहा कि संसद के सेंट्रल हॉल में देशबंधु चित्तरंजन दास की जयंती पर आयोजित श्रद्धांजलि समारोह में भाजपा के किसी भी बंगाल सांसद ने हिस्सा नहीं लिया। घोष ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा कि भाजपा बंगाल में वोट पाने की कोशिश कर रही है, लेकिन उसके सांसद अपने राज्य के महानायकों को सम्मान देने नहीं पहुंचे।
टीएमसी की राज्यसभा उपनेता सागरिका घोष ने अपने पोस्ट में लिखा कि बंगाल में वोट जीतने को बेताब भाजपा को एक सवाल देशबंधु चित्तरंजन दास को श्रद्धांजलि देने के समारोह में भाजपा के बंगाल सांसद कहां थे? उन्होंने आगे कहा कि भाजपा का ‘बंगला विरोधी’ रवैया एक बार फिर सामने आया है। टीएमसी हमेशा बंगाल के महापुरुषों को याद रखेगी और सम्मान देगी। घोष ने दास को बंगाल का प्रतीक, महान वकील और स्वतंत्रता आंदोलन का नायक बताया।
संसद में हुई श्रद्धांजलि सभा
लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि बुधवार को संविधान सदन के सेंट्रल हॉल में देशबंधु चित्तरंजन दास के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर कई सांसदों, पूर्व सांसदों और लोकसभा के महासचिव उतपाल कुमार सिंह समेत लोकसभा व राज्यसभा सचिवालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने स्वतंत्रता सेनानी को श्रद्धांजलि दी। समारोह में आए गणमान्य व्यक्तियों को दास के जीवन पर आधारित हिंदी और अंग्रेजी पुस्तिका भी प्रदान की गई।
ये भी पढ़ें- 'सीमा-स्वीटी बनकर ब्राजीली मॉडल ने हरियाणा चुनाव में डाले वोट', राहुल गांधी ने लगाए बड़े आरोप
1958 में संसद में हुआ था चित्र का अनावरण
लोकसभा सचिवालय के अनुसार, देशबंधु चित्तरंजन दास का चित्र संसद के सेंट्रल हॉल में 12 सितंबर 1958 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने अनावरण किया था। इस आयोजन का उद्देश्य स्वतंत्रता संग्राम के उन महानायकों को सम्मानित करना था, जिन्होंने भारत की आज़ादी की लड़ाई में अग्रणी भूमिका निभाई।
कौन थे देशबंधु चित्तरंजन दास?
चित्तरंजन दास, जिन्हें लोग स्नेह से ‘देशबंधु’ कहते थे, ब्रिटिश शासनकाल में एक प्रमुख वकील, राजनीतिक कार्यकर्ता और स्वतंत्रता सेनानी थे। उन्होंने बंगाल में स्वराज पार्टी की स्थापना की और सुभाष चंद्र बोस जैसे कई राष्ट्रवादी नेताओं के मार्गदर्शक रहे। बंगाल की जनता आज भी उन्हें अपने गौरव के प्रतीक के रूप में देखती है।
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संसद में हुई श्रद्धांजलि सभा
लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि बुधवार को संविधान सदन के सेंट्रल हॉल में देशबंधु चित्तरंजन दास के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर कई सांसदों, पूर्व सांसदों और लोकसभा के महासचिव उतपाल कुमार सिंह समेत लोकसभा व राज्यसभा सचिवालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने स्वतंत्रता सेनानी को श्रद्धांजलि दी। समारोह में आए गणमान्य व्यक्तियों को दास के जीवन पर आधारित हिंदी और अंग्रेजी पुस्तिका भी प्रदान की गई।
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1958 में संसद में हुआ था चित्र का अनावरण
लोकसभा सचिवालय के अनुसार, देशबंधु चित्तरंजन दास का चित्र संसद के सेंट्रल हॉल में 12 सितंबर 1958 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने अनावरण किया था। इस आयोजन का उद्देश्य स्वतंत्रता संग्राम के उन महानायकों को सम्मानित करना था, जिन्होंने भारत की आज़ादी की लड़ाई में अग्रणी भूमिका निभाई।
कौन थे देशबंधु चित्तरंजन दास?
चित्तरंजन दास, जिन्हें लोग स्नेह से ‘देशबंधु’ कहते थे, ब्रिटिश शासनकाल में एक प्रमुख वकील, राजनीतिक कार्यकर्ता और स्वतंत्रता सेनानी थे। उन्होंने बंगाल में स्वराज पार्टी की स्थापना की और सुभाष चंद्र बोस जैसे कई राष्ट्रवादी नेताओं के मार्गदर्शक रहे। बंगाल की जनता आज भी उन्हें अपने गौरव के प्रतीक के रूप में देखती है।
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