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एसबीआई: जेट के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया मजबूरी, 8,500 करोड़ रुपए की होनी है वसूली

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई Published by: Avdhesh Kumar Updated Sat, 22 Jun 2019 01:34 AM IST
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SBI Says Bankruptcy Process Compulsions Against Jet
jet airways - फोटो : PTI
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कर्ज संकट से जूझ रही जेट एयरवेज के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू करना कर्जदाता बैंकों की मजबूरी है। जेट एयरवेज के कर्जदाता समूह बैंकों की अगुवाई करने वाले एसबीआई ने शुक्रवार को कहा कि एतिहाद की मांगें पूरी करना हमारे लिए संभव नहीं था। ऐसे में एनसीएलटी जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था।
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एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा कि एतिहाद एयरवेज खुले प्रस्ताव के तहत जेट पर लदे कर्ज में छूट चाहती थी। इसके अलावा वह घरेलू विमानन कंपनी के उड़ान स्लॉट को अपने लिए आरक्षित करने की मांग कर रही थी, जो हमारे अधिकार क्षेत्र से बाहर था और इसे पूरा करना संभव नहीं था। उन्होंने कहा कि हमने अपनी तरफ से कंपनी को पूंजी उपलब्ध कराने और रणनीतिक निवेशक तलाश करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। 
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कंपनी की वित्तीय हालत लगातार कमजोर होती जा रही है और पिछले एक साल से वह समाधान की कोशिशों में लगी थी। बैंक ने कहा कि बोली के दौरान एतिहाद, एनआईआईएफ, टीपीजी कैपिटल और इंडिगो पार्टनर्स ने रुचि दिखाई थी, लेकिन बोलीदाताओं ने निवेश से पहले कई शर्तें रखीं, जिसे पूरा कर पाना कर्जदाता समूह के लिए संभव नहीं था। 

बैंकों ने सिर्फ खुद को बताया कर्जदाता

एसबीआई के साथ 26 बैंकों ने एनसीएलटी में 17 जून को दाखिल अपनी याचिका में सिर्फ खुद को कंपनी का कर्जदाता बताया है। उन्होंने कहा है कि कंपनी के प्रबंधन के किसी भी कामकाज में कर्जदाताओं का कोई हस्तक्षेप नहीं रहा है। यह जेट एयरवेज की जिम्मेदारी है कि वह सेबी के नियमों के तहत एक सूचीबद्ध कंपनी के तौर पर अपनी सभी जानकारियों का खुलासा करे।
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