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Shivraj Singh Chouhan: यूपीए ने कर दिया था मना, कृषि मंत्री बोले- पीएम मोदी ने लाभ के साथ एमएसपी घोषित किया
अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली
Published by: दीपक कुमार शर्मा
Updated Sat, 08 Feb 2025 07:20 AM IST
सार
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि पीएम मोदी ने उत्पादन लागत पर 50 फीसदी लाभ जोड़कर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) घोषित किया, जबकि कांग्रेस सरकार के समय स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने से इन्कार कर दिया गया था।
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संसद में शुक्रवार को सवालों के जवाब देते कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान।
- फोटो : एजेंसी
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विस्तार
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने शुक्रवार को राज्यसभा में कृषि से जुड़े सवालों का जवाब देते हुए कहा कि किसानों के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वह कर दिखाया है, जो यूपीए की सरकार नहीं कर पाई थी। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने उत्पादन लागत पर 50 फीसदी लाभ जोड़कर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) घोषित किया, जबकि कांग्रेस सरकार के समय स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने से इन्कार कर दिया गया था।
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कृषि मंत्री ने कहा कि विपक्ष के एक नहीं, बल्कि चार मंत्रियों ने बाकायदा हलफनामा देकर कहा था कि 50 फीसदी उत्पादन लागत पर मुनाफा जोड़कर एमएसपी तय नहीं किया जा सकता। इससे बाजार विकृत हो जाएगा। शिवराज ने कहा, हमने किसानों के लिए छह सूत्री रणनीति बनाई है जिसमें उत्पादन बढ़ाना, लागत घटाना, नुकसान की भरपाई करना, फसलों के वाजिब दाम, फसलों का विविधिकरण व प्राकृतिक खेती शामिल है। इससे किसानों को बेहतर दाम और लाभ मिल सकेगा।
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कृषि मंत्री ने कहा, कम उपज वाले छोटे-छोटे किसान अकेले बेहतर दाम नहीं पा सकते हैं, इसलिए एफपीओ का निर्माण किया जा रहा है। अब तक 10 हजार से ज्यादा एफपीओ बनाए गए हैं। ये संगठित होकर अपने सामान की मार्केटिंग-ब्रांडिंग कर सकते हैं। जब ये संगठित होते हैं, तो इनकी उचित मूल्य प्राप्त करने की ताकत बढ़ जाती है। पैसा सीधे किसानों के खाते में जाता है।
ई-नाम एप की मदद से बेच सकते हैं उपज
भाजपा सांसद मयंक भाई जयदेव भाई नायक के एक सवाल के जवाब में शिवराज ने कहा कि देश का किसान अपनी उपज को देशभर की किसी भी मंडी में बेच सकता है। किसानों को ई नाम एप के जरिए अपने उत्पाद प्रदर्शित करने का फायदा मिलता है। वे देशभर में अपने उत्पाद की कीमतों के बारे में जान सकते हैं और अपने उत्पाद की जानकारी साझा कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि एक करोड़ किसान ई नाम पोर्टल पर अपना नाम दर्ज कर चुके हैं।