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डायबीटिक मरीज सफर के दौरान रहें टेंशन फ्री: प्रीमियम ट्रेनों में मिलेगा शुगर फ्री फूड, करना होगा ये काम
डिजिटल ब्यूरो, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: राहुल कुमार
Updated Fri, 24 Oct 2025 02:41 PM IST
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सार
अब वंदे भारत, राजधानी, शताब्दी और दूरंतो जैसी प्रीमियम ट्रेनों में सफर करने वाले डायबिटिक यात्रियों को मिलेगा खास खाना। रेलवे ने इन ट्रेनों में डायबिटिक फूड ऑप्शन की सुविधा शुरू करने का फैसला किया है।
राजधानी एक्सप्रेस।
- फोटो : अमर उजाला।
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विस्तार
देश में बढ़ते डायबिटीज के मामलों को ध्यान में रखते हुए भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सेहत को लेकर बड़ा कदम उठाया है। अब वंदे भारत, राजधानी, शताब्दी और दूरंतो जैसी प्रीमियम ट्रेनों में सफर करने वाले डायबिटिक यात्रियों को मिलेगा खास खाना। रेलवे ने इन ट्रेनों में डायबिटिक फूड ऑप्शन की सुविधा शुरू करने का फैसला किया है।
आईआरसीटीसी का कहना है कि, इस फैसले का मकसद उन यात्रियों को सुविधा देना है जो डायबिटीज जैसी बीमारियों से जूझ रहे हैं और सफर में हेल्दी फूड ढूंढने में दिक्कत महसूस करते हैं। आमतौर पर यात्रियों को टिकट बुकिंग के वक्त विकल्प चयन करने पर इस तरह का भोजन दिया जाता था। लेकिन अब इस तरह के फूड की डिमांड ज्यादा बढ़ गई है। अब यात्री टिकट बुकिंग के दौरान यात्री इस तरह के फूड का विकल्प चुन सकेंगे कि उन्हें डायबिटिक डाइट चाहिए या सामान्य भोजन। जो यात्री यह विकल्प चुनेंगे, उन्हें यात्रा के दौरान शुगर नियंत्रित रखने वाला संतुलित आहार परोसा जाएगा।
रेलवे का कहना है कि, इस पहल का उद्देश्य यात्रियों की स्वास्थ्य आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए उन्हें बेहतर सुविधा देना है, ताकि ट्रेन यात्रा न केवल आरामदायक बल्कि सेहतमंद भी बने। रेलवे ने इसके लिए सभी संबंधित विभागों को आदेश जारी कर दिए हैं।
भारत में डायबिटीज के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के मुताबिक, देश में फिलहाल करीब 7.7 करोड़ लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं, जबकि 2.5 करोड़ से अधिक लोग प्री-डायबिटिक स्टेज में हैं। यानी आने वाले समय में उन्हें भी यह बीमारी हो सकती है। हर साल लगभग 16 लाख लोगों की मौत डायबिटीज से जुड़ी जटिलताओं के कारण होती है, जो चिंता का बड़ा कारण है। दुनिया में भारत डायबिटीज से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में दूसरे नंबर पर है। खासकर शहरी इलाकों में बदलती जीवनशैली, प्रोसेस्ड फूड का बढ़ता चलन और शारीरिक गतिविधियों की कमी ने इस बीमारी के फैलाव को और तेज कर दिया है।
सरकार और रेलवे बोर्ड के इस फैसले की स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी सरहाना कर रहे है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम न सिर्फ यात्रियों की सुविधा बढ़ाएगा, बल्कि लोगों में हेल्दी खाने की आदतों को भी प्रोत्साहित करेगा। रेलवे बोर्ड का मानना है कि अगर यह पहल सफल रही तो आने वाले समय में इसे अन्य प्रीमियम और लंबी दूरी की ट्रेनों में भी लागू किया जा सकता है।
डॉक्टर संजय वाधवानी अमर उजाला से चर्चा में कहते है कि, डायबिटिक मरीजों को ऐसा भोजन लेना चाहिए जिसमें चीनी की मात्रा कम, फाइबर अधिक और फैट नियंत्रित हो। इसी जरूरत को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने अब अपने मेनू में डायबिटिक-फ्रेंडली फूड शामिल करने का फैसला किया है। इस फैसले के बाद अब ट्रेन यात्रा के दौरान ऐसे यात्रियों को, जो अपने शुगर लेवल को लेकर सतर्क रहते हैं, बाहर का असुरक्षित खाना खाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। रेलवे का उद्देश्य है कि यात्रियों को हेल्दी, कंट्रोल्ड और सेफ मील दिया जाए, ताकि यात्रा न सिर्फ आरामदायक बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक बने।
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आईआरसीटीसी का कहना है कि, इस फैसले का मकसद उन यात्रियों को सुविधा देना है जो डायबिटीज जैसी बीमारियों से जूझ रहे हैं और सफर में हेल्दी फूड ढूंढने में दिक्कत महसूस करते हैं। आमतौर पर यात्रियों को टिकट बुकिंग के वक्त विकल्प चयन करने पर इस तरह का भोजन दिया जाता था। लेकिन अब इस तरह के फूड की डिमांड ज्यादा बढ़ गई है। अब यात्री टिकट बुकिंग के दौरान यात्री इस तरह के फूड का विकल्प चुन सकेंगे कि उन्हें डायबिटिक डाइट चाहिए या सामान्य भोजन। जो यात्री यह विकल्प चुनेंगे, उन्हें यात्रा के दौरान शुगर नियंत्रित रखने वाला संतुलित आहार परोसा जाएगा।
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रेलवे का कहना है कि, इस पहल का उद्देश्य यात्रियों की स्वास्थ्य आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए उन्हें बेहतर सुविधा देना है, ताकि ट्रेन यात्रा न केवल आरामदायक बल्कि सेहतमंद भी बने। रेलवे ने इसके लिए सभी संबंधित विभागों को आदेश जारी कर दिए हैं।
भारत में डायबिटीज के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के मुताबिक, देश में फिलहाल करीब 7.7 करोड़ लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं, जबकि 2.5 करोड़ से अधिक लोग प्री-डायबिटिक स्टेज में हैं। यानी आने वाले समय में उन्हें भी यह बीमारी हो सकती है। हर साल लगभग 16 लाख लोगों की मौत डायबिटीज से जुड़ी जटिलताओं के कारण होती है, जो चिंता का बड़ा कारण है। दुनिया में भारत डायबिटीज से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में दूसरे नंबर पर है। खासकर शहरी इलाकों में बदलती जीवनशैली, प्रोसेस्ड फूड का बढ़ता चलन और शारीरिक गतिविधियों की कमी ने इस बीमारी के फैलाव को और तेज कर दिया है।
सरकार और रेलवे बोर्ड के इस फैसले की स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी सरहाना कर रहे है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम न सिर्फ यात्रियों की सुविधा बढ़ाएगा, बल्कि लोगों में हेल्दी खाने की आदतों को भी प्रोत्साहित करेगा। रेलवे बोर्ड का मानना है कि अगर यह पहल सफल रही तो आने वाले समय में इसे अन्य प्रीमियम और लंबी दूरी की ट्रेनों में भी लागू किया जा सकता है।
डॉक्टर संजय वाधवानी अमर उजाला से चर्चा में कहते है कि, डायबिटिक मरीजों को ऐसा भोजन लेना चाहिए जिसमें चीनी की मात्रा कम, फाइबर अधिक और फैट नियंत्रित हो। इसी जरूरत को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने अब अपने मेनू में डायबिटिक-फ्रेंडली फूड शामिल करने का फैसला किया है। इस फैसले के बाद अब ट्रेन यात्रा के दौरान ऐसे यात्रियों को, जो अपने शुगर लेवल को लेकर सतर्क रहते हैं, बाहर का असुरक्षित खाना खाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। रेलवे का उद्देश्य है कि यात्रियों को हेल्दी, कंट्रोल्ड और सेफ मील दिया जाए, ताकि यात्रा न सिर्फ आरामदायक बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक बने।