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हैदराबाद एनकाउंटर मामला: सुप्रीम कोर्ट ने जांच समिति को और छह महीने का समय दिया
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: गौरव पाण्डेय
Updated Tue, 03 Aug 2021 09:06 PM IST
सार
हैदराबाद में पशु चिकित्सक से सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामले में चार आरोपियों की एनकाउंटर में हुई मौत पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अंतिम रिपोर्ट दाखिल करने के लिए तीन सदस्यीय समिति को छह और महीने का समय दे दिया। इस समिति की अध्यक्षता सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश वीएस सिरपुरकर कर रहे हैं। इसके साथ ही अदालत ने टिप्पणी की कि मामले की जांच आगे बढ़ती ही जा रही है।
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सांकेतिक तस्वीर
- फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन की अध्यक्षता वाली पीछ ने जांच समिति की ओर से पेश हुए अधिवक्ता के परमेश्वर से पूछा कि यह (समिति) जांच पूरी करने के लिए कितना और समय चाहती है। पीठ में शामिल न्यायाधीश सूर्यकांत ने कहा, 'यह मामला बढ़ता ही क्यों जा रहा है? यह तीन-चार महीने में किया जा सकता है। क्या 130-140 गवाहों से पूछताछ करना जरूरी है?' पीठ ने गैंग्स्टर विकास दुबे के एनकाउंटर के मामले की जांच के लिए गठित ऐसी ही समिति का उदाहरण देते हुए कहा कि इस मामले में रिपोर्ट दाखिल की जा चुकी है।
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हैदराबाद के एनकाउंटर मामले की जांच को लेकर पीठ ने परमेश्वर से पूछा कि जांच पूरी होने में देरी का क्या कारण है। अधिवक्ता ने पीठ को पताया कि आयोग को मामले में 130 गवाहों से पूछताछ करनी है और कोरोना वायरस महामारी की वजह से बनी स्थिति के चलते इस काम में देरी हो रही है। इस पर पीठ ने उन्हें जांच पूरी करके अंतिम रिपोर्ट दाखिल करने के लिए छह और महीने का समय दिया। बता दें कि इस समिति का गठन 12 दिसंबर 2019 को किया गया था और तब इसे जांच के लिए छह महीने का समय दिया गया था।
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अब तक तीन बढ़ाई जा चुकी है समिति की अवधि
समिति के अन्य सदस्यों में बॉम्बे हाईकोर्ट की पूर्व न्यायाधीश रेखा सोंदुर बालडोटा और सीबीआई के पूर्व निदेशक डीआर कार्तिकेयन शामिल हैं। अब तक समिति की अवधि तीन बार बढ़ चुकी है। सबसे पहले इसे जुलाई 2020 में छह महीने के लिए बढ़ाया गया था। समिति नियुक्त करते समय, शीर्ष अदालत ने मामले में तेलंगाना हाईकोर्ट और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) में लंबित कार्यवाही रोक दी थी और यह कहते हुए एसआईटी रिपोर्ट मांगी थी कि अदले आदेश तक कोई भी अन्य प्राधिकरण इस मामले की जांच नहीं करेगा।