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Supreme Court: केरल में SIR के खिलाफ अपील, स्थानीय निकाय चुनाव का हवाला देकर IUML पहुंची सुप्रीम कोर्ट
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली।
Published by: ज्योति भास्कर
Updated Mon, 17 Nov 2025 03:40 PM IST
सार
केरल में स्थानीय निकाय चुनावों का हवाला देते हुए IUML ने चुनाव आयोग की प्रक्रिया SIR के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। बता दें कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का काम 12 राज्यों में चल रहा है। कई राज्यों में इस पर आपत्ति जताई जा रही है। जानिए एसआईआर को लेकर क्या हैं आईयूएमएल की दलीलें
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सुप्रीम कोर्ट (फाइल तस्वीर)
- फोटो : ANI
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विस्तार
केरल में चुनाव आयोग की प्रक्रिया- SIR के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की गई है। स्थानीय निकाय चुनाव का हवाला देते हुए विपक्षी खेमे की राजनीतिक पार्टी- इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) ने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है। बता दें कि केरल का सत्ताधारी दल- LDF भी एसआईआर का विरोध कर रहा है। इसी बीच IUML ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपील में कहा है कि चुनाव आयोग को मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का काम तत्काल रोक देना चाहिए, क्योंकि स्थानीय चुनाव के बीच वोटर लिस्ट में बदलाव नहीं किया जा सकता।
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'9 और 11 दिसंबर को होना है चुनाव, इसी बीच SIR कराना ठीक नहीं'
याचिका में कहा गया है कि केरल राज्य निर्वाचन आयोग ने स्थानीय निकाय चुनावों की अधिसूचना जारी कर दी है। 9 और 11 दिसंबर को दो चरणों में चुनाव कराए जाने हैं। ऐसे में चुनाव प्रक्रिया के बीच एसआईआर कराया जाना पहले से स्थापित मानकों और चुनावी प्रक्रिया के खिलाफ है। इससे निष्पक्ष चुनाव बाधित हो सकता है। IUML ने अपनी दलील में इस बात को भी रेखांकित किया है कि केरल में एसआईआर के बाद मतदाताओं के ड्राफ्ट रोल 4 दिसंबर को प्रकाशित किए जाने हैं।
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एसआईआर अनुचित और मनमाना बताने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दी गई दलीलें
आईयूएमएल ने एसआईआर कराने के चुनाव आयोग के फैसले पर सवाल खड़े किए और कहा, अवास्तविक समयसीमा निर्धारित करना मनमानी है। एसआईआर को लेकर 27 अक्तूबर को जारी चुनाव आयोग की अधिसूचना को रद्द करने का निर्देश देने की अपील करते हुए आईयूएमएल ने कहा, एसआईआर कराने से पहले आयोग ने केरल की मतदाता सूचियों में धोखाधड़ी, नामों के दोहराव या व्यवस्थित भ्रष्टाचार के बारे में कोई प्रमाणिक निष्कर्ष नहीं निकाला। इसके बिना एसआईआर अनुचित और मनमाना है।
27 अक्तूबर को हुआ फैसला- केरल समेत 12 राज्यों में SIR कराया जाएगा
बता दें कि केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने 27 अक्तूबर को केरल समेत 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में मतदाता सूचियों की शुद्धि का अभ्यास शुरू करने का एलान किया था। अब केरल में जारी एसआईआर के खिलाफ दायर याचिका में आईयूएमएल महासचिव पीके कुन्हालीकुट्टी ने कहा, 'वैध और मौजूदा मतदाता सूची को दोबारा तैयार करने का यह व्यापक प्रयास अनुचित और मनमाना है।' उन्होंने चुनाव के बीच मतदाता सूची के पुन: सत्यापन कराए जाने की जरूरत पर भी सवाल खड़े किए।
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क्या केरल के बीएलओ ने दबाव में आत्महत्या कर ली?
याचिका में कहा गया है कि एसआईआर प्रक्रिया के लिए निर्धारित एक महीने का समय काफी नहीं है। आईयूएमएल का दावा है कि एसआईआर की प्रक्रिया इतने अव्यावहारिक तरीके से तैयार की गई है कि बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम कट जाएंगे। चुनाव आयोग की प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग करते हुए IUML ने रविवार को केरल में बूथ लेवल अधिकारी (BLO) अनीश जॉर्ज की मौत का भी हवाला दिया। खबरों के मुताबिक बीएलओ अनीश की मौत कथित तौर पर एसआईआर के कारण अत्यधिक कार्य दबाव में हुई है। अनीश ने दबाव में आत्महत्या कर ली।
निर्वाचन आयोग ने SIR के लिए किन राज्यों को चुना
गौरतलब है कि पिछले महीने केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का दूसरा चरण आयोजित करने की घोषणा की थी। प्रक्रिया पूरी होने के बाद अंतिम मतदाता सूची 7 फरवरी, 2026 को प्रकाशित की जाएगी। एसआईआर अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल कराया जा रहा है।