SC Updates: सोनम वांगचुक की हिरासत के मामले में कोर्ट ने टाली सुनवाई, अब 15 अक्तूबर को होगी


सुप्रीम कोर्ट का दमन के सांसद को बॉम्बे हाईकोर्ट जाने का निर्देश
मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की पीठ ने सांसद उमेशभाई बाबूभाई पटेल से अपनी याचिका बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर करने को कहा। सुनवाई के दौरान, पटेल के वकील ने दलील दी कि सांसद पर 52 एफआईआर दर्ज हैं और वह लोकपाल द्वारा पारित एक आदेश को भी चुनौती दे रहे हैं।
वकील ने दलील दी कि सांसद के खिलाफ कई मामले केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन में भ्रष्टाचार और वित्तीय कुप्रबंधन के खिलाफ उनकी आवाज उठाने का नतीजा हैं। इस पर चीफ जस्टिस ने पूछा, "क्या एक सांसद और एक आम नागरिक के लिए कानून अलग-अलग हो सकते हैं?"
जब वकील ने तर्क दिया कि पटेल जनता की ओर से काम करने वाले एक निर्वाचित प्रतिनिधि हैं, तो मुख्य न्यायाधीश गवई ने जवाब दिया, "यह ठीक है। आप अधिकार क्षेत्र वाले उच्च न्यायालय का रुख कर सकते हैं।"
आईक्लाउड पासवर्ड तेलंगाना पुलिस को सौंपे टी प्रभाकर, फोन टैपिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट
तेलंगाना के स्पेशल इंटेलिजेंस ब्यूरो के पूर्व प्रमुख टी प्रभाकर राव के खिलाफ चल रहे फोन टैपिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बड़ा आदेश दिया। कोर्ट ने राव को निर्देश दिया है कि वे अपने आईक्लाउड अकाउंट का पासवर्ड राज्य पुलिस को फॉरेंसिक विशेषज्ञों की मौजूदगी में सौंपें। जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस आर. महादेवन की पीठ ने यह भी कहा कि राव को जांच अधिकारी के सामने पेश होकर जांच में पूरा सहयोग करना होगा। साथ ही, कोर्ट ने उन्हें किसी भी जबरन कार्रवाई से अंतरिम सुरक्षा देना जारी रखा है।
जांच में रुकावट और सबूत मिटाने का आरोप
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुनवाई के दौरान अदालत को बताया कि राव जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राव ने अपने इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को फॉर्मेट कर सबूत नष्ट कर दिए, जबकि कोर्ट की सुरक्षा उन्हें मिली हुई थी। मेहता ने बताया कि उन्होंने डिवाइस को ऐसा फॉर्मेट किया है कि वह बिल्कुल नया लग रहा है। फॉरेंसिक रिपोर्ट में भी यही कहा गया है। उन्होंने यह भी कहा कि राव ने 15 हार्ड डिस्क खरीदी थीं, जिससे संदेह है कि उन्होंने बैकअप लिया है, लेकिन अब दावा कर रहे हैं कि उनके पास कुछ नहीं है।
राव की तरफ से आरोपों का खंडन
राव की ओर से वरिष्ठ वकील डी. एस. नायडू ने अदालत में दलील दी कि राव जांच में पूरी तरह से सहयोग कर रहे हैं और यह मामला राजनीतिक रूप से प्रेरित है। उन्होंने आरोप लगाया कि राव से पूछताछ के दौरान राजनीतिक नेताओं, सांसदों और विधायकों को भी आने की अनुमति दी गई, जो प्रक्रिया के खिलाफ है।
इस पर जस्टिस नागरत्ना ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि यह कोई तमाशा नहीं हो सकता। सांसद और विधायक आकर पूछताछ में शामिल कैसे हो सकते हैं? यह स्वीकार्य नहीं है। सॉलिसिटर जनरल मेहता ने इन आरोपों को खारिज कर दिया।