सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   India News ›   Supreme Court reprimanded petitioner in case related to post about PM court did not grant any relief

SC: 'मौलिक अधिकार का बेशर्मी से किया दुरुपयोग, राहत नहीं', पीएम पर पोस्ट के मामले में सुप्रीम कोर्ट की फटकार

अमर उजाला ब्यूरो Published by: लव गौर Updated Sat, 20 Dec 2025 05:08 AM IST
सार

मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस जॉयमाल्या बागची और जस्टिस विपुल एम पंचोली की पीठ ने 24 वर्षीय गुरुदत्त शेट्टी की याचिका खारिज कर दी। पीठ ने टिप्पणी की कि याचिकाकर्ता ने बोलने की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का बेशर्मी से दुरुपयोग किया है।

विज्ञापन
Supreme Court reprimanded petitioner in case related to post about PM court did not grant any relief
सुप्रीम कोर्ट - फोटो : पीटीआई
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बंगलूरू निवासी एक युवक के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सोशल मीडिया पोस्ट करने के मामले में दर्ज एफआईआर को रद्द करने से इन्कार कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का दुरुपयोग किया गया है और इस स्तर पर किसी तरह की राहत नहीं दी जा सकती।
Trending Videos


मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस जॉयमाल्या बागची और जस्टिस विपुल एम पंचोली की पीठ ने 24 वर्षीय गुरुदत्त शेट्टी की याचिका खारिज कर दी। पीठ ने टिप्पणी की कि याचिकाकर्ता ने बोलने की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का बेशर्मी से दुरुपयोग किया है। हालांकि, अदालत ने यह भी कहा कि शेट्टी कानून के अनुसार राहत के लिए संबंधित उच्च न्यायालय का रुख कर सकते हैं। अदालत में शेट्टी के वकील ने बिना शर्त माफी देने की पेशकश की और कुछ दिनों की अंतरिम सुरक्षा की मांग की, ताकि वह हाईकोर्ट जा सकें।  
विज्ञापन
विज्ञापन


सुरक्षा देने का सवाल ही नहीं
वकील ने दलील दी कि आरोप जमानती हैं और आशंका जताई कि गुजरात पहुंचते ही गैर-जमानती धाराएं जोड़ी जा सकती हैं। इस पर मुख्य न्यायाधीश ने स्पष्ट कहा कि किसी तरह की सुरक्षा का सवाल ही नहीं है। गुरुदत्त शेट्टी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 336 (4) और धारा 79 के तहत संज्ञेय और जमानती अपराध दर्ज किए गए हैं। शेट्टी का कहना था कि वह विवादित पोस्ट के लेखक नहीं हैं, बल्कि उन्होंने उसे केवल प्रश्नचिह्न के साथ री-पोस्ट किया था।

ये भी पढ़ें: Supreme Court: बच्चों की तस्करी और व्यावसायिक यौन शोषण पर कोर्ट सख्त, कहा- चिंताजनक और विचलित करने वाली सच्चाई

याचिकाकर्ता ने अपने कृत्य के लिए कोई खेद नहीं जताया
पीठ ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता ने अपने कृत्य के लिए कोई पश्चाताप या खेद नहीं जताया है। एफआईआर के मुताबिक, शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि पोस्ट का उद्देश्य प्रधानमंत्री की छवि धूमिल करना था। याचिका में शेट्टी ने यह भी दावा किया कि गुजरात पुलिस 10 नवंबर को बिना वारंट उनके बंगलूरू स्थित घर पहुंची और उन्हें जबरन ले गई। बाद में रात में उन्हें छोड़ा गया और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 35 के तहत जांच अधिकारी के सामने पेश होने का नोटिस दिया गया।

अन्य वीडियो
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed