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India China Row: चीन सीमा पर मिल रहे हैं भारतीय सेना के टॉप कमांडर्स, रक्षा मंत्री जवानों के साथ मनाएंगे दशहरा
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LAC
- फोटो :
Amar Ujala
विस्तार
भारत-चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर चल रहे तनाव के बीच भारतीय सेना के टॉप कमांडर इऩ दिनों सिक्कम के फॉरवर्ड एरिया में हैं। गंगटोक में सेना के टॉप कमांडर्स की कॉन्फ्रेंस चल रही है। इस कॉन्फ्रेंस में सेना की ऑपरेशनल तैयारियों की समीक्षा की जाएगी। वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी दशहरा के मौके पर भारतीय सेना के कमांडरों के सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए सिक्किम का दौरा करेंगे। यह कॉन्फ्रेंस दो चरणों में आयोजित की जा रही है। इसका पहला चरण सिक्कम में और दूसरा चरण इस महीने के आखिर में दिल्ली में आयोजित किया जाएगा।
इस दौरान कॉन्फ्रेंस में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सेना के सीनियर कमांडर्स मुख्य संबोधन देंगे, साथ ही उन्हें उभरती सुरक्षा चुनौतियों और सुरक्षा क्षेत्र में सेना की प्रतिक्रिया के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। वहीं, रक्षा मंत्री चीन से सटे फॉरवर्ड एरिया में तैनात जवानों के साथ दशहरा भी मनाएंगे। यह पहली बार है कि सेना के टॉप कमांडर सिक्किम में चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास एक महत्वपूर्ण बैठक कर रहे हैं। इस महीने की शुरुआत में एक कार्यक्रम के दौरान आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा था, "एलएसी पर स्थिति स्थिर है, लेकिन यह सामान्य नहीं है और संवेदनशील है। हम चाहते हैं कि अप्रैल 2020 से पहले वाली स्थिति बहाल हो।"
इससे पहले सितंबर में सेना प्रमुख ने इशारा किया था कि इस साल होने वाली कॉन्फ्रेंस की जगह से रणनीतिक संदेश दिया जाएगा, साथ ही इससे यह संदेश जाएगा कि आखिर हम चाहते क्या हैं। यह इस साल का दूसरा सैन्य कमांडक कॉन्फ्रेंस है, जिसे हाइब्रिड मोड में आयोजित किया जा रहा है। इसका पहला चरण 10-11 अक्तूबर को गंगटोक में और दूसरा चरण 28-29 अक्तूबर को दिल्ली में आयोजित किया जाएगा।
सेना की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि सेना के सीनियर कमांडरों का सम्मेलन फॉरवर्ड एरिया में आयोजित करना बताता है कि भारतीय सेना जमीनी हकीकत पर फोकस करना चाहती है। इस कॉन्फेंस में राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा होगी, जिसमें मौजूदा खतरों का मुकाबला करने के लिए सिविल-मिलिट्री गठजोड़ और डिप्लोमेटिक, इनफॉरमेशन, मिलिट्री और इकॉनमिक (डीआईएमई) जैसे अहम स्तंभों का एकीकरण भी शामिल है।
वहीं कॉन्फ्रेंस के दूसरे चरण में उभरते भू-राजनीतिक परिदृश्य पर चर्चा होगी, जिसके बाद ऑपरेशनल संबंधी मामलों पर चर्चा होगी और विभिन्न बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की बैठकें होंगी, जिसमें रिटायर्ड सैनिकों, वेटरन और उनके परिवारों की वित्तीय सुरक्षा के लिए कल्याणकारी उपायों और योजनाओं पर विचार-विमर्श किया जाएगा। इस दौरान सेना के वरिष्ठ अधिकारियों को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह भी संबोधित करेंगे।
वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 11-12 अक्तूबर को सिक्किम के दौरे पर रहेंगे, जहां वे 12 अक्तूबर को देश को 2,236 करोड़ रुपये की 75 परियोजनाओं की सौगात देंगे, जिनमें बॉर्डर इलाकों में सड़कें और पुल शामिल हैं। इनके बनने से लद्दाख, जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के फॉरवर्ड एरिय में तैनात जवानों को लॉजिस्टिक मदद पहुंचाने में मदद मिलेगी। बता दें कि इस साल अभी तक सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) देश को 111 इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स सौंप चुका है, जिनकी कुल लागत 3,751 करोड़ रुपये है।