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Supreme Court: भारत में बिटकॉइन ट्रेडिंग भी एक तरह का आधुनिक हवाला, शीर्ष अदालत ने कानून न होने पर जताई चिंता

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: पवन पांडेय Updated Mon, 05 May 2025 10:50 PM IST
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सार

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि भारत में बिटकॉइन में ट्रेडिंग करना, हवाला के आधुनिक तरीके से लेन-देन करने जैसा है', क्योंकि अभी तक केंद्र सरकार ने वर्चुअल करेंसी (क्रिप्टोकरेंसी) को लेकर कोई स्पष्ट कानून या नियम नहीं बनाए हैं।

Trading in Bitcoin in India is refined way of doing Hawala business: SC, News in Hindi
सुप्रीम कोर्ट और बिटकॉइन - फोटो : ANI
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सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि भारत में बिटकॉइन में कारोबार करना हवाला के आधुनिक तरीके जैसा है। कोर्ट ने यह भी अफसोस जताया कि केंद्र सरकार ने अब तक क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कोई साफ कानून नहीं बनाया है। कोर्ट यह टिप्पणी उस आई है, जब गुजरात के शैलेश बाबुलाल भट्ट की जमानत याचिका पर सुनवाई हो रही थी। भट्ट को पुलिस ने अवैध बिटकॉइन ट्रेडिंग के आरोप में पिछले साल अगस्त में गिरफ्तार किया था। वे तभी से जेल में हैं।
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'बिटकॉइन असली भी है, नकली भी'
इस दौरान जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, 'मैं खुद बिटकॉइन के बारे में ज्यादा नहीं जानता। लेकिन मुझे इतना समझ में आया है कि कुछ बिटकॉइन असली होते हैं और कुछ नकली। भारत में इसका कारोबार बिना नियम-कायदे के चल रहा है, जैसे हवाला का धंधा।'

'बिटकॉइन की कीमत 82 लाख रुपए'
मामले में शैलेश बाबुलाल भट्ट के वकील मुकुल रोहतगी ने कोर्ट में कहा, 'बिटकॉइन में ट्रेडिंग भारत में गैरकानूनी नहीं है। अभी एक बिटकॉइन की कीमत करीब 82 लाख रुपए है। विदेश में लोग सिर्फ एक बिटकॉइन से कार खरीद लेते हैं।'

सरकार और ईडी का जवाब मांगा
गुजरात सरकार और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोर्ट से समय मांगा ताकि वे भट्ट की जमानत याचिका पर विस्तार से जवाब दे सकें। कोर्ट ने उन्हें 10 दिन का समय दिया और अगली सुनवाई 19 मई को तय की है। सुप्रीम कोर्ट ने याद दिलाया कि दो साल पहले भी उसने केंद्र सरकार से पूछा था कि बिटकॉइन और क्रिप्टोकरेंसी का भारत में क्या कानूनी दर्जा है। लेकिन अब तक सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया।

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क्रिप्टो से धोखाधड़ी के मामले बढ़े
इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट के सामने एक मामला आया था, जिसमें एक व्यक्ति पर आरोप था कि उसने बिटकॉइन में निवेश का झांसा देकर देशभर के लोगों से ठगी की थी। कोर्ट ने उस समय भी सरकार से साफ नीति बनाने को कहा था।

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