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UMEED Portal: उम्मीद पोर्टल पर छह महीने में दर्ज हुईं 5.17 लाख वक्फ संपत्तियां, 2.16 लाख को मिली मंजूरी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नितिन गौतम
Updated Mon, 08 Dec 2025 11:36 AM IST
सार
वक्फ संपत्तियों के सरकार के उम्मीद पोर्टल पर दर्ज कराने की समयसीमा 6 दिसंबर को खत्म हो गई। जिसके बाद सरकार ने आंकड़े जारी कर बताया कि कितनी वक्फ संपत्तियां पोर्टल पर दर्ज हुईं। साथ ही सरकार ने बताया है कि कितनी संपत्तियों को सत्यापन के दौरान खारिज कर दिया गया।
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उम्मीद पोर्टल की समयसीमा समाप्त
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
देश में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और डिजिटल दस्तावेज रखने के लिए शुरू किए गए UMEED पोर्टल पर कुल 5.17 लाख वक्फ संपत्तियां दर्ज की गई हैं, जिनमें से 2.16 लाख वक्फ संपत्तियों को मंजूरी मिल चुकी है। केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय ने ये आंकड़ा जारी किया है। उम्मीद पोर्टल को 6 जून 2025 को केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री किरेन रिजिजू ने शुरू किया था। इस पोर्टल पर छह महीने में वक्फ संपत्तियों का पंजीकरण होना था। सरकार के आंकड़ों के अनुसार, 10,869 संपत्तियां सत्यापन के दौरान खारिज कर दी गईं।
सरकार ने प्रशिक्षण वर्कशॉप और समीक्षा बैठकें आयोजित कीं
बीती 6 दिसंबर 2025 को उम्मीद पोर्टल पर वक्फ संपत्तियां दर्ज करने की समय सीमा समाप्त हो गई। मंत्रालय ने बताया कि आखिरी दिनों में उम्मीद पोर्टल पर वक्फ संपत्तियां दर्ज होने की संख्या में तेजी आई। उम्मीद पोर्टल पर संपत्तियों को दर्ज करने के लिए सरकार ने कई समीक्षा बैठक, ट्रेनिंग वर्कशॉप संचालित कीं। दिल्ली में वक्फ बोर्ड्स और राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारियों के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण वर्कशॉप भी संचालित की गई, ताकि बताया जा सके कि संपत्ति पोर्टल पर कैसे अपलोड करनी हैं। एक हेल्पलाइन नंबर और तकनीकी सपोर्ट टीम भी उपलब्ध कराई गई ताकि किसी तरह की परेशानी न हो।
सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश से दर्ज हुईं वक्फ संपत्तियां
आंकड़ों के अनुसार, सबसे ज्यादा वक्फ संपत्तियां उत्तर प्रदेश से दर्ज हुई हैं, जो 92,830 हैं। इनमें से 86,345 संपत्तियां सुन्नी समुदाय ने दर्ज कराई हैं और 6,485 संपत्तियां शिया समुदाय ने। उत्तर प्रदेश के बाद महाराष्ट्र में 62,939, कर्नाटक में 58,328 और पश्चिम बंगाल में 23,086 वक्फ संपत्तियां उम्मीद पोर्टल पर दर्ज कराई गई हैं।
ये भी पढ़ें- 150 Years of Vande Mataram: वंदे मातरम का सफरनामा, जानें 1875 का एक गीत कैसे बना भारत का राष्ट्रगीत
सरकार का समयसीमा बढ़ाने से इनकार
केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री किरेन रिजिजू ने शुक्रवार को UMEED पोर्टल पर वक्फ संपत्तियों को रजिस्टर करने की समयसीमा बढ़ाने से मना कर दिया। हालांकि, उन लोगों को तीन महीने की राहत दी गई है जिन्होंने पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू की थी लेकिन किसी कारण पूरा नहीं कर पाए। यह फैसला ऐसे समय आया है जब लाखों संपत्तियों के पंजीकरण में देरी की शिकायतें सामने आई हैं।
केंद्र सरकार ने देशभर में मौजूद वक्फ संपत्तियों के डिजिटल दस्तावेज बनाने के लिए 6 जून को यूनिफाइड वक्फ मैनेजमेंट, एम्पावरमेंट, एफिशिएंसी और डेवलपमेंट (UMEED) एक्ट नामक केंद्रीय पोर्टल लॉन्च किया था। पोर्टल के नियमों के अनुसार, देश भर में सभी पंजीकृत वक्फ संपत्तियों की जानकारी छह महीने के अंदर पोर्टल पर अपलोड करनी थी। रजिस्ट्रेशन के लिए छह महीने की समयसीमा 6 दिसंबर को रात 11:59:59 बजे खत्म हो गई।
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सरकार ने प्रशिक्षण वर्कशॉप और समीक्षा बैठकें आयोजित कीं
बीती 6 दिसंबर 2025 को उम्मीद पोर्टल पर वक्फ संपत्तियां दर्ज करने की समय सीमा समाप्त हो गई। मंत्रालय ने बताया कि आखिरी दिनों में उम्मीद पोर्टल पर वक्फ संपत्तियां दर्ज होने की संख्या में तेजी आई। उम्मीद पोर्टल पर संपत्तियों को दर्ज करने के लिए सरकार ने कई समीक्षा बैठक, ट्रेनिंग वर्कशॉप संचालित कीं। दिल्ली में वक्फ बोर्ड्स और राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारियों के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण वर्कशॉप भी संचालित की गई, ताकि बताया जा सके कि संपत्ति पोर्टल पर कैसे अपलोड करनी हैं। एक हेल्पलाइन नंबर और तकनीकी सपोर्ट टीम भी उपलब्ध कराई गई ताकि किसी तरह की परेशानी न हो।
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सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश से दर्ज हुईं वक्फ संपत्तियां
आंकड़ों के अनुसार, सबसे ज्यादा वक्फ संपत्तियां उत्तर प्रदेश से दर्ज हुई हैं, जो 92,830 हैं। इनमें से 86,345 संपत्तियां सुन्नी समुदाय ने दर्ज कराई हैं और 6,485 संपत्तियां शिया समुदाय ने। उत्तर प्रदेश के बाद महाराष्ट्र में 62,939, कर्नाटक में 58,328 और पश्चिम बंगाल में 23,086 वक्फ संपत्तियां उम्मीद पोर्टल पर दर्ज कराई गई हैं।
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सरकार का समयसीमा बढ़ाने से इनकार
केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री किरेन रिजिजू ने शुक्रवार को UMEED पोर्टल पर वक्फ संपत्तियों को रजिस्टर करने की समयसीमा बढ़ाने से मना कर दिया। हालांकि, उन लोगों को तीन महीने की राहत दी गई है जिन्होंने पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू की थी लेकिन किसी कारण पूरा नहीं कर पाए। यह फैसला ऐसे समय आया है जब लाखों संपत्तियों के पंजीकरण में देरी की शिकायतें सामने आई हैं।
केंद्र सरकार ने देशभर में मौजूद वक्फ संपत्तियों के डिजिटल दस्तावेज बनाने के लिए 6 जून को यूनिफाइड वक्फ मैनेजमेंट, एम्पावरमेंट, एफिशिएंसी और डेवलपमेंट (UMEED) एक्ट नामक केंद्रीय पोर्टल लॉन्च किया था। पोर्टल के नियमों के अनुसार, देश भर में सभी पंजीकृत वक्फ संपत्तियों की जानकारी छह महीने के अंदर पोर्टल पर अपलोड करनी थी। रजिस्ट्रेशन के लिए छह महीने की समयसीमा 6 दिसंबर को रात 11:59:59 बजे खत्म हो गई।
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