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Politics: कैसे टूटा था यूपीए-रामविलास का गठबंधन? चिराग ने बताया- एनडीए में जाने के लिए पिता को कैसे मनाया
न्यूज डेस्क, अमर उजाला
Published by: पवन पांडेय
Updated Tue, 16 Jul 2024 07:57 PM IST
सार
केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने बताया कि उनकी पार्टी 2014 में किस वजह से यूपीए गठबंधन से अलग हुई और उनके पिता रामविलास पासवान ने एनडीए के साथ गठबंधन बनाया।
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कैसे टूटा था यूपीए-रामविलास का गठबंधन? चिराग पासवान की जुबानी
- फोटो : ANI
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विस्तार
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने बड़ा खुलासा किया है, कि किस तरह से साल 2014 में उनकी पार्टी का गठबंधन यूपीए के साथ नहीं सका, उन्होंने बताया कि इसकी मुख्य वजह कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ एक बैठक न होना है। जिसकी वजह से उनके पिता रामविलास पासवान को उन्हें वैकल्पिक गठबंधनों पर विचार करने के लिए प्रेरित किया। चिराग पासवान ने अपने पिता को अन्य गठबंधनों पर विचार करने के लिए राजी करने में आने वाली चुनौतियों का भी खुलासा किया।
भाजपा के गठबंधन के खिलाफ थे पापा- चिराग
एलजेपी (रामविलास) प्रमुख ने बताया कि उनके लिए अपने पिता को भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन में शामिल होने के लिए राजी करना कितना मुश्किल था। उन्होंने कहा, कि पापा इसके खिलाफ थे। उन्हें मनाना मुश्किल था। और दूसरी ओर मैं इसे दृढ़ता से चाहता था।
प्रधानमंत्री के भाषणों से काफी प्रभावित था मैं- चिराग
चिराग पासवान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषणों के प्रति अपने आकर्षण के बारे में भी बात की और कहा, मैंने अपने और अपने प्रधानमंत्री के बीच संबंधों के बारे में बहुत सारे ताने सुने हैं। मैंने कई बातें सुनी हैं--एकतरफा प्यार और दूसरी कई बातें। मेरे प्रधानमंत्री के प्रति मेरा आकर्षण, वे जो कुछ भी कहते थे, उनके शब्द और उनके भाषण, किसी तरह मुझे बहुत प्रभावित करते थे। और मैं चाहता था कि हम उनके साथ गठबंधन करें।
'मेरे पिता यूपीए गठबंधन में बहुत सहज थे'
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उनके पिता यूपीए के साथ सहज थे और किसी अन्य गठबंधन पर विचार करने के लिए तैयार नहीं थे। मेरे पिता यूपीए गठबंधन में बहुत सहज थे और वे इसे जारी रखना चाहते थे। मुझे याद है कि अक्टूबर या नवंबर 2013 में, मैंने अपने पिता से कहा था कि हमें वैकल्पिक गठबंधनों के बारे में भी सोचना चाहिए। और पापा ने कहा कि विकल्प क्या हैं? मैंने कहा भाजपा। जिस पर मेरे पिता ने कहा कि वे जहर खा लेंगे लेकिन वे भाजपा के साथ नहीं जाएंगे। वे उनके साथ जाने के बहुत खिलाफ थे। कई महीनों तक, मुझमें हिम्मत नहीं थी।
'लालू और आरजेडी की वजह से दूसरे गठबंधन में गए'
चिराग पासवान ने आगे बताया कि जब उन्हें पार्टी के संसदीय बोर्ड की जिम्मेदारी दी गई, तो उन्हें पता चला कि अन्य सदस्य दूसरे गठबंधन के साथ जाने की इच्छा रखते हैं। उन्होंने कहा, जब मैंने बोर्ड के अन्य सदस्यों से बात करना शुरू किया, तो मुझे लगा कि हर कोई वैकल्पिक गठबंधन के साथ जाना चाहता है, कांग्रेस की वजह से नहीं बल्कि लालू प्रसाद यादव और आरजेडी की वजह से। पार्टी के कई नेताओं की राय थी कि हमें वैकल्पिक गठबंधन पर विचार करना चाहिए।
'आरजेडी नेताओं की तरफ से किया जा रहा था अपमान'
यूपीए गठबंधन में आरजेडी के साथ अपने अनुभव के बारे में बात करते हुए चिराग पासवान ने कहा कि वे उनके द्वारा घेरे जा रहे थे। चिराग पासवान ने कहा, आरजेडी में कई नेता थे जो कहते थे कि हमें 2.5 सीटें मिलनी चाहिए- एक मेरे पिता को, एक मेरे चाचा को और आधी सीट मुझे। आरजेडी की ओर से कई अपमानजनक बयान आते थे। एलजेपी प्रमुख ने अपने पिता और कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के बीच हुई मुलाकात के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा, उस समय पापा सोनिया गांधी से मिलते रहे और सोनिया गांधी चाहती थीं कि पापा राहुल गांधी से मिलें। लेकिन किसी तरह, वह मुलाकात कभी नहीं हो पाई।
आखिर में पिता जी ने मुझे मौका दिया- चिराग पासवान
उन्होंने कहा, हम दोनों राहुल गांधी से कभी नहीं मिले। हम तीन बार सोनिया गांधी से मिले और तीनों बार उन्होंने राहुल गांधी से मिलने और वहां से आगे बढ़ने की बात कही। अपने पिता के बैठकों से परेशान होने के बारे में बताते हुए पासवान ने कहा, मुझे याद है, एक बार पापा सीपी जोशी के साथ हुई एक बैठक से बहुत परेशान थे। फिर मुझे नहीं पता कि वह एक कमजोर पल था या क्या! पापा ने मुझसे कहा कि तुम वैकल्पिक गठबंधन की बात कर रहे हो, इस पर बात करो। मैं बीच में नहीं आऊंगा, लेकिन तुम अपने स्तर पर बात करो। फिर मैंने राजनाथ सिंह से बात की। कई अन्य लोग थे- रविशंकर प्रसाद और शाहनवाज़ हुसैन। ये वे लोग थे जिनसे मैं पहले ही बात कर चुका था और बात बन गई।
बता दें कि साल 2004 के लोकसभा चुनाव में लोजपा (अब लोजपा (रामविलास)) ने राजद के साथ कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए में थी। फिर 2014 के लोकसभा चुनाव में लोजपा ने भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए में आयी थी।
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भाजपा के गठबंधन के खिलाफ थे पापा- चिराग
एलजेपी (रामविलास) प्रमुख ने बताया कि उनके लिए अपने पिता को भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन में शामिल होने के लिए राजी करना कितना मुश्किल था। उन्होंने कहा, कि पापा इसके खिलाफ थे। उन्हें मनाना मुश्किल था। और दूसरी ओर मैं इसे दृढ़ता से चाहता था।
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प्रधानमंत्री के भाषणों से काफी प्रभावित था मैं- चिराग
चिराग पासवान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषणों के प्रति अपने आकर्षण के बारे में भी बात की और कहा, मैंने अपने और अपने प्रधानमंत्री के बीच संबंधों के बारे में बहुत सारे ताने सुने हैं। मैंने कई बातें सुनी हैं--एकतरफा प्यार और दूसरी कई बातें। मेरे प्रधानमंत्री के प्रति मेरा आकर्षण, वे जो कुछ भी कहते थे, उनके शब्द और उनके भाषण, किसी तरह मुझे बहुत प्रभावित करते थे। और मैं चाहता था कि हम उनके साथ गठबंधन करें।
'मेरे पिता यूपीए गठबंधन में बहुत सहज थे'
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उनके पिता यूपीए के साथ सहज थे और किसी अन्य गठबंधन पर विचार करने के लिए तैयार नहीं थे। मेरे पिता यूपीए गठबंधन में बहुत सहज थे और वे इसे जारी रखना चाहते थे। मुझे याद है कि अक्टूबर या नवंबर 2013 में, मैंने अपने पिता से कहा था कि हमें वैकल्पिक गठबंधनों के बारे में भी सोचना चाहिए। और पापा ने कहा कि विकल्प क्या हैं? मैंने कहा भाजपा। जिस पर मेरे पिता ने कहा कि वे जहर खा लेंगे लेकिन वे भाजपा के साथ नहीं जाएंगे। वे उनके साथ जाने के बहुत खिलाफ थे। कई महीनों तक, मुझमें हिम्मत नहीं थी।
'लालू और आरजेडी की वजह से दूसरे गठबंधन में गए'
चिराग पासवान ने आगे बताया कि जब उन्हें पार्टी के संसदीय बोर्ड की जिम्मेदारी दी गई, तो उन्हें पता चला कि अन्य सदस्य दूसरे गठबंधन के साथ जाने की इच्छा रखते हैं। उन्होंने कहा, जब मैंने बोर्ड के अन्य सदस्यों से बात करना शुरू किया, तो मुझे लगा कि हर कोई वैकल्पिक गठबंधन के साथ जाना चाहता है, कांग्रेस की वजह से नहीं बल्कि लालू प्रसाद यादव और आरजेडी की वजह से। पार्टी के कई नेताओं की राय थी कि हमें वैकल्पिक गठबंधन पर विचार करना चाहिए।
'आरजेडी नेताओं की तरफ से किया जा रहा था अपमान'
यूपीए गठबंधन में आरजेडी के साथ अपने अनुभव के बारे में बात करते हुए चिराग पासवान ने कहा कि वे उनके द्वारा घेरे जा रहे थे। चिराग पासवान ने कहा, आरजेडी में कई नेता थे जो कहते थे कि हमें 2.5 सीटें मिलनी चाहिए- एक मेरे पिता को, एक मेरे चाचा को और आधी सीट मुझे। आरजेडी की ओर से कई अपमानजनक बयान आते थे। एलजेपी प्रमुख ने अपने पिता और कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के बीच हुई मुलाकात के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा, उस समय पापा सोनिया गांधी से मिलते रहे और सोनिया गांधी चाहती थीं कि पापा राहुल गांधी से मिलें। लेकिन किसी तरह, वह मुलाकात कभी नहीं हो पाई।
आखिर में पिता जी ने मुझे मौका दिया- चिराग पासवान
उन्होंने कहा, हम दोनों राहुल गांधी से कभी नहीं मिले। हम तीन बार सोनिया गांधी से मिले और तीनों बार उन्होंने राहुल गांधी से मिलने और वहां से आगे बढ़ने की बात कही। अपने पिता के बैठकों से परेशान होने के बारे में बताते हुए पासवान ने कहा, मुझे याद है, एक बार पापा सीपी जोशी के साथ हुई एक बैठक से बहुत परेशान थे। फिर मुझे नहीं पता कि वह एक कमजोर पल था या क्या! पापा ने मुझसे कहा कि तुम वैकल्पिक गठबंधन की बात कर रहे हो, इस पर बात करो। मैं बीच में नहीं आऊंगा, लेकिन तुम अपने स्तर पर बात करो। फिर मैंने राजनाथ सिंह से बात की। कई अन्य लोग थे- रविशंकर प्रसाद और शाहनवाज़ हुसैन। ये वे लोग थे जिनसे मैं पहले ही बात कर चुका था और बात बन गई।
बता दें कि साल 2004 के लोकसभा चुनाव में लोजपा (अब लोजपा (रामविलास)) ने राजद के साथ कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए में थी। फिर 2014 के लोकसभा चुनाव में लोजपा ने भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए में आयी थी।